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देहरादून । अहसान पर लालच भारी पड़ गया। जिस सेवादार अमनदीप सिंह उर्फ काला को धार्मिक डेरा कार सेवा के प्रमुख जत्थेदार बाबा तरसेम सिंह ने हमेशा शरण दी, उसके भले के लिए उसे वेतन पर रखवाया, वहीं चंद रुपयों की खातिर बाबा की हत्या के षड्यंत्रकारियों में शामिल हो गया।

उसने शूटरों को बाबा तरसेम सिंह के बारे में पल-पल की जानकारी दे दी। गुरुवार को एसएसपी डॉ. मंजूनाथ टीसी ने बताया कि 19 मार्च को शूटर सराय में रुके तो उनका सम्पर्क सेवादार अमनदीप सिंह से हुआ। उन्होंने लालच देकर सेवादार को अपने साथ मिला लिया।

उससे बाबा तरसेम सिंह की पल-पल की जानकारी लेते थे। इस दौरान कई बार शूटरों व सेवादार का सम्पर्क हुआ। 28 मार्च को शूटरों को बाबा तरसेम सिंह की लोकेशन बताने समेत पूरी घटना सीसीटीवी फुटेज में भी कैद हुई है। सेवादार अमनदीप सिंह ने शूटरों को बताया कि बाबा तरसेम सिंह डेरा में अकेले बैठे हैं।

यही सही समय उनकी हत्या करने का है। इसके बाद शूटर सराय से तत्काल डेरा पहुंचे और उन्होंने बाबा तरसेम सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी। बाबा को कभी इस बात का इल्म भी नहीं रहा होगा कि जिस सेवादार पर वह अहसान कर रहे हैं, वही उनकी मौत का कारण बनेगा।

तराई में डेरों के वर्चस्व को लेकर हुई बाबा तरसेम सिंह की हत्या
तराई में डेरों के प्रबंधन के वर्चस्व को लेकर धार्मिक डेरा कार सेवा के प्रमुख जत्थेदार बाबा तरसेम सिंह की हत्या की गई थी। हाई प्रोफाइल हत्या को अंजाम देने के लिए दो पेशेवर शूटरों को 10 लाख रुपये दिए गए थे। हत्या के लिए विभिन्न स्रोतों से साजिश के आरोपी दिलबाग सिंह निवासी निगोही, शाहजहांपुर को रकम मिली है।

शूटरों को हत्या को अंजाम देने के लिए हर सुविधा मुहैया कराई गई। बाजपुर से राइफल मुहैया कराई गई। पुलिस ने हत्या का षड्यंत्र रचने के आरोप में चार लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें एक सेवादार भी शामिल है, जो शूटरों को बाबा तरसेम सिंह की पल-पल की जानकारी दे रहा था।

गुरुवार को एसएसपी डॉ. मंजूनाथ टीसी ने नानकमत्ता थाने में मामले का खुलासा किया। उन्होंने बताया कि 28 मार्च को बाबा तरसेम सिंह की हत्या के बाद से 11 टीमें शूटरों व षड्यंत्रकारियों की गिरफ्तारी के लिए दबिश दे रही हैं।

अब तक दिलबाग सिंह सहित बलकार सिंह पुत्र दर्शदा निवासी ग्राम बाधे कंजा करेली पीलीभीत, हरविंदर सिंह उर्फ पिंदी पुत्र मलकीत सिंह निवासी रणधीरपुर तिलहर शाहजहांपुर, सेवादार अमनदीप उर्फ काला पुत्र कुलदीप सिंह निवासी बरा जगत, अमरिया पीलीभीत को भी गिरफ्तार किया गया है।

जांच में मिले इनपुट और मामले में गिरफ्तार हुए आरोपियों से पूछताछ के आधार पर पता चला है कि डेरा कार सेवा एवं तराई क्षेत्र के अन्य महत्वपूर्ण डेरों के प्रबंधन के वर्चस्व को लेकर बाबा तरसेम सिंह की हत्या की योजना बनाई गई थी। एसएसपी ने बताया कि गुरुवार को डीजीपी स्तर से दोनों फरार शूटरों पर एक-एक लाख के इनाम की संस्तुति की गई है।

दस लाख में तय हुआ था बाबा तरसेम सिंह की हत्या का सौदा
नानकमत्ता, संवाददाता। नानकमत्ता धार्मिक डेरा कार सेवा के प्रमुख जत्थेदार बाबा तरसेम सिंह की हत्या का सौदा शूटरों से 10 लाख में किया गया था। मामले में पुलिस ने चार षड्यंत्रकारियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने गुरुवार को चारों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कर अदालत में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया।

गुरुवार को एसएसपी ने बताया कि दिलबाग सिंह, बलकार सिंह पुत्र दर्शदा निवासी ग्राम बाधे कंजा करेली पीलीभीत, सतनाम सिंह, परगट सिंह, हरविंदर सिंह उर्फ पिंदी पुत्र मलकीत सिंह निवासी रणधीरपुर, तिलहर शाहजहांपुर ने फरवरी में दोनों शूटरों से सम्पर्क साधा। सरबजीत सिंह व अमरजीत सिंह से 10 लाख में बाबा तरसेम सिंह की हत्या करने का सौदा तय हुआ।

इसमें 60 हजार उस समय बयाने के तौर पर दिये। घटना से पूर्व दोनों शूटरों को 1.60 लाख रुपये दिए गए। दिलबाग सिंह व अन्य ने दोनों शूटरों को हत्या करने के लिए हर प्रकार की सुविधा मुहैया कराई। एसएसपी ने बताया कि शूटरों को 10 लाख में हायर करने वाला दिलबाग सिंह शाहजहांपुर क्षेत्र में स्कूल संचालक है। उस पर शाहजहांपुर में मुकदमा दर्ज है।

दिलबाग सिंह को कई स्रोतों से बाबा तरसेम सिंह की हत्या के लिए रकम मिली है। कहां-कहां से रकम मिली है, इसकी विवेचना जारी है। दूसरे साजिशकर्ता हरिवंदर उर्फ पिंदी के खिलाफ शाहजहांपुर थाने में मुकदमा दर्ज है।

जबकि तीसरे साथी बलकार सिंह के खिलाफ थाना करेली, पीलीभीत थाने में हत्या का मुकदमा दर्ज है। पुलिस ने गुरुवार को चारों षड्यंत्रकारियों के खिलाफ धारा 302, 34, 120बी, 307 के तहत मुकदमा दर्ज कर अदालत में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया। पत्रकार वार्ता में एसपी सिटी मनोज कत्याल, अपर पुलिस अधीक्षक काशीपुर अभय प्रताप सिंह भी मौजूद रहे।

शूटरों पर एक-एक लाख के इनाम की संस्तुति
एसएसपी ने बताया कि हत्या में शामिल दोनों शूटरों पर डीआईजी स्तर से 50-50 हजार का इनाम घोषित था। गुरुवार को डीजीपी स्तर से दोनों पर एक-एक लाख के इनाम की संस्तुति की गई है। सरबजीत पर पांच राज्यों में अपहरण, लूट, एनडीपीएस, डकैती, हत्या समेत संगीन धाराओं में 13 मुकदमे दर्ज हैं। अमरजीत पर जानलेवा हमले, लूट, डकैती समेत संगीन धाराओं में मुकदमे दर्ज हैं। टाडा एक्ट में भी निरुद्ध रहा है।


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