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    प्रयागराज। जौनपुर के पूर्व सांसद धनंजय सिंह अपहरण और रंगदारी में मिली सात साल की सजा के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंच गए हैं। धनंजय सिंह ने सजा का आदेश रद करने और जमानत पर रिहाई देने की मांग हाईकोर्ट से की है। फिलहाल धनंजय की याचिका पर अगले हफ्ते सुनवाई होगी। धनंजय ने कुछ दिन पहले ही लोकसभा चुनाव लड़ने का ऐलान किया था। इसी बीच उन्हें नमामि गंगे के प्रोजेक्ट मैनेजर के अपहरण और रंगदारी मांगने के आरोप में जौनपुर की स्पेशल कोर्ट (एमपी/एमएलए) ने सात साल की सजा सुना दी। सजा के बाद जेल जाते समय धनंजय ने चिल्ला-चिल्लाकर कहा कि उन्हें चुनाव लड़ने से रोकने के लिए षड्यंत्र रचा गया है। कुछ दिनों में ही लोकसभा चुनाव का ऐलान होना है और आचार संहिता लग जाएगी। ऐसे में इस बात पर चर्चा तेज है कि क्या धनंजय सिंह चुनाव लड़ पाएंगे। हिस्ट्रीशीटर रहे धनंजय सिंह पर पहले से कई आपराधिक केस चल रहे हैं लेकिन सजा पहली बार किसी मामले में सुनाई गई है। धनंजय सिंह कई बार विधायक और 2004 में बसपा के टिकट पर सांसद चुने गए थे। इस बार भी लोकसभा चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया था। अब सजा के कारण उनकी उम्मीदों पर पानी फिर गया है। दो साल या इससे ज्यादा की सजा पाने वाले को चुनाव लड़ने पर पाबंदी है। ऐसे में धनंजय सिंह को अब हाईकोर्ट से उम्मीद है। उनके वकील ने फैसले की कापी मिलते ही हाईकोर्ट में अपील की बात कही है। हाईकोर्ट से तत्काल कोई राहत नहीं मिलती तो कम से कम इस लोकसभा चुनाव में धनंजय का उतरना मुश्किल हो जाएगा।