रायपुर। इस अवसर पर कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे, संस्कृति मंत्री श्री अमरजीत भगत, छत्तीसगढ़ राज्य गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष महंत डॉ. रामसुंदर दास, राज्य योग सेवा आयोग के अध्यक्ष श्री ज्ञानेश शर्मा, पद्मश्री ममता चन्द्राकर एवँ पूर्व में वसुंधरा सम्मान से सम्मानित सदस्य भी उपस्थित हैं
सुधीर सक्सेना जी का वक्तव्य
. किसी भी पुरस्कार की महत्ता का आकलन इस बात से होता है कि वो निरंतरता रचती है या नहीं। इसका निर्धारण इस बात से भी होता है कि यह पुरस्कार किन लोगों को पूर्व में सम्मानित किया जा चुका है। इस दृष्टि से यह पुरस्कार मेरे लिए संतोष का विषय है।
. पुश्किन का कहना है कि कोई भी सम्मान कवि के हृदय में होता है। मेरे लिए यह मेरे सरोकारों का सम्मान है। छत्तीसगढ़ में मुझे जो प्रेम मिला है। वो अद्वितीय है। जो भी प्यार से मिला, हम उसी के हो लिए, यह छत्तीसगढ़ की खासियत है।
.1978 में पहली बार यहां आया, तभी से हर साल यहां आता हूँ। इसने मुझे मोहपाश में बांध लिया है। यहां की आबोहवा से प्रभावित होकर गुरुदेव रवींद्रनाथ आये थे। कालिदास का मेघदूतम यहीं रचा गया।
. मैं जब भी यहां आता हूँ तो लगता है मैं घर लौटा हूँ।
. इस सम्मान से बड़ी जिम्मेदारी भी आई है। निरंतर सरोकारों से जुड़े रहने की जिम्मेदारी है।


