छत्तीसगढ़ समाचार

मध्यान्न भोजन रसोईयों के हड़ताल को शिक्षक संगठन एवं राज्य कर्मचारी मोर्चा का खुला समर्थन…..

मध्यान भोजन रसोईयों के हड़ताल को शिक्षक संगठन एवं राज्य कर्मचारी मोर्चा का खुला समर्थन…..

राय

 

 

 

 

रायपुर //-
प्रदेश के राजधानी में चल रहे मध्यान भोजन रसोईया संघ के हड़ताल को शिक्षक संगठन एवं छत्तीगढ़ राज्य कर्मचारी मोर्चा का खुला समर्थन मिला है। शिक्षक एलबी संवर्ग छत्तीसगढ़ के प्रांताध्यक्ष एवं राज्य कर्मचारी मोर्चा के प्रदेश संयोजक जाकेश साहू ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि स्कूल मध्यान्ह भोजन रसोईया संघ का हड़ताल जायज और उचित है। राज्य के डेढ़ लाख से अधिक रसोइयों के द्वारा यह हड़ताल उन्हीं मांगों को लेकर किया जा रहा है जिन मांगों को राज्य सरकार अर्थात सत्तारूढ़ भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के प्रदेश इकाई के द्वारा अपने चुनावी घोषणा पत्र में २०१८ विधानसभा चुनाव में शामिल किया गया था।
प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल दो २०१८ में विधानसभा चुनाव से पहले जब तत्कालीन छत्तीसगढ़ राज्य में कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष थे और टीएस बाबा जो वर्तमान में कैबिनेट मंत्री हैं वह उस समय विधानसभा में विपक्ष के नेता थे साथ ही घोषणा पत्र समिति के अध्यक्ष भी थे। टीएस बाबा ने घोषणा पत्र बनाते समय छत्तीसगढ़ प्रदेश के विभिन्न जिलों एवं ब्लॉकों में घूम घूम कर विभिन्न कर्मचारी संगठनों से एवं उनके प्रतिनिधियों से मिलकर घोषणा पत्र तैयार किया था, जिसमें मध्यान भोजन रसोईयों को कलेक्टर दर पर वेतन देने एवं उन्हें नियमित कर्मचारियों के समान दर्जा देने का वादा किया था, परंतु आज सरकार को सत्ता में रहते हुए पौने 4 साल हो गया है उसके बाद भी रसोइयों का मांग अब तक पूरा नहीं हुआ है।
प्रदेश के धाकड़ कर्मचारी नेता, शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष तथा छत्तीसगढ़ राज्य कर्मचारी मोर्चा के प्रदेश संयोजक जाकेश साहू ने कहा है की राज्य सरकार अब कर्मचारियों के हित में फैसला लेना शुरू करें क्योंकि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य का पहला बजट पेश करते हुए कहा था कि पहला बजट किसानों का है और दूसरा बजट कर्मचारियों का होगा आज चार बजट पेश होने के बाद भी कर्मचारियों की बारी नहीं आई है। ऐसे में प्रदेश का कर्मचारी वर्ग आज राज्य सरकार से नाराज एवं खफा है। अतः प्रदेश सरकार से अपील की जाती है कि रसोइयों के मांग को पूरा करें। यह बात उल्लेखनीय है कि प्रदेश के समस्त प्राथमिक शालाओं एवं मिडिल स्कूलों में डेढ़ लाख से अधिक रसोईया कार्यरत है जो मध्यान भोजन बनाने का काम करते हैं।
जिन स्कूलों में दर्ज संख्या 100 तक है वहां दो रसोईया एवं सौ से अधिक दर्ज होने पर तीन रसोईया है राज्य भर में रसोइयों की कुल संख्या लगभग डेढ़ लाख से ऊपर है। वर्तमान में रसोइयों को मात्र बारह से पंद्रह सौ रुपए ही मासिक तनख्वाह दिया जाता है, जो किसी भी सूरत में पर्याप्त नहीं है। क्योंकि रसोईया भी एक मानव प्राणी अर्थात इंसान है और उनको भी खाने पीने की वस्तुएं, दाल, रोटी, सब्जी, पहनने के लिए कपड़े एवं रहने के लिए घर व मकान चाहिए। उन्हें भी बिजली बिल पटाने, किराना सामान लेने दैनिक जीवन की वस्तुओं की खरीदी एवं बाल बच्चों की पढ़ाई लिखाई आदि में काफी पैसे खर्च हो रहे है।
महंगाई काफी बढ़ गई है। इस हिसाब से आज प्रत्येक परिवार में जीवन यापन के लिए पर महीने कम से कम दस से पंद्रह हजार रुपयों की आवश्यकता होती है।
ऐसी स्थिति में सरकार से शिक्षक संघ एवं कर्मचारी मोर्चा यह मांग करता है कि रसोइयों का वेतन तत्काल बढ़ाया जाए एवं उन्हें कम से कम कलेक्टर दर पर तनख्वाह दिया जाए जिससे कि वे समाज में सम्मान पूर्वक जीवन यापन कर सके। अतः कर्मचारी मोर्चा द्वारा रसोइयों के हड़ताल को पूर्ण समर्थन दिया जाता है।

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