आज दिनांक 14/10/2024 को छत्तीसगढ़ शिक्षक संघर्ष मोर्चा GPM द्वारा मोदी की गारंटी सहित अपनी विभिन्न माँगों के संबंध में राज्य सरकार के नाम ज्ञापन कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी GPM तथा जिला शिक्षा अधिकारी महोदय को सौंपा।
छत्तीसगढ़ शिक्षक संघर्ष मोर्चा के आव्हान पर शिक्षक एलबी संवर्ग के मांगों व लंबित महंगाई भत्ता की मांग को लेकर जिलासंचालक जिला संचालक दिनेश कुमार राठौर, के नेतृत्व में जिलाधीश के नाम से माननीय मुख्यमंत्री महोदय छत्तीसगढ़ शासन, माननीय शिक्षा मंत्री, माननीय वित्त मंत्री, श्रीमान मुख्य सचिव, श्रीमान सचिव स्कूल शिक्षा विभाग, श्रीमान सचिव वित्त विभाग एवं श्रीमान संचालक लोक शिक्षण संचालनालय छत्तीसगढ़ को ज्ञापन सौंपा गया।
24 अक्टूबर 2024 को जिले के सभी एल बी संवर्ग के शिक्षक अपनी मांग के समर्थन में अपनी मांग को शासन व सरकार तक पहुंचाने हेतु सामूहिक अवकाश में रहकर जिला मुख्यालय में धरना, प्रदर्शन करेंगे व रैली निकालकर मुख्यमंत्री के नाम जिलाधीश व जिला शिक्षा अधिकारी को ज्ञापन (मांगपत्र) सौपेंगे।
इन मांगो को लेकर धरना व रैली
मोदी जी के गारंटी के तहत, सहायक शिक्षकों के वेतन
विसंगति दूर कर, समस्त एल बी संवर्ग को क्रमोन्नत वेतनमान प्रदान किया जावे।
समतुल्य वेतनमान (पुनरीक्षित वेतनमान) में सही वेतन का निर्धारण कर 1.86 के गुणांक पर वेतन निर्धारण किया जावे।
पूर्व सेवा अवधि की गणना करते हुए समस्त शिक्षक
एलबी संवर्ग के पुरानी पेंशन को निर्धारित करें एवं भारत सरकार द्वारा 2 सितंबर 2008 को जारी आदेश के समान 33 वर्ष में पूर्ण पेंशन के स्थान पर 20 वर्ष में पूर्ण पेंशन का प्रावधान किया जावे।
उच्च न्यायालय बिलासपुर द्वारा याचिका क्रमांक WA/261/2024 में डबल बैंच द्वारा पारित निर्णय दिनांक 28/02/2024 के तहत सभी पात्र एल बी संवर्ग के शिक्षको के लिए क्रमोन्नति/समयमान का विभागीय आदेश किया जावे।
शिक्षक व कर्मचारियों को केंद्र के समान 01 जनवरी 2024 से 4 प्रतिशत महंगाई भत्ता दिया जाये तथा जुलाई 2019 से देय तिथि पर महंगाई भत्ते के एरियर राशि का समायोजन जीपीएफ/सीजीपीएफ खाता में किया जाए। इस तरह चलेगा आंदोलन
इस कार्यक्रम में जिला संचालक दिनेश कुमार राठौर, मुकेश कोरी, पीयूष गुप्ता, ब्लॉक संचालक संजय नामदेव, ओमप्रकाश सोनवानी, स्मिता गोवर्धन, राजकुमार पटेल, सूरज सिंह बिसेन, रत्नेश सोनी, योगेश राजपूत, महेंद्र मिश्रा, राधा चौहाथा, भागीरथी कैवर्त आदि शिक्षक उपस्थित थे।*