
गरियाबंद – सिचाई विभाग के एसडीओ के साथ ब्लैकमेलिंग, जाति सूचक गाली देने और बर्खास्त कराने की धमकी देने के मामले में जिले के पाण्डुका पुलिस ने भाजपा के आरटीआई स्पेशलिस्ट प्रीतम सिन्हा के विरूध्द अलग अलग धाराओ में एफआईआर दर्ज की है। जून में विभाग के एसडीओ ने मामले की शिकायत पुलिस से की थी। विभागीय जांच के बाद पुलिस ने मामला दर्ज किया है। एसडीओपी पुष्पेन्द्र नायक ने इसकी पुष्टि भी की है। वही सूत्रो से पता चला है कि एफआईआर दर्ज होने के बाद प्रीतम सिन्हा पाण्डुका से फरार हो गए है। पुलिस उसकी खोजबीन में जुट गई है।
जानकारी के मुताबिक सिचाई विभाग के उप संभाग क्रमांक दो पाण्डुका व फिगेश्वर के अनुभाग के अनुविभागीय अधिकारी एसडीओ कुलेश्वर जोशी ने प्रीतम सिन्हा के विरूध्द ब्लैकमेलिंग, जाति सूचक गाली देने और बर्खास्त कराने की धमकी देने की शिकायत पाण्डुका थाना में दर्ज कराई थी। मामला गंभीर होने के चलते पहले अनुविभागीय स्तर पर मामले की जांच की गई। जांच में सही पाए जाने के बाद पुलिस ने मामला पंजीबध्द कर लिया।
जानकारी के मुताबिक भाजपा आरटीआई स्पेलिस्ट प्रीतम सिन्हा ने सिंचाई विभाग के एसडीओ के विरूध्द सूचना के अधिकार के तहत उनके दौरा दैनदनी की जानकारी मांगी थी। नीजी जानकारी होने के चलते विभाग ने जानकारी नही दी। जिसके बाद प्रीतम सिन्हा ने उच्च अधिकारी के पास अपील की। अपील की सुनवाई 27 जुन को होनी थी। इसी दिन प्रीतम सिन्हा अचानक एसडीओ के कार्यालय पहुॅचे और अपील वापस लेने के नाम पर 15 हजार की मांग की। एसडीओ ने रूपए देने मना किया तो प्रीतम सिन्हा उत्तेजित होकर पूरे स्टाफ के सामने एसडीओ से गाली गलौच करने लगे और धमकी देते हुए कहा कि पैसे नही दिए तो तुम्हे भी बर्खास्त करवा दूंगा, जैसे पूर्व एसडीओ जे पी सुमन को निलंबित करा दिया था। जिसके बाद एसडीओ वहां से निकल गए। उच्च अधिकारियो को घटना की जानकारी देने के बाद मामले की पुलिस में शिकायत पुलिस से की।
मालूम हो कि जिले में सूचना अधिकार लगाने और वसुली करने के नाम से सुर्खिेयो में रहने वाले भाजपा के सूचना अधिकार प्रकोष्ठ के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य से जिले के कई विभाग के अफसर परेशान थे। सिचाई विभाग में बिते सात आठ सालो से लगातार सूचना का अधिकार को लेकर प्रीतम सिन्हा का नाम चर्चा में रहता था। अंतत लंबे समय से सिचाई विभाग का सिर दर्द बने भाजपा के आरटीआई स्पेलिस्ट प्रीतम सिन्हा विभाग और पुलिस के रडार में आ ही गए। दूसरी तरफ एफआईआर दर्ज होने के बाद उनकी आरटीआई गैंग भी सकते में आ गई है। दबे जुबान कई अधिकारी भी उनके विरूध्द शिकायत में जुट गए है।


