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    रायपुर। न्यायालय सुश्री रंजू वैष्णव, न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी से आपराधिक प्रकरण क्रमांक 11041/24 छ.ग. शासन विरूद्ध हर्ष मिश्रा व 4 अन्य अंतर्गत भारतीय दंड संहिता की धारा 304 / 34 के आरोपी नवीन सिंह ठाकुर की जमानत याचिका क़ो खारिज कर दिया।

    नवीन सिंह ठाकुर की ओर से अधिवक्ता बृजेश पाण्डेय और लोक अभियोजक विजय लांजे ने शासन की ओर से पैरवी की मामले की गंभीरता व घटना में संलिप्तता क़ो देखते हुये आरोपी की जमानत याचिका न्यायालय ने खारिज  कर दी।

    आरोपी की ओर से न्यायालय में तर्क दिया गया की थाना आरंग की पुलिस ने दुर्घटना से मौत को और गौ-तस्करों को बचाने एवं राजनीतिक दबाव की वजह से धारा 304 भा.दं.वि. में प्रकरण दर्ज कर आवेदक को झूठे मामले में गिरफ्तार किया है। चिकित्सक द्वारा दी गयी क्वेरी रिपोर्ट में बताया गया है कि मृत्यु एक्सीडेंटल या होमोसाईडल हो सकती है। आवेदक से मोबाईल की जप्ती नही की गयी है और न ही उसने कोई मेमोरेण्डम कथन दिया है। प्रकरण के निराकरण में समय लगने की संभावना है। आवेदक महासमुंद जिले का स्थायी निवासी है। आवेदक का पूर्व आपराधिक रिकार्ड नहीं है। आवेदक अपने परिवार के एकमात्र कमाने वाले सदस्य हैं, जिनके अधिक दिनों तक न्यायिक अभिरक्षा में रहने से उसके परिवार के समक्ष आर्थिक संकट उत्पन्न हो जायेगा।

    अपर लोक अभियोजक के द्वारा उक्त निवेदन का विरोध करते तर्क किया गया।