उत्तरकाशी । चारधाम यात्रा का शुभारंभ होते ही तीर्थ यात्री भारी संख्या में धाम को दर्शन करने के लिए पहुंच रहे हैं। देश के कई राज्यों से हजारों की संख्या में यात्री उत्तराखंड चारधाम आ रहे हैं। लेकिन, इसी के बीच चिंता की बात है कि तीर्थ यात्रियों की जानें भी जा रहीं हैं। गंगोत्री-यमुनोत्री धाम की यात्रा के पांच दिन के अंतराल में दोनों धामों में अब तक 12 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है। इनमें हार्ट अटैक और बेहोशी के कारण यात्रियों की मौत हुई है। इनमें नौ श्रद्धालुओं की मौत यमुनोत्री यात्रा पर हुई है। आपको बता दें कि गंगोत्री और यमुनोत्री धामों के कपाट 10 मई को खुले थे। एसपी कार्यालय से मिली जानकारी अनुसार, बुधवार को 60 वर्षीय ठाकुर भाई निवासी सूरत गुजरात की यमुनोत्री धाम की यात्रा के दौरान चढ़ाई चढ़ते वक्त मौत हो गई। जबकि बीते मंगलवार शाम 65 वर्षीय राम प्रसाद निवासी गांधीनगर गुजरात, 67 वर्षीय दक्षा बेनी निवासी अहमदाबाद तथा 62 मनोहर दत्ता राम निवासी मुंबई की यमुनोत्री धाम दर्शन के दौरान मौत हो गई, जबकि 76 वर्षीय शोभा निवासी गोवा गंगोत्री की यात्रा के दौरान मौत हुई। गंगोत्री रूट पर पंजाब निवासी 49 वर्षीय पवन सिंह की भी मौत हुई है। इससे पहले कपाटोद्घाटन के प्रथम दिन ही यमुनोत्री में तीन श्रद्धालुओं की मौत हुई।
पर्वतीय क्षेत्रों में बदलता रहता मौसम
चारधाम यात्रा में मौसम बदलता रहता है। पर्वतीय जिलों में स्थित चारधाम यात्रा रूट होने की वजह से विषम परिस्थितियों में यात्रा करनी पड़ती है। ऐसे में यात्रा के दौरान तीर्थ यात्रियों को अपनी स्वास्थ्य का ख्याल रखना भी बहुत जरूरी होता है।
जानकीचट्टी पैदल मार्ग पर फिसलन से यात्री परेशान
यमुनोत्री धाम के अंतिम पड़ाव जानकीचट्टी में पैदल मार्ग पर नाली, बंद होने से पानी सड़क पर बह रहा है, जिससे पैदल आने-जाने वाले श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों को दिक्कत उठानी पड़ रही है। स्थानीय निवासी राकेश रावत, महावीर पंवार, रणबीर राणा आदि का कहना है कि जानकी चट्टी से यमुनोत्री जाने वाले इस पैदल मार्ग पर नाली बंद हो गया है, जिस कारण पानी सीधे रास्ते में बह रहा है। इससे पैदल मार्ग पर फिसलने का खतरा बना हुआ है। मार्ग पर चलने से तीर्थ यात्रियों को दिक्कतें हो रही हैं। उन्होंने आशंका जताई कि यदि मार्ग की सुध जल्द नहीं ली गई तो इससे यात्रियों को और परेशानी का सामना करना पड़ेगा।
यात्रा में इन बातों का रखें ख्याल
प्रारंभिक स्वास्थ्य जांच के बाद ही चारधाम यात्रा पर निकलें
जीवनरक्षक दवाएं अपने साथ जरूर रखें
गर्म कपड़ें अवश्य अपने साथ लेकर यात्रा करें
यात्रा के दौरान खाने-पीने की चीजें भी रखें
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