संपूर्ण पदोन्नति पर रोक लगाने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र ।
5 वर्षों से अनु जाति,अनु जनजाति अधिकार से वंचित ।
रायपुर। 22 जुलाई को सभी जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन।
गवर्नमेंट एम्पलाइज वेलफेयर एसोसिएशन छत्तीसगढ़ के प्रदेशअध्यक्ष कृष्ण कुमार नवरंग ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को पत्र लिखकर सम्पूर्ण पदोन्नति पर तत्काल रोक लगाने की मांग की हैं।उन्होंने राज्य सरकार पर आरोप लगाया की वह जानबूझकर अनुसूचित जाति ,अनु जनजाति के कर्मचारी ,अधिकारी को पदोन्नति से वंचित करने वरिष्ठता को आधार पदोन्नति कर रही है।
विदित हो उच्च न्यायालय बिलासपुर ने अपने पारित अंतिम आदेश 16 /4/ 2024 तथा उच्चतम न्यायालय के (जरनैल सिंह व एम नागराज ) न्याय दृष्टांत राज्य के अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के सेवकों की शासकीय सेवकों का पदोन्नति में आरक्षण प्रदान करने हेतु क्वांटिफिएबल डाटा संकलित करने अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार पिंगुआ की अध्यक्षता में आठ सदस्यीय समिति का गठन कर दी है।
ऐसी स्थिति में राज्य सरकार को उच्च न्यायालय के निर्णय पश्चात संपूर्ण पदोन्नति पर रोक लगा दी जानी थी परंतु अभी भी कई विभागों में आरक्षण विहीन पदोन्नति जारी रखी हैं।
जबकि अब पदोन्नति में आरक्षण देने उच्चाधिकार कमेटी का गठन हो गया तो रिपोर्ट ,प्रतिवेदन ,आते तक संपूर्ण पदोन्नति पर रोक लगनी चाहिए । साथ ही उच्च न्यायालय के अंतिम पारित आदेश 16 /4/24 के बाद भी कोर्ट का अवमानना कर आरक्षण विहीन पदोन्नति दी है अतः सम्पूर्ण पदोन्नति को भी निरस्त करने की मांग की है। गवर्नमेंट एम्पलाइज वेलफेयर एसोसिएशन छत्तीसगढ़ में तय किया है कि जब तक राज्य सरकार अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति के कर्मचारी अधिकारी को पदोन्नति में आरक्षण नहीं मिलेगा तब तक आंदोलन जारी रखेगा ।आंदोलन के द्वितीय चरण में 22 जुलाई को सभी जिला मुख्यालय में कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन देकर 7 सूत्री बंद मांग के निराकरण का अनुरोध करेगी उक्त जानकारी संगठन के प्रदेश प्रवक्ता नरेंद्र जांगड़े ने दिया


