
जायज मांग एवं मौलिक अधिकार के लिए आंदोलन करना कर्मचारीयों का संवैधानिक अधिकार…..
हड़ताल तोड़ने एवं कर्मचारियों में फूट डालने का राज्य सरकार का दमनात्मक आदेश एवं षड्यंत्र कतई बर्दास्त नहीं – जाकेश साहू
रायपुर //-
राज्य शासन ने हड़ताली कर्मचारियों एवं अधिकारियों के लिए एक आदेश जारी किया है कि जो हड़ताली कर्मचारी हड़ताल छोड़कर आगामी एक अथवा दो सितम्बर तक अपने कार्य मे उपस्थित हो जाएंगे उन्हें अगस्त माह का वेतन भुगतान हो जाएगा।
इसके साथ ही उत्तर बस्तर कांकेर की कलेक्टर डाक्टर प्रियंका शुक्ला ने वँहा के एक जनपद सीईओ को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। साथ ही पूर्व सीएम के प्रति अमर्यादित भाषा का प्रयोग वाली बात कही गई है। इसी प्रकार फेडरेशन के प्रवक्ता विजय झा के ऊपर हड़ताल में जाने हेतु कर्मचारियों से दुर्व्यवहार करने पर एफआईआर की गई है। साथ ही कई जगहों पर कर्मचारियों-अधिकारियों के द्वारा मंच पर दिए गए भाषणों को लेकर सम्बन्धित कर्मचारियों को निलंबित किया गया है।
उक्त सारे मामलो पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए “छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन” प्रदेश बॉडी के सक्रिय सदस्य एवं “शिक्षक एलबी संवर्ग छत्तीसगढ़” के प्रांताध्यक्ष जाकेश साहू ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा एक व दो सितम्बर तक हड़ताल छोड़कर कर्त्तव्य में उपस्थित होने वाले कर्मचारियों का वेतन भुगतान करने वाला आदेश कर्मचारियों को तोड़ने एवं संगठन में फूट डालने का सरकार का असफल प्रयास व षड्यन्त्र है। जिससे प्रदेश के समस्त साढ़े चार लाख कर्मचारी सावधान व सतर्क रहें एवं सरकार के उक्त सडयंत्र में न फंसे। हड़ताल समाप्त होने के बाद सारे हड़ताल अवधि का वेतन भुगतान होगा…. यह गारन्टी फेडरेशन देता है। अतः राज्य के किसी भी अधिकारी कर्मचारी को हड़ताल से वापस कतई नहीं होना है, जब तक हड़ताल चलेगा तब तक सभी हड़ताल में रहें…. साथ ही अन्य सभी कार्यवाहीयां, जो राज्यभर में यंहा वँहा हो रहे है उन सभी मामलों को शून्य कराने की जिम्मेदारी फेडरेशन के प्रांतीय बॉडी की है। इसलिए कोई भी साथी न डरे, न घबराएं…
विजय झा का सारा केश कोर्ट कचहरी में फेडरेशन लड़ेगा एव पूरा खर्च संगठन देगा, साथ ही विजय झा के साथ पूरा फेडरेशन हमेशा खड़ा है और खड़ा रहेगा।
प्रांताध्यक्ष जाकेश साहू ने स्पष्ट और साफ-साफ शब्दों में कहा है कि राज्य सरकार को अपनी हठधर्मिता व तानासाही रवैय्या बन्द करते हुए कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन से एक अच्छे माहौल में बात करनी चाहिए साथ ही सम्पूर्ण लम्बित 38 % डीए अर्थात 22 + 6 + 10 तथा सातवें वेतनमान पर गृह भाड़ा भत्ता का आदेश तत्काल जारी करनी चाहिए। सरकार के द्वारा कर्मचारीयो पर कार्यवाही करना अथवा हड़ताल को तोड़ने का षड्यंत्र करना कतई उचित नहीं है।


