
“प्राथमिक प्रधान पाठक/यूडीटी मंच” ने मांग पत्रों को लेकर ‘मंत्रालय/संचालनालय’ में सौंपा ज्ञापन……
….. पांच वेतन वेटेज एवं प्रथम सेवा गणना से समस्त लाभ देने की रखी मांग……
…… प्रथम सेवा गणना नहीं होने से प्रधान पाठको/यूडीटी को प्रत्येक महीने हो रहा 10 से 25 हजार रुपए का जबरदस्त आर्थिक नुकसान…….
रायपुर //-
सहायक शिक्षक एलबी संवर्ग से प्राथमिक प्रधान पाठकों एवं यूडीटी के पदो पर पदोन्नति काफी लंबे अरसे बाद अर्थात लगभग 25 वर्षों बाद हो रहा है। लेकिन पदोन्नति के नाम पर सिर्फ और सिर्फ पद और काम की ही जिम्मेदारियां मिली है, आर्थिक रूप से कोई लाभ या फायदा पदोन्नत प्रधान पाठक/यूडीटी को बिलकुल भी नहीं हुआ है।
सारे मामले में “छत्तीसगढ़ प्राथमिक प्रधान पाठक/यूडीटी मंच” ने मंत्रालय एवं संचालनालय में संगठन का मांग पत्र राज्य सरकार के नाम सौंपकर पदोन्नति का पांच वेटेज देने एवं समस्त पदोन्नत प्रधान पाठकों/यूडीटी को प्रथम नियुक्ति तिथि से सेवा गणना कर, क्रमोन्नति एवं पेंशन सहित समस्त प्रकार का लाभ देने की मांग की है।
संगठन के प्रदेशाध्यक्ष जाकेश साहू ने उक्त जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश में लगभग 1995 एवं 1998 से तत्कालीन दिग्विजय सिंह सरकार ने अविभाजित मध्यप्रदेश में नियमित शिक्षकों की भर्ती पूर्णतः बंद कर दी थी। तत्पश्चात राज्य के स्कूलों में नियमित शिक्षकों की जगह शिक्षाकर्मियों की भर्ती होने लगी थी।
चूंकि शिक्षाकर्मी नियमित पद नहीं थे, इसलिए प्राथमिक प्रधान पाठकों के पदों पर पदोन्नति नहीं हो रही थी एवं प्राथमिक प्रधान पाठकों के अधिकांश पद रिक्त थे।
अब नए दौर में प्रदेश की वर्तमान भूपेश सरकार ने राज्य के खाली पड़े लगभग 25,000 प्राथमिक प्रधान पाठकों एवं 10,000 यूडीटी के पदों को प्रदेश के सहायक शिक्षक एलबी संवर्ग से पदोन्नत कर भरने का फैसला लिया। तत्पश्चात प्राथमिक प्रधान पाठकों के पदों पर पदोन्नति प्रक्रिया शुरू हुई। अब तक लगभग 17,000 प्राथमिक प्रधान पाठकों के पदों पर पदोन्नति प्रक्रिया लगभग पूर्ण हो चुकी है। 8,000 प्राथमिक प्रधान पाठकों के पदो पर पदोन्नति प्रक्रिया जारी है।
संघ के प्रदेश अध्यक्ष जाकेश साहू ने बताया कि प्राथमिक प्रधान पाठकों के पदो में पदोन्नति के बाद भी प्रधान पाठकों/यूडीटी को जबरदस्त आर्थिक नुकसान हो रहा है।
प्रतिवर्ष 10,000 से लेकर 25,000 रुपए तक का जबरदस्त आर्थिक नुकसान हो रहा है, क्योंकि शिक्षक एलबी संवर्ग को संविलियन तिथि 2018 से इनकी सेवाओं की गणना की जा रही है। 2018 के पूर्व के सेवाओं को शून्य कर दिया गया है। “छत्तीसगढ़ प्राथमिक प्रधान पाठक/यूडीटी मंच” ने राज्य की भूपेश बघेल सरकार से मांग की है कि प्रदेश के समस्त 25,000 प्राथमिक प्रधान पाठक एवं 10,000 यूडीटी सहित प्रदेश में कार्यरत समस्त शिक्षक एलबी संवर्ग को प्रथम नियुक्ति तिथि 1995 एवं 1998 से सेवागणना करते हुए 10 वर्ष में प्रथम एवं 20 वर्ष में द्वितीय क्रमोन्नति वेतनमान पदोन्नति के शेष अवधि तक का देवें एवं इसी आधार का वेतन का गणना की जाए। साथ ही प्राथमिक प्रधान पाठको/यूडीटी सहित समस्त शिक्षक एलबी संवर्ग को प्रथम नियुक्ति तिथि से सेवा गणना कर पेंशन का भी लाभ दिया जाए।
राज्य सरकार ने समस्त शिक्षक एलबी संवर्ग को संविलियन तिथि अर्थात 2018 से पूर्व के लगभग 20 से 25 सालो के सेवाओं को शून्य कर दिया है, जो नियम विरुद्ध, गलत, असंवैधानिक एवं न्याय के प्राकृतिक सिद्धांतों के विपरीत है।
विगत 2018 में प्रदेश के पूर्ववर्ती तत्कालीन रमन सिंह सरकार ने शिक्षक एलबी संवर्ग अर्थात शिक्षाकर्मियों का शिक्षा विभाग में संविलियन करते हुए 2018 से विभाग में नई नियुक्तियां माना है एवं पुरानी सेवाओं को शून्य कर दिया है जो कि पूर्णत: गलत है। जिससे हमारी सेवाओं को जबरदस्त नुकसान हुआ है एवं वर्तमान व भविष्य प्रभावित हो रहा है।
प्रांताध्यक्ष जाकेश साहू ने बताया कि राज्य के समस्त शिक्षक एलबी संवर्ग ने राज्य सरकार के आदेश पर ही राज्य सरकार के सरकारी स्कूलों में नियुक्तियां पाई थी एवं 20 से 25 सालों तक लगातार सरकारी सेवाएं दिया है। साथ ही साथ शासन के नियमों का पूरा पालन किया है। विभाग में हमारा सर्विस बुक संधारण हुआ है, पाठकानों में हस्ताक्षर है, सारे गवाह वा दस्तावेज मौजूद हैं और इस प्रकार के राज्य सरकार द्वारा शासन प्रशासन के अधिकार का इस्तेमाल करते हुए अपनी शक्तियों का दुरुपयोग करतरफा निर्णय लेते हुए शिक्षकों की 25 साल की पुरानी सेवाओं को शून्य करना गलत एवं असंवैधानिक है।
राज्य सरकार से मांग की जाती है कि प्रदेश के 25,000 प्राथमिक प्रधान पाठक/यूडीटी सहित समस्त 1,50,000 शिक्षक एलबी संवर्ग को इनकी प्रथम नियुक्ति तिथि से सेवाओं का गणना कर क्रमोन्नति वेतनमान एवं पुरानी पेंशन बहाली सहित समस्त प्रकार का लाभ दिया जाए।
➡️ *क्रमोन्नत वेतनमान बंद करने से हो रहा जबरदस्त आर्थिक नुकसान -*
यह बात उल्लेखनीय है कि विगत 2013 से राज्य सरकार ने क्रमोन्नत वेतनमान को भूतलक्षी प्रभाव से तत्काल बंद कर दिया था जिसके कारण शिक्षाकर्मियों तथा शिक्षक एलबी संवर्ग को जबरदस्त आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। शिक्षा विभाग में आज भी क्रमोन्नत वेतनमान लागू है, जिसके कारण नियमित प्राथमिक प्रधान पाठक एवं व्याख्याता व हाई एवं हायर सेकेंडरी स्कूल के प्राचार्य को समकक्ष वेतनमान मिल रहा है। उदाहरण के तौर पर शिक्षाकर्मी भर्ती से पूर्व से नियमित शिक्षकों को समान बैच समान वेतन दिया जा रहा है, जिसमें वर्तमान में नियमित प्राथमिक प्रधान पाठक एवं उसी बैच के पदोन्नत हुए व्याख्याता एवं प्राचार्य को लगभग समकक्ष वेतनमान मिल रहा है।
जबकि शिक्षाकर्मी अर्थात शिक्षक एलबी संवर्ग के साथ ऐसा ना कर भेदभाव किया जा रहा है। उदाहरण के तौर पर 1998 के शिक्षाकर्मी वर्ग 3 के तौर पर नियुक्त हुए दो शिक्षक जिसमें से एक शिक्षक सौभाग्यवस अवसर का लाभ लेते हुए पदोन्नत होकर वर्ग 2 एवं आज की स्थिति में वर्ग एक अर्थात व्याख्याता एलबी बन चुका है उनका वेतनमान 9300 + 4300 के आधार पर गणना की जा रही है। जबकि किसी कारणवश एक शिक्षाकर्मी वर्ग 3 का पदोन्नति नहीं हुआ, जो आज की स्थिति में प्राथमिक प्रधान पाठक के पद पर पदोन्नत हो रहा है, उनका वेतनमान 9300 + 4200 के आधार पर अभी फिक्स हो रहा है। जिसके कारण पूर्व के शिक्षाकर्मी वर्ग 3 जो व्याख्याता बन चुका है उसे आज 65 हजार रुपए वेतन मिल रहा है।
जबकि किसी कारणवस ऐसे शिक्षाकर्मी वर्ग 3 जिसकी पदोन्नति नहीं है उसे आज की स्थिति में मात्र अधिकतम 45 हजार रुपए ही वेतन मिल रहा है।
इस प्रकार 1998 बैच के एक ही समय में नियुक्त एक ही वर्ग के शिक्षको के वेतन में आज 25 हजार रुपए का भयंकर खतरनाक आर्थिक अंतर प्रतिमाह है। 2005, 2006, 2007 एवं 2008 बैच के पूर्व में पदोन्नत एवं अभी पदोन्नत हो रहे शिक्षको के वेतन में भी लगभग 10 से लेकर 18 हजार रुपए तक का जर्बदस्त अंतर है। जो पूर्व सेवा गणना करने से ही ठीक होगा।
संगठन के जिला अध्यक्ष गण महेश्वर कोटपरिहा, परमेश्वर साहू, धन्नू साहू, महेंद्र टंडन, बरत राम रत्नाकर, निर्मल भट्टाचार्य एवं पदाधिकारीगण रमेश तिर्की, भुवन मंडावी, सजीत राठौर, अमित देशमुख, भूखन पटेल, रंजीत साहू, विजयभूषण द्विवेदी, नोहर लाल देवांगन, निहारिका साहू, नेहा पांडे, विनीता साहू, अजय सिन्हा, भुवनेश्वर मंडावी, दरबान एक्का, नीतू रजक, देवनारायण कश्यप, हर्ष त्रिपाठी, रंजीता कोटरे, जानकी ठाकूर, निमेष दुग्गा, नारायण शेन, शंकर सारथी, अब्दुल वाहिद खान, असरफ सेख, गीता रजक, दुधनाग देवांगन, बाबूलाल गुप्ता, बैजनाथ यादव, बनवाली विश्वकर्मा, भोज सिन्हा, हेमराज साहू, गोविंद भगत, मंजुलता साहू, सुधीर प्रधान, महेंद्र गौतम, विष्णु दुबे, सलमान खान, राधेश्याम पांडे, प्रमोद कंवर, नीरा पाठक, खेमराज रजक, गिरधर साहू, कन्हैया सिंह, गिरधर लाल, जितेंद्र मंडावी, देवी कंवर, विजेता सिन्हा, महेश पाठक, प्रीतम साहू, मूरत सेठ, राजेश चतुर्वेदी, गौतम शर्मा आदि ने राज्य सरकार से प्रदेश के समस्त नवपदोन्नत 25,000 प्राथमिक प्रधान पाठक, 10,000 यूडीटी एवं 1,15,000 सहित समस्त शिक्षक एलबी संवर्ग की प्रथम नियुक्ति तिथि से सेवा गणना करते हुए समस्त लाभ देने की मांग की है।


