छत्तीसगढ़ समाचार

युक्तिकरण आनलाईन अवकाश के विरोध् में : शिक्षक संगठनों के संयुक्त मोर्चा ने सीएम,शिक्षा सचिव व संचालक लोकशिक्षण के नाम कलेक्टर व डीइओ को सौंपा ज्ञापन

शिक्षक संगठन ने माननीय मुख्यमंत्री, शिक्षा सचिव व लोक शिक्षण संचालनालय के नाम से कलेक्टर, गरियाबंद एवं जिला शिक्षा अधिकारी को सौंपा ज्ञापन।


गरियाबंद:– छत्तीसगढ़ शिक्षक संघर्ष मोर्चा के बैनर तले आज पदोन्नति, युक्तियुक्तकरण, ऑनलाइन अवकाश प्रक्रिया में संशोधन हेतु प्रदेश के मुख्यमंत्री व शिक्षा सचिव के नाम से माननीय कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया।
शिक्षकों की समस्याओं में
युक्तियुक्तकरण :-
1. प्राचार्य, व्याख्याता, शिक्षक, प्रधानपाठक (प्राथमिक/पूर्व माध्यमिक) के पदों पर पहले पदोन्नति किया जावे।
2. 2008 के सेटअप जिसमें न्यूनतम छात्र संख्या पर एक प्रधान पाठक एवं चार शिक्षक पदस्थ करने का नियम बनाया गया था। और इसी के आधार पर भर्ती व पदोन्नति विभाग द्वारा की गई है। एक पद घटाने से एक शिक्षक तो स्वमेव अतिशेष हो जाएंगे। यह नियम व्यवहारिक नही है, तथा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का उलंघन है। अतः 2 अगस्त 2024 के युक्तियुक्तकरण नियम में न्यूनतम विद्यार्थी संख्या पर भी एक प्रधान पाठक एवं चार शिक्षक का सेटअप स्वीकृत किया जावे।
3. 2008 के सेटअप में प्राथमिक शाला में न्यूनतम छात्र संख्या पर एक प्रधान पाठक व दो सहायक शिक्षक का पद स्वीकृत किया गया था। वर्तमान में एक पद कम कर दिया गया है। यह व्यवहारिक नहीं है, तथा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का उलंघन है। अतः 2 अगस्त 2024 के युक्तियुक्तकरण नियम में न्यूनतम विद्यार्थी संख्या पर एक प्रधान पाठक एवं दो सहायक शिक्षक का सेटअप स्वीकृत किया जावे।
4. प्रधान पाठक का पद समाप्त करने वाला इस युक्तियुक्तकरण नियम से सहायक शिक्षक व शिक्षक की पदोन्नति 50 प्रतिशत तक कम होगी। इससे शिक्षकों के पदोन्नति के अवसर कम होंगे जो पूर्णतः अनुचित है।
5. प्रत्येक प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक शाला का स्वतंत्र अस्तित्व हो जिसके नियंत्रण व शिक्षण व्यवस्था के लिए स्वतंत्र प्रधान पाठक जरूरी है। इससे सहायक शिक्षक व शिक्षकों को पदोन्नति भी मिलेगी।
6. बालवाड़ी संचालित स्कूलों में बालवाड़ी 1 व प्राथमिक 5 कुल 6 कक्षा के संचालन हेतु न्यूनतम संख्या में भी 1 अतिरिक्त सहायक शिक्षक दिया जावे।
7. 2 अगस्त 2024 को जारी युक्तियुक्तकरण नियम से शाला में पदों की संख्या कम किया गया है। इससे नई भर्ती नहीं होने से प्रशिक्षित बेरोजगारों के साथ भी अन्याय होगा।
8. स्वामी आत्मानंद शालाओ में प्रतिनियुक्ति के शिक्षकों व शालाओ पर नियम की प्रभावशीलता पर बड़ा प्रश्नचिन्ह है।
9. युक्तियुक्तकरण से उच्चतर विद्यालय में काम का बोझ बढ़ जाएगा। जिससे राष्ट्रीय शिक्षा नीति का पालन सही तरीके से नही हो पायेगा। इस पूरी प्रकिया में समय / शासकीय सम्पत्तियो (रिक्त भवन जो खंडहर हो सकता है) एवं छात्रों के भविष्य पर कुठाराघात होगा।
10. एक ही परिसर में उच्चत्तर शाला में निचले शाला को मर्ज करना स्वतंत्र शाला के नियंत्रण व शिक्षण व्यवस्था पर विपरीत असर डालेगा।
11. प्राथमिक शाला व माध्यमिक शाला में न्यूनतम शिक्षक संख्या घटाया गया है। इससे इन शालाओ के शिक्षण स्तर में गिरावट आएगा।
12. बस्तर संभाग के विभिन्न जिलों में संचालित पोटा कैबिन में विभागीय सेट-अप स्वीकृत किया जावे।
13. युक्तियुक्तकरण की संपूर्ण प्रक्रिया सार्वजनिक की जावे तथा दावा आपत्ति करने व उसके निराकरण का समुचित अवसर प्रदान किया जावे।
14. स्कूल शिक्षा विभाग भविष्य में भी शिक्षा व्यवस्था से जुड़े मामलों में एकतरफा आदेश निर्देश जारी करने से पहले कर्मचारी संगठनों से चर्चा कर सर्वसम्मत व प्रभावी कदम उठाए।
ऑनलाइन अवकाश:-
1. मेडिकल अवकाश, अर्जित अवकाश, संतान पालन अवकाश लेने के एक सप्ताह के अंदर एडुपोर्टल में ऑनलाइन एंट्री का ऑप्शन दिया जाए।
2. आकस्मिक अवकाश व ऐच्छिक अवकाश को ऑफलाइन आवेदन देने की प्रक्रिया को यथावत रखा जाए।
शिक्षक एलबी संवर्ग का एक सूत्रीय मांग: –
पूर्व सेवा की गणना कर प्रथम नियुक्ति तिथि से सही वेतन का निर्धारण कर सहायक शिक्षकों की वेतन विसंगति दूर कर क्रमोन्नति वेतनमान का निर्धारण कर पुरानी पेंशन निर्धारित करें एवं कुल 20 वर्ष की पूर्ण सेवा में पुरानी पेंशन प्रदान किया जाए।
इस अवसर पर पूरन लाल साहू, भुवन यदु, परमेश्वर निर्मलकर, कुमेंद्र कश्यप, प्रदीप पांडे, किरण साहू, जागेश्वर ध्रुव, प्रहलाद मेश्राम, रवि अग्रवाल, बीसेलाल कुंजाम, सुरेश केला, जितेंद्र सोनवानी, संजय यादव, डॉ. ओमप्रकाश वर्मा, रिमायन सिंह कंवर, दिनेश निर्मलकर, ईश्वरी सिन्हा, गीता शरणागत, प्रतिभा सकरिया, संगीता पाटिल, संगीता सोनवानी, जानकी निर्मलकर, मनीषा वर्मा, अनीता मेश्राम, गायत्री नेताम, महेंद्र प्रधान, श्रद्धा साहू, आशा साहू, प्रेम बाई टांडी, कोमल देवांगन, पूनम चंद्राकर, सुभाष जोशी, सुनील मेहर, गणेश्वर साहू, कृष्ण कुमार बया, धनंजय वर्मा, त्रिलोक सेन, उमेश श्रीवास, अवनीश पात्र, दीनबंधु वैष्णव, वीरेंद्र ध्रुव, आशुतोष पात्र, रमेश ठाकुर, डिगेश देवांगन,सरस सोम, लोकेश यादव एवं सैकड़ो की संख्या में शिक्षक उपस्थित रहे।

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