
बड़े मंत्रियों के बंगले में फोटो खिंचाकर एवं चिर परिचित मीडिया चैनल को इंटरव्यू के भरोसे सहायक शिक्षकों को फिर एकबार गुमराह करने की सपनों के सौदागर का फिर असफल प्रयास – जाकेश साहू
रायपुर //-
वेतन विसंगति के मामले में शिक्षा विभाग के सचिव, लोकशिक्षण संचालनालय के डायरेक्टर सहित मंत्रालय के उच्चाधिकारियों द्वारा कमेटी के रिपोर्ट को उजागर करने के बजाए, प्रदेश के सहायक शिक्षकों को गुमराह करने के लिए, वेतन विसंगति को ही इनकार किए जाने के बाद, प्रदेश के सहायक शिक्षकों को 3 साल पहले, वेतन विसंगति के नाम पर गुमराह करने वाले, सपनों के सौदागर, झूठ का पुलिंदा परोसकर, लोगों को सब्जबाग, दिखाने वाले मनीष मिश्रा अब एक बार फिर से, कैबिनेट मंत्री के बंगले में जाकर फोटो खींचा कर एवं उच्चाधिकारियों एवं मंत्रियों के बंगले में नाक रगड़ कर, हाथ पैर जोड़कर और अपने चित-परिचित मीडिया चैनल के साथ इंटरव्यू देकर, प्रदेश के 109000 सहायक शिक्षको को एक बार फिर से धोखा देकर और गुमराह कर पुनः प्रदेश अध्यक्ष बन कर, अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा को पूरा करते हुए विधायक और नेता बनने का ख्वाब पाले, इस व्यक्ति से प्रदेश के हजारों सहायक शिक्षकों को सावधान और सतर्क रहने की अपील की है।
छत्तीसगढ़ प्रदेश में सहायक शिक्षकों के फायर ब्रांड नेता, छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक फेडरेशन के संस्थापक एवं “सहायक शिक्षक/शिक्षक एलबी संवर्ग छत्तीसगढ़” के प्रदेश अध्यक्ष जाकेश साहू ने वेतन विसंगति के मुद्दे पर मनीष मिश्रा पर एक बार फिर करारा पलटवार करते हुए प्रदेश के आम सहायक शिक्षकों को मनीष मिश्रा जैसे सपनों के सौदागर, सब्जबाग, धोखे बाज एवं इनके तथाकथित गुर्गों एवं चापलूस गैंग से सावधान और सतर्क रहने कहा है।
प्रदेश के तेजतर्रार कर्मचारी नेता जाकेश साहू ने बताया कि जब प्रदेश का मुख्य प्रशासन तंत्र अर्थात मंत्रालय में बैठे सचिव स्तर के अधिकारी यह साफ-साफ कह रहे हैं, एवं राज्य व राष्ट्रीय स्तर के अखबारों में भी यह खबर छप रही है कि प्रदेश में सहायक शिक्षको की वेतन विसंगति है ही नहीं है।
उसके बाद भी मनीष मिश्रा द्वारा वेतन विसंगति दूर करने का ढोल पीटकर एक बार फिर से सहायक शिक्षकों को गुमराह करने की नाकाम कोशिश किया जा रहा है।
यह व्यक्ति विगत 3 सालों तक यही कार्य किया है। प्रदेश के सहायक शिक्षकों की वेतन विसंगति आज तक दूर हो गई होती, लेकिन इसी मुद्दे को लेकर आज से ठीक 3 साल पूर्व प्रदेश के हजारों सहायक शिक्षकों ने 13 प्रदेश संयोजको के शीर्ष नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक फेडरेशन का निर्माण कर आंदोलन की शुरुआत की थी।
जिसके बाद मनीष मिश्रा जैसे नेता बनने की मंशा पाले, सब्जबाग और सपनों के सौदागर, संगठन में घुस आए और अपने विधायक एवं मंत्री तथा नेता बनने के सपने को पूरा करने के लिए सहायक शिक्षकों के भीड़ को देखकर, उनकी आंखें चौंधिया गई था सहायक शिक्षको की हजारों की भीड़ देखकर यह व्यक्ति अपने धन बल की बदौलत, फेडरेशन के कुछ चापलूस, मौकापरस्त और मतलबी लोगों को खिला-पिला कर और चंद रुपयों का लालच देकर, अपने फेवर में करके प्रदेश के एक लाख नौ हजार सहायक शिक्षकों के सबसे बड़े संगठन का मुखिया बन बैठा और लगातार 3 सालों तक बंदर की भांति इस डाल से उस डाल कूदते रहा।
मंत्रियों और अधिकारियों के बंगले में फोटो खिंचा-खिंचा कर झूठी वेब न्यूज़ और खबरें चलाता रहा। हर बार कहते रहा कि आज नहीं तो कल वेतन विसंगति दूर होगी। लोगों को बार बार आंदोलन में झोंका और जब जब प्रदेश में वेतन विसंगति का मांग जोर पकड़ा या इनकी असफलता उजागर हुई तब तब यह व्यक्ति प्रदेश के बड़े मंत्रियों के दरवाजे पर जाकर फोटो खींचा कर एवं मंत्रालय के अधिकारियों के साथ फोटो खिंचा कर झूठी खबरें और वेब न्यूज़ चलाकर वेतन विसंगति दूर होने का हवाला देते रहा।
लेकिन अब वक्त काफी निकल चुका है अब प्रदेश के सहायक शिक्षक साथियों को मनीष मिश्रा के झूठे वादों एवं काले कारनामों से सावधान रहते हुए इस व्यक्ति को किनारा करने की जरूरत है। आज प्रदेश के सहायक शिक्षक ऐसे दोगले और झूठे नेताओं से सावधान रहकर अपनी खुद की लड़ाई लड़ने में सक्षम है। अब प्रदेश के सहायक शिक्षकों को ऐसे किसी झूठे नेता की दोगली नीति एवं मौका परस्त नीतियों की आवश्यकता ही नहीं है। अब आम सहायक शिक्षक खुद अपने नेतृत्व में आंदोलन करके वेतन विसंगति दूर कराने में सक्षम है। हर ब्लाक और जिला से अब नेतृत्व तैयार होगा एवं वेतन विसंगति की लड़ाई आगामी समय में लड़ने की रणनीति प्रदेश के आम सहायक शिक्षकों को स्वयं के बलबूते बनानी होगी तभी वेतन विसंगति का निदान होगा अन्यथा नहीं।


