
— आज राजधानी में शिक्षकों का प्रदेशस्तरीय जंगी प्रदर्शन एवं मंत्रालय/संचालनालय घेराव —
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➡️ उक्त प्रदर्शन हेतु रायपुर जिला प्रशासन से संगठन को विधिवत अनुमति मिल गई है, कार्यालय कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी रायपुर से आंदोलन का लिखित परमिशन प्राप्त हुआ है…..
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रायपुर // –
सहायक शिक्षकों का राज्य स्तरीय स्थानांतरण आदेश जारी नहीं होने, कवर्धा के 105 शिक्षकों को उनके स्थानांतरित शालाओं के लिए कार्यमुक्त नहीं करने, बस्तर एवं सरगुजा के शिक्षकों को गैर अनुसूचित क्षेत्रों में स्थानांतरण आदेश जारी नहीं करने तथा शिक्षक एवं व्याख्याता एलबी संवर्ग का द्वितीय अर्थात पूरक स्थानांतरण सूची जारी नहीं करने से नाराज प्रदेश भर के सैकड़ों शिक्षक आज 14 दिसंबर को फिर एक बार राजधानी रायपुर में आंदोलन कर अपनी आवाज बुलंद करेंगे। उक्त धरना प्रदर्शन/आंदोलन के लिए रायपुर जिला प्रशासन से संगठन को विधिवत अनुमति प्रदान कर दी गई है…. प्रांताध्यक्ष जाकेश साहू के नाम रायपुर जिला प्रशासन ने बूढ़ा तालाब धरना स्थल पर सुबह 10:00 बजे से शाम 4:00 बजे तक प्रदर्शन करने एवं दोपहर 3:00 बजे रैली निकालने की लिखित अनुमति प्रदान कर दी है।
संगठन के प्रदेश अध्यक्ष जाकेश साहू, कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष परसराम निषाद, महामंत्री केशव पटेल, जिलाध्यक्ष उत्तम कुमार जोशी, परमेश्वर साहू, महेश्वर कोटपरिहा, पुरुषोत्तम शर्मा, सुनील कुमार गुप्ता, निर्मल भट्टाचार्य सहित पदाधिकारियों ने बताया कि प्रदेश भर के सहायक शिक्षकों का राज्य स्तरीय स्थानांतरण आदेश मंत्रालय से अभी तक जारी नहीं हुआ है जिससे स्थानांतरण चाहने वाले शिक्षकों में सरकार के प्रति काफी नाराजगी एवं आक्रोश बढ़ गया है।
उल्लेखनीय है कि विगत लगभग 2 से ढाई वर्षो बाद स्थानांतरण का प्रतिबंध राज्य सरकार ने खोला था। शिक्षकों को उम्मीद थी कि उसका ट्रांसफर हो जाएगा, इसी उम्मीद के चलते शिक्षकों ने विभाग में आवेदन लगाया है, कई शिक्षक बीमार हैं, कई शिक्षकों के परिवार में माता-पिता बीमार हैं, कई शिक्षक खुद गंभीर बीमारियों से ग्रसित एवं पीड़ित है, जो आवेदन स्थानांतरण के लिए लगाए हैं।
परंतु सहायक शिक्षकों का राज्य स्तरीय स्थानांतरण अर्थात अंतर जिला स्थानांतरण आदेश जो मंत्रालय से जारी होता है। वो आज तक जारी नहीं किया गया है।
इसी प्रकार कवर्धा जिले के 105 शिक्षकों को जिनका स्थानांतरण अन्य जिलों में हुआ है अभी तक उनको स्थानांतरित जिलों के लिए कार्य मुक्त नहीं किया गया है। कवर्धा के जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा इस मामले में तानाशाही एवं गैर जिम्मेदाराना रवैया अपनाया जा रहा है।*
कवर्धा में लगभग 175 से 200 व्याख्याता एवं शिक्षक एलबी संवर्ग का स्थानांतरण अन्य जिलों में हुआ था जिसमें से प्रभावशाली लोगों को जिनकी संख्या लगभग 50 से 70 तक थी, इन्हे रातों-रात उनके स्थानांतरित शालाओं के लिए कार्यमुक्त कर दिया गया। परंतु 105 ऐसे शिक्षक साथी जिनका कोई एप्रोच या पहुंच नहीं है उनको डीईओ कवर्धा द्वारा रिलीव करने के नाम पर आज तक लटकाया गया है। जिला शिक्षा अधिकारी कवर्धा गुप्ता जी का यह कहना है कि प्रदेश के कद्दावर मंत्री मोहम्मद अकबर द्वारा कवर्धा जिले के किसी भी शिक्षकों को अन्य जिलों के लिए रिलीव नहीं करने के लिए कहा गया है। जिसके कारण किसी भी शिक्षकों को अन्य जिलों के लिए रिलीव नहीं किया जा रहा है।
प्रदेशाध्यक्ष जाकेश साहू ने इस पूरे प्रकरण में कवर्धा डीईओ पर सवाल खड़े करते हुए कहा है कि जब कवर्धा जिले के किसी भी शिक्षकों को रिलीव नहीं करना था तो 60 से 70 शिक्षकों को रातों-रात रिलीव क्यों किया गया ……??????
प्रदेशाध्यक्ष जाकेश साहू ने कवर्धा डीईओ को चेतावनी देते हुए कहा है कि 105 शिक्षकों को यदि वहां से कार्यमुक्त नहीं किया गया तो आने वाले दिनों में कवर्धा जिला शिक्षा कार्यालय का अनिश्चितकालीन घेराव कर जंगी धरना प्रदर्शन किया जाएगा। साथ ही जिन शिक्षकों का स्थानांतरण हुआ है उनके पूरे परिवार सहित सभी शिक्षक कवर्धा जिला शिक्षा कार्यालय के सामने आमरण अनशन एवं भूख हड़ताल पर बैठेंगे।
जाकेश साहू ने इसे कवर्धा जिला शिक्षा अधिकारी की दादागिरी करार देते हुए प्रदेश सरकार से मांग किया है कि कवर्धा जिला शिक्षा अधिकारी गुप्ता जी को सीधे पद से बर्खास्त किया जाए।
इसी प्रकार शिक्षक संघ ने मांग किया है कि सरगुजा और बस्तर जिले के शिक्षकों को वन टाइम रिलैक्सेशन का लाभ देते हुए एक बार के लिए गैर अनुसूचित क्षेत्रों में स्थानांतरित किया जाए। इस संबंध में आदेश जारी किया जाए क्योंकि बस्तर और सरगुजा के अनेक शिक्षक स्थानांतरण चाहते हैं वह एप्रोच लगाकर गैर अनुसूचित क्षेत्रों में रायपुर, दुर्ग, भिलाई, बिलासपुर रायपुर आदि जगहों में करा चुके हैं, और कई लोग करा रहे हैं।
मंत्रालय से 2 शिक्षकों का, 10 शिक्षको का, कभी 20 शिक्षको का तो कभी 50 शिक्षकों का, स्थानांतरण आदेश लगातार निकलते रहता है परंतु अभी जो शिक्षक स्थानांतरण के लिए आवेदन लगाएं है उसका स्थानांतरण आदेश जारी नहीं हो रहा है।
इसी प्रकार शिक्षक एवं व्याख्याता एलबी संवर्ग का स्थानांतरण सूची आज तक जारी नहीं हुआ है। उक्त सभी मांगों को लेकर प्रदेश के सैकड़ों शिक्षक जो इन से प्रभावित हैं आज 14 दिसंबर को राजधानी रायपुर बूढ़ा तालाब स्थित धरना प्रदर्शन स्थल में एकत्रित होकर जोरदार धरना प्रदर्शन कर मंत्रालय/संचालनालय का घेराव के लिए वहां से निकलेंगे।
➡️ इसके अलावा शिक्षक एलबी संवर्ग अर्थात सहायक शिक्षक/शिक्षक एवं व्याख्याता एलबी संवर्ग के विभिन्न समस्याओं एवं मांगों को लेकर अलग से ज्ञापन पत्र आंदोलन/हड़ताल के दौरान सौंपा जाएगा…….
जिन मांगों पर हड़ताल के दौरान अलग से मांग पत्र उच्च अधिकारियों को सौंपा जाएगा वह मांग निम्न है…..
प्रमुख माँग
➡️ 25,000 प्राथमिक प्रधान पाठक सहित 1,50,000 से अधिक शिक्षक एलबी संवर्ग (सहायक शिक्षक/शिक्षक/व्याख्याता) का प्रथम सेवागणना कर …… क्रमोन्नति एवं पुरानी पेंशन बहाली सहित समस्त लाभ देना…..
➡️ राज्य के 52,000 से अधिक गैर पदोन्नत सहायक शिक्षक एलबी संवर्ग का वेतन विसंगति दूर करना……
➡️ सहायक शिक्षकों के वेतन विसंगति दूर करने के लिए गठित कमेटी का रिपोर्ट तत्काल सार्वजनिक किया जाए…..
➡️ प्रदेशभर के स्थानांतरित हुए 10,000 से अधिक शिक्षकों का वरिष्ठता बहाल कर सभी को अविलंब पदोन्नति देना…..
➡️ एम.ए.अंग्रेजी योग्यता धारियों को अंग्रेजी यूडीटी में पदोन्नति देना….
➡️ एम.ए.संस्कृत योग्यता धारियों को संस्कृत यूडीटी में पदोन्नति देना…..
➡️ बिलीव डिग्री धारी सहायक शिक्षको को ग्रंथपाल (यूडीटी) के पदों पर पदोन्नति देना….
➡️ 2019 में संविलियन हुए सहायक शिक्षक एलबी संवर्ग को वन टाइम रिलैक्सेशन का लाभ देते हुए प्राथमिक प्रधान पाठक अथवा यूडीटी के पदों पर पदोन्नति देना….
➡️ कॉमर्स स्नातक डिग्री धारियों को यूडीटी के पदों में पदोन्नति देना……
➡️ पहले की तरह ही संस्कृत और हिन्दी को अलग अलग विषय मानते हुए दोनो विषयों पर विषयवार अलग अलग पदोन्नति देना…..


