
सैकड़ों किसानों ने घेरा कुमरदा तहसील कार्यालय, सहकारी बैंक की शाखा की मांग
0 5 मुद्दों को लेकर आयोजित प्रदर्शन में जुटे दर्जनों गांव के किसान
राजनांदगांव।
खुज्जी विधानसभा के कुमरदा तहसील मुख्यालय में जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक की शाखा की स्थापना प्रमुख मांग सहित अन्य चार मांगों को लेकर दर्जनों किसानों ने प्रदर्शन किया। दर्जनों गांवों के प्रभावित किसानों ने तहसील कार्यालय का घेराव कर राज्यपाल के नाम मांगपत्र तहसीलदार को सौंपा है। किसान नेताओं ने एक स्वर में कहा कि, हमारी मांगों को लेकर ये शुरुआती चरण का आंदोलन है। अगर, इस पर अमल नहीं होता है तो यह अभियान और भी जोर-शोर से चलेगा।
किसान संघ की कुमरदा तहसील इकाई के बैनर तले कुमरदा में मंगलवार को किसान अधिकार यात्रा निकाली गई जिसमें सैकड़ों किसान शामिल हुए। महिलाएं भी इस प्रदर्शन का हिस्सा बनीं। विगत माह एक बैठक में किसानों ने तहसील मुख्यालय में जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक की शाखा की स्थापना, राजीव गांधी किसान न्याय योजना की शेष किस्त, अघोषित बिजली कटौती बंद करने, ग्राम चिरचारीकला को पूर्ण सोसायटी का दर्जा और हसदेव में पेड़ों की कटाई रोकने की मांगों पर अभियान छेड़ने की रणनीति बनाई थी। इसके तहत ही मंगलवार को तहसील मुख्यालय में किसान एकता के नारे के साथ मांगों को लेकर आंदोलन छेड़ दिया गया।
किसान नेता चंदू साहू ने कहा कि, क्षेत्र के दर्जनों गांव समस्या ग्रस्त हैं। सहकारी केन्द्रीय बैंक की शाखा यहां न होने से किसानों को डोंगरगांव तक दौड़ लगानी पड़ती है। वहां हमेशा ही लंबी कतार होती हैजिसके चलते एक दिन में किसानों का कार्य नहीं हो पाता। उन्हें बार – बार फेरा लगाना पड़ता है। इस परेशानी को पहले भी सामने रखा गया लेकिन अब तक इस पर कोई नतीजा नहीं आया है। इसके अलावा बिजली की अघोषित कटौती, पूर्ववर्ती सरकार की राजीव गांधी किसान न्याय योजना की आखिरी किस्त का भुगतान भी अब तक लंबित है। किसानों को इससे लाखों का फायदा मिलना है। ग्राम चिरचारीकला को पूर्ण सोसायटी का दर्जा भी जरुरी मांग है। वहीं हसदेव में जंगल की कटाई तो राष्ट्रीय मुद्दा है।
प्रदर्शन में शामिल हुए किसानों ने कहा कि, कुमरदा में शाखा संचालित की जानी चाहिए जिससे आसपास के तकरीबन 40 गांवों के लोगों को राहत मिलेगी। हमने मिलकर इस मांग को लेकर प्रदर्शन किया है और उम्मीद करते हैं कि इस पर जल्द ही निर्णय लिया जाएगा। कुल पांच मुद्दों पर हमने आंदोलन कर ज्ञापन सौंपा है।


