
बिलासपुर। शिक्षक (एल०बी०) संस्कृत के पद पर हाई कोर्ट की रोक माननीय उच्च न्यायालय ने पदोन्नति नियम को चुनौती देने वाले याचिका की सुनवाई करते हुए शासन से जवाब तलब करते हुए आगामी आदेश तक शिक्षक (एल०बी०) संस्कृत के पद पर रोक लगा दी है याचिकाकर्तागण कुंदन लाल पटेल, चंदूलाल साहू गिरवर साहू जो सहायक शिक्षक एल०बी० के पद पर दुर्ग एवं बेमेतरा में विभिन्न प्राथमिक शाला में कार्यरत है एवं संस्कृत विषय में स्नातक है ने अधिवक्ता अजय श्रीवास्तव के माध्यम से याचिका पेश कर बताया कि संयुक्त संचालक दुर्ग द्वारा दोनों विषय के लिए संयुक्त रूप से 231 पर सेटअप में दर्शा दी है जिससे यह स्पष्ट नहीं है कि शिक्षक हिन्दी के लिए।कितने पद है एवं शिक्षक संस्कृत पद के लिए कितने पद हैं। छ0ग0 स्कूल शिक्षक सेवा (शिक्षा एवं प्रशासनिक संवर्ग) भर्ती एवं पदोन्नति नियम 2019 के अनुसार सहायक शिक्षक से शिक्षक एल0बी0 के पद पर पदोन्नति हेतु सभी विषयों में स्नातक को अनिवार्य योग्यता रखी गयी हैं किंतु केवल शिक्षक संस्कृत विषय में पदोन्नति हेतु स्नाकोत्तर एवं स्नातक दोनों को पदोन्नति के लिए सामान रूप से अर्हता रखी गयी हैं इससे क्षुब्ध होकर याचिकाकर्तागण ने अधिवक्ता अजय श्रीवास्तव के माध्यम से उक्त नियम में विसंगति को बताते हुए माननीय उच्च न्यायालय में एक रिट याचिका प्रस्तुत की एवं बताया कि हिन्दी और संस्कृत दोनों के शिक्षक का पद पृथक है किंतु संयुक्त संचालक दुर्ग द्वारा दोनों विषय के लिए संयुक्त रूप से 231 पर सेटअप में दर्शा दी है जिससे यह स्पष्ट नहीं है कि शिक्षक हिन्दी के लिए।
कितने पद है एवं शिक्षक संस्कृत पद के लिए कितने पद हैं इसके अतिरिक्त संस्कृत में स्नातकोत्तर अभ्यर्थी आवश्यक रूप से संस्कृत में स्नातक नहीं करता एवं स्नातकोत्तर व्याख्याता के लिए अर्हता हैं। जब सभी विषय में शिक्षक पद पर पदोन्नति के लिए स्नातक रखा गया है तो केवल संस्कृत के लिए स्नातकोत्तर जो व्याख्याता के लिए अर्हता है उसे शिक्षक के लिए अर्हता रखना न्यायोचित नहीं हैं
एवं सुनवाई माननीय मुख्य न्यायाधीश की युगलपीठ ने शासन से जवाब तलब करते हुए आगामी आदेश तक शिक्षक (एल०बी०) संस्कृत के पद पर रोक लगा दी है।


