
कर्मचारियों के डीए के एरियर्स का मामला –
कर्मचारी आशंकित कि डीए का उनका लाखों रुपए एरियर्स कहीं डूब तो नहीं जायेगा
कर्मचारियों को थी उम्मीद कि चुनावी समय में सरकार एरियर्स दे देगी, परंतु नहीं दी, जबकि दीवाली का त्यौहार भी है
एरियर्स राशि भुगतान के संबंध में कर्मचारी संगठनों को शासन से कोई आश्वासन नहीं मिला
राजस्थान में चुनाव आयोग से अनुमति लेकर कर्मचारियों का मंहगाई भत्ता 42% से 46% किया गया
रायपुर। राजस्थान में चुनाव आयोग से अनुमति लेकर राज्य के कर्मचारियों का मंहगाई भत्ता केंद्रीय कर्मचारियों के बराबर 42% से 46% कर दिया गया है। छत्तीसगढ़ के कर्मचारी संगठन भी चाहते हैं कि दीवाली से पहले उनका भी मंहगाई भत्ता केंद्रीय कर्मचारियों के बराबर किया जाए। वहीं पिछले 4 वर्षों से अनियमित मंहगाई भत्ता दिए जाने के कारण लाखों रुपए का एरियर्स नहीं मिलने से छत्तीसगढ़ राज्य के लगभग 6 लाख कर्मचारी, अधिकारी और पेंशनर चिंचित हैं, क्योंकि उन्हें अपने पूरे सेवाकाल के दौरान पहली बार ऐसी स्थिति का सामना करना पड़ा है। इससे पहले कभी उनका एरियर्स राशि नहीं रुका था, इसलिए इन दिनों एरियर्स राशि की चर्चा सभी कर्मचारियों की जुबान पर है। कर्मचारियों को थी उम्मीद कि चुनावी समय में सरकार एरियर्स दे देगी, परंतु नहीं दी, जबकि दीवाली का त्यौहार भी है। उन्हें एरियर्स राशि भुगतान के संबंध में कोई आश्वासन भी नहीं मिलने से वो आशंकित हैं कि कहीं उनका एरियर्स राशि डूब तो नहीं जायेगा। बता दें कि मंहगाई भत्ता की लड़ाई लड़ने के लिए ही राज्य के इतिहास में पहली बार समस्त विभागों के कर्मचारी संगठनों का महासंगठन कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन और कर्मचारी अधिकारी महासंघ बनाया गया था।
केंद्र सरकार के कर्मचारियों के समान देय तिथि से मंहगाई भत्ता देने की मांग को लेकर पिछले 3 वर्षों में कई बार हड़ताल कर चुके राज्य के 6 लाख कर्मचारी, अधिकारी और पेंशनर को चुनाव से पहले मंहगाई भत्ता का एरियर्स नहीं मिल सका और आगे मिलेगा या नहीं इस संबंध में भी कोई आश्वासन नहीं दिया गया। बल्कि चुनावी आचार संहिता लागू होने के बाद एरियर्स भुगतान का मामला और भी पेचीदा हो गया है, क्योंकि आचार संहिता से पहले एरियर्स भुगतान को लेकर शासन द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई है। इसलिए राज्यभर के सभी 6 लाख कर्मचारी, अधिकारी और पेंशनर चिंचित हैं। ऐसा इसलिए कि राज्य में उन्हें पहली बार ऐसी स्थिति का सामना करना पड़ रहा है। इससे पहले उनके साथ कभी ऐसा नहीं हुआ है। क्योंकि केंद सरकार के कर्मचारियों के बराबर राज्य सरकार के कर्मचारियों को मंहगाई भत्ता दिए जाने का नियम रहा है। बता दें कि प्रथम श्रेणी के अधिकारी से लेकर चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी और पेंशनर के मंहगाई भत्ता के एरियर्स का लाखों रुपया रुका है, जबकि दीपावली का त्यौहार सामने है। इस सरकार का पंचवर्षीय कार्यकाल भी समाप्ति की ओर है। यह एरियर्स की राशि मिलेगी या नहीं मिलेगी ? इस संबंध में शासन प्रशासन से कर्मचारी संगठनों को कोई आश्वासन भी नहीं दिया गया है।
पहली बार मंहगाई भत्ता के एरियर्स की राशि इस तरह रोकी गई
छत्तीसगढ़ राज्य में पहली बार मंहगाई भत्ता के एरियर्स राशि भुगतान को लेकर ऐसी स्थिति निर्मित हुई है। इससे पहले किसी भी सरकार में ऐसी स्थिति नहीं बनी। पहले कभी भी यदि एरियर्स की राशि का नगद भुगतान नहीं किया गया तो फिर उस राशि को कर्मचारी के भविष्य निधि खाते में जमा कर दिया जाता था, जिससे कि बाद में एरियर्स की राशि कर्मचारी को मिल जाती थी। लेकिन अब एरियर्स राशि को भविष्य निधि में भी जमा नहीं किया गया है इसलिए अपनी मेहनत के लाखों रुपयों को डूबता देखकर कर्मचारियों का चिंचित होना लाजिमी है।
कर्मचारी अधिकारी संयुक्त मोर्चा ने मंहगाई भत्ता 4% बढ़ाने के मांग का ज्ञापन मुख्य सचिव व वित्त सचिव को सौंपा
छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी संयुक्त मोर्चा के प्रदेश संयोजक कमल वर्मा, अनिल शुक्ला एवं महेंद्र सिंह राजपूत ने छत्तीसगढ़ शासन के मुख्य सचिव एवं वित्त सचिव को ज्ञापन सौंपकर दीपावली से पहले केंद्रीय कर्मचारियों के समान राज्य के कर्मचारी, अधिकारी का 4% मंहगाई भत्ता एवं पेंशनर का मंहगाई राहत बढ़ाकर 42% से 46% करने का आग्रह किया है। राजस्थान सरकार ने चुनाव आयोग से अनुमति लेकर कर्मचारियों का मंहगाई भत्ता 42% से बढ़ाकर 46% कर दिया है इसलिए छत्तीसगढ़ के कर्मचारियों की भी आस जगी है कि दीवाली से पहले उनका भी मंहगाई भत्ता बढ़ सकता है।


