वार्षिक उत्सव में कार्यक्रम में ग्रामीणों से मिले नगद पुरस्कार राशि से बच्चों ने म्यूजिक सीस्टम खरीदकर स्कूल को दिया
स्कूल के इन बच्चों का यह प्रयास अन्य स्कूलों के बच्चों के लिए प्रेरणा दायक साबित होगा।
पेण्ड्रा / वार्षिक उत्सव में प्रस्तुत किए गए आकर्षक कार्यक्रमों से प्रभावित होकर जनप्रतिनिधियों एवं ग्रामीण जनों के द्वारा पुरस्कार के रुप में बच्चों को 8 हजार रूपये नगद राशि दिया गया था, उस राशि से बच्चों ने टकारा म्यूजिक सीस्टम खरीदकर स्कूल को उपहार स्वरूप प्रदान करके आदर्श प्रस्तुत किया है।
गौरेला पेण्ड्रा मरवाही जिले के आदिवासी बाहुल्य ग्राम नेवरी नवापारा के प्रायमरी एवं मिडिल स्कूल के कक्षा पहली से आठवीं तक के बच्चे नवाचार से अपनी अलग पहचान बनाते जा रहे हैं। इस बार इन बच्चों ने बच्चों ने वार्षिक उत्सव में जनप्रतिनिधियों एवं ग्रामीण जनों से पुरस्कार के रुप में मिली नगद 8 हजार रूपये की राशि से टकारा म्यूजिक सीस्टम खरीदकर स्कूल को उपहार स्वरूप प्रदान किया गया है। चाकलेट और मिठाई खाने की इस उम्र में सभी बच्चों ने मिले हुए प्रोत्साहन राशि को स्कूल के ही काम में लगा दिया है जिससे कि इस स्कूल के बच्चों को सांस्कृतिक कार्यक्रमों की तैयारी के लिए इधर उधर से म्यूजिक सीस्टम नहीं लेना पड़ेगा बल्कि उन्होंने अपने स्कूल के लिए स्वयं ही म्यूजिक सीस्टम खरीद लिया है। इस स्कूल के इन बच्चों का यह प्रयास अन्य स्कूलों के बच्चों के लिए भी प्रेरणा दायक साबित होगा। स्कूल के शिक्षकों ने बच्चों के इस पहल की सराहना की है।
प्रायमरी के बच्चों ने बनाया था गणेशजी, छात्र की तरह ड्रेस पहनाकर अपने स्कूल में विराजित किया था
ग्राम नेवरी नवापारा के प्रायमरी स्कूल के शिक्षकों के मार्गदर्शन में बच्चों ने अपनी प्रतिभा दिखाते हुए गणेश चतुर्थी में मिट्टी का गणेशजी बनाया था और उसमें रंग भरने के बाद छात्र की तरह ड्रेस पहनाकर अपने स्कूल में विराजित किया जिससे ऐसा प्रतीत होता है कि स्कूल में एक छात्र की संख्या बढ़ गई है। यह गणेशजी आकर्षण का केंद्र था।
इस स्कूल में 100% रहती है बच्चों की उपस्थिति
इस स्कूल की विशेषता यह भी है कि यहां बच्चों की उपस्थिति निरंतर ही 100% बनी रहती है। इस स्कूल की शिक्षिका एवं स्टाफ के मेहनत और जज्बे को देखते हुए गांव के सभी पालक एवं महिलाएं हमेशा इस स्कूल में अपना सहयोग देते हैं। शिक्षिका स्वप्निल पवार ने बताया कि एक ही परिसर में प्रायमरी और मिडिल स्कूल दोनों संचालित हैं। दोनों स्कूलों के स्टाफ के मेहनत और तालमेल के कारण निरंतर नवाचार की गतिविधियां संचालित की जाती हैं जिससे पढ़ाई के लिए अच्छा वातावरण बना रहता है और पालक भी संतुष्ट हैं।


