ताजा खबर

22 अगस्त को मुख्यमंत्री व शिक्षा सचिव के नाम से सभी जिले में कलेक्टर को सौपेंगे मांगपत्र

22 अगस्त को मुख्यमंत्री व शिक्षा सचिव के नाम से सभी जिले में कलेक्टर को सौपेंगे मांगपत्र

गरियाबंद:–छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा, शालेय शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र दुबे, सहायक शिक्षक समग्र शिक्षक फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष मनीष मिश्रा, नवीन शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष विकास राजपूत ने बैठक कर युक्तियुक्तकरण, ऑनलाइन अवकाश के विसंगति का तीव्र विरोध करने का निर्णय लिया है, इसके लिए छत्तीसगढ़ शिक्षक संघर्ष मोर्चा का गठन किया गया है, जिसमें प्रदेश अध्यक्ष समान भूमिका में प्रदेश संयोजक होंगे। छत्तीसगढ़ शिक्षक संघर्ष मोर्चा के प्रदेश संयोजक संजय शर्मा ने बताया कि 2008 के सेटअप के अनुसार युक्तियुक्तकरण नीति नही है, इसमे न्यूनतम छात्र संख्या वाले प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक शाला में 1-1 शिक्षक संख्या कम कर सेटअप को ही बदल दिया गया है.आखिर शिक्षा विभाग अपनी रीढ़ सेटअप को कैसे बदल सकता है, इससे बालक व पालक को शाला में कम शिक्षक उपलब्ध होगा जिसका सीधा असर शिक्षा के गुणवत्ता पर पड़ेगा.छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा,प्रदेश संयुक्त मंत्री पूरन लाल साहू, प्रदेश सहसचिव विनोद सिन्हा, प्रदेश संयुक्त मंत्री सचिन यशवंत बघेल जिलाध्यक्ष परमेश्वर निर्मलकर आई टी सेल प्रभारी गिरिश शर्मा, जिला संयोजक भुवन यदु,उपाध्यक्ष घनश्याम दिवाकर टिकेंद्र यदु, मनोज तिवारी, सलीम मेमन,जमशीर कुरैशी,ब्लॉक अध्यक्ष हुलस साहू,जितेंद्र सोनवानी, संतोष साहू, गोविंद पटेल, धवलेश्वर बेहरा नंदकुमार रामटेके,सुरेश केला, संजय यादव, किरण साहू, आर एस कंवर, कमलेज़ बघेल,डगेश्वर ध्रुव, दिनेश्वर साहू, षडानंद सरवाकर ,नारायण निषाद , ईरफान कुरैशी ,खेमराज यादव ,सनत यादव ,महेंद्र प्रधान ,छगन दीवान,रवि अग्रवार, विजयमणी वर्मा,प्रहलाद मेश्राम, दिनेश निर्मलकर,महिला प्रतिनिधि लता ध्रुव,प्रतिभा सकरिया,ईश्वरी सिन्हा,अनिता मेश्राम ,नंदनी यादव, सहित गरियाबंद जिले के शिक्षक मोर्चा के पदाधिकारियों ने कहा है कि शिक्षकों को पदोन्नति के लिए पद नही मिलेंगे और बीएड, डीएड, टेट उत्तीर्ण युवकों के शिक्षक बनने का सपना चकनाचूर होगा,क्योकि तब शाला में शिक्षकों के रिक्त पद ही नही बचेंगे. पदाधिकारियो ने कहा कि 22 अगस्त को मुख्यमंत्री व शिक्षा सचिव के नाम से सभी जिले में कलेक्टर को मांगपत्र सौपेंगे, उन्होंने प्रश्न किया कि सेटअप में भर्ती व पदस्थ शिक्षक आखिर बिना ट्रांसफर हुए अतिशेष क्यो होंगे, उन्होंने आरोप लगाया कि युक्तियुक्तकरण के नाम पर प्रायमरी व मिडिल स्कूलों में पदों की कटौती की योजना बनाई गई है.युक्तियुक्तकरण नियम सेटअप 2008 का उलंघन है, जिसके कारण शिक्षक हो रहे परेशान – मुख्यमंत्री जी को संज्ञान लेना चाहिए। वहीं विसंगतिपूर्ण युक्तियुक्तकरण को रद्द करने चरणबद्ध आंदोलन घोषित किया गया है जिसमें 22 अगस्त को सभी जिले में कलेक्टर व डीईओ को देंगे ज्ञापन सौंपा जावेगा.23 अगस्त से 28 अगस्त तक मंत्री, संसद व विधायक को ज्ञापन एवं 2 व 3 सितम्बर को सचिव व डीपीआई को ज्ञापन दिया जावेगा.9 सितम्बर को सभी जिला मुख्यालय में विशाल धरना, प्रदर्शन के साथ समयानुसार राजधानी में प्रदर्शन किया जावेगा.वर्तमान युक्तियुक्तकरण वाले पूर्व- माध्यमिक शालाओं में जिनकी दर्ज संख्या 105 या उससे कम है वहां एक प्रधान पाठक एवं तीन शिक्षक पदस्थ करने का नियम बनाया गया है, इसके अतिरिक्त पदस्थ शिक्षक अतिशेष माने जायेंगे। जबकि 2008 के सेटअप जो वर्तमान में लागू है, में न्यूनतम छात्र संख्या पर 1 प्रधान पाठक एवं 4 शिक्षक पदस्थ करने का नियम बनाया गया था, और इसी के आधार पर भर्ती व पदोन्नति विभाग द्वारा की गई है, 1 पद घटाने से एक शिक्षक तो स्वमेव अतिशेष हो जाएंगे इसीलिए यह नियम व्यवहारिक नही है। 2008 के सेटअप में प्राथमिक शाला में न्यूनतम छात्र संख्या पर 1 प्रधान पाठक व 2 सहायक शिक्षक का पद स्वीकृत किया गया था वर्तमान में 1 पद कम कर दिया गया है,यहाँ भी 1 शिक्षक स्वमेव अतिशेष होंगे, यह नियम अव्यहारिक है तथा राष्ट्रीय शिक्षा नीति का उल्लंघन है।प्राथमिक स्कूलों का मिडिल स्कूलों में युक्तियुक्तकरण से प्राथमिक विद्यालय के प्रधानपाठक का पोस्ट ही समाप्त करने की साजिश है, यदि मिडिल और हाई स्कूल को युक्तियुक्तकरण करने से मिडिल स्कूल के प्रधानपाठक के अधिकार में कटौती होगी उसका कोई स्वतंत्र अस्तित्व ही नही रह पायेगा।प्रधान पाठक का पद समाप्त करने वाला इस युक्तियुक्त करण नियम से सहायक शिक्षक व शिक्षक की पदोन्नति 50% तक कम होगी.इससे शिक्षकों के पदोन्नति के अवसर कम होंगे जो पूर्णतः अनुचित है। बालवाड़ी संचालित स्कूलों में बालवाड़ी 1 व प्राथमिक 5 कुल 6 कक्षा का संचालन 2 शिक्षकों से कैसे संभव है? 2 अगस्त 2024 को जारी युक्तियुक्तकरण नियम से शाला में पदों की संख्या कम किया गया है.इससे नई भर्ती नही होने से प्रशिक्षित बेरोजगारों के साथ अन्याय होगा? शिक्षा विभाग के सेटअप के विपरीत युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया को अपनाया जाना न्यायपूर्ण नही है, एक ही परिसर में उच्चत्तर शाला में निचले शाला को मर्ज करना स्वतंत्र शाला के नियंत्रण व शिक्षण व्यवस्था पर विपरीत असर डालेगा, प्रधान पाठक उच्च शाला के अधीन मर्ज होंगे इस प्रकार से इन पदों को समाप्त करने की रणनीति गलत है, प्राथमिक शाला व माध्यमिक शाला में न्यूनतम शिक्षक संख्या घटाया गया है इससे इन शालाओ के शिक्षण स्तर में गिरावट आएगा,पूरी युक्तिकरण की नीति में विसंगतिया है जो गंभीर आपत्तिजनक है।*

alternatetext

The Latest

To Top
$(".comment-click-51398").on("click", function(){ $(".com-click-id-51398").show(); $(".disqus-thread-51398").show(); $(".com-but-51398").hide(); });
$(window).load(function() { // The slider being synced must be initialized first $('.post-gallery-bot').flexslider({ animation: "slide", controlNav: false, animationLoop: true, slideshow: false, itemWidth: 80, itemMargin: 10, asNavFor: '.post-gallery-top' }); $('.post-gallery-top').flexslider({ animation: "fade", controlNav: false, animationLoop: true, slideshow: false, prevText: "<", nextText: ">", sync: ".post-gallery-bot" }); }); });