
संशोधित शिक्षकों को विभाग करें वेतन भुगतान
रायपुर। वर्तमान में संशोधन निरस्तीकरण से प्रभावित शिक्षकों का आदेश सम्बन्धित डी डी ओ द्वारा *सितंबर 2023* से वेतन भुगतान रोक दिया गया है जबकि उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए status quo के आदेश में ऐसा कोई उल्लेख नहीं है। वेतन नहीं मिलने के कारण संशोधित शिक्षक अपने परिजनों के गंभीर बीमारियों का उपचार भी नहीं करा पा रहे हैं। साथ ही बैंक ऋण का emi भी भुगतान नहीं कर पा रहे हैं। *अब दीपावली महापर्व भी है जिसको मनाने के लिए भी पैसों की आवश्यकता स्वाभाविक भी है* ऐसे शिक्षक उपस्थिति सुनिश्चित कर काम नहीं लेने के कारण घर पर बैठे हैं; अपनी मर्जी से नहीं बैठे हैं। इसका ताजा उदाहरण चुनाव ड्यूटी का आदेश है,जिसका पालन सितम्बर 2023 का वेतन नहीं मिलने के बाद भी शिक्षक पूरे मनोयोग से कर रहें हैं।
शासन के प्रावधान अनुसार निलंबित कर्मचारी को भी *जीवन निर्वाह भत्ते* की पात्रता है जबकि इन शिक्षकों को वह भी नहीं दिया जा रहा है। ये शिक्षक न ही निलंबित है और न ही बर्खास्त है व साथ ही न्यायालय से संशोधित पदांकन निरस्तीकरण केस हारने की स्थिति में भी इनकी सेवा पर कोई खतरा नहीं है। सेवा में वापस लिया जाना तय है। आज नहीं तो कल ये शिक्षक न्यायालय के अंतिम आदेश के बाद अपना कार्य करेंगे ही । यदि इनको अभी वेतन दिया जाता है तो इसे बाद में इनके कार्यावधि के एवज में समायोजित भी किया जा सकता है। साथ ही इनको देय अवकाशों के एवज में भी वेतन भुगतान किया जा सकता है जैसे हड़ताल अवधि का वेतन भुगतान किया जाता है ठीक उसीप्रकार। *विभाग के पास ग्रेज्युटी, अवकाश नगदीकरण, समूह बीमा, जी पी एफ से भी समायोजन करने का विकल्प है* ऐसे में यदि इन शिक्षकों को वेतन भुगतान किया जाता है तो यह न्यायालय की किसी भी प्रकार की अवमानना भी नहीं होगी और इनकी आर्थिक समस्या भी दूर हो जाएगी।


