पेण्ड्रा/दिनांक 08 अगस्त 2023
एलबी शिक्षक का दर्द –
25 साल नौकरी कर 69436 रूपये के मासिक वेतन में रिटायर हुए, लेकिन पेंशन शून्य रूपये
पुरानी पेंशन बहाली में खामी के कारण एलबी शिक्षकों को नहीं मिल रहा लाभ
20 वर्ष की सेवा शून्य करने से आई समस्या, 2028 से पहले रिटायर होने वाले पेंशन के पात्र नहीं
इसलिए प्रदेश के 1.80 लाख एलबी शिक्षक 10 अगस्त से करेंगे हड़ताल
पेण्ड्रा / एलबी संवर्ग का शिक्षक 1998 से शिक्षाकर्मी के रुप में नियमित भर्ती होकर 25 साल नौकरी किया। उसका मासिक वेतन 69 हजार 4 सौ 36 रूपये था। लेकिन रिटायर होने के बाद उसे एक रूपये भी पेंशन नहीं मिल रहा है। ऐसा इसलिए हुआ कि 1 जुलाई 2018 को शिक्षा विभाग में संविलियन के बाद उसके पहले की 20 वर्ष की सेवा को शासन ने शून्य घोषित कर दिया। इसलिए 2028 से पहले रिटायर होने वाले एलबी संवर्ग के शिक्षकों को पेंशन की पात्रता नहीं है। यही कारण है कि भूपेश बघेल सरकार द्वारा बहाल किए गए पुरानी पेंशन योजना का लाभ एलबी शिक्षकों को नहीं मिल रहा है। इसलिए प्रदेश भर के 1.80 लाख एलबी शिक्षक 10 अगस्त से अनिश्चित कालीन हड़ताल करके पूर्व सेवा की गणना कर प्रथम नियुक्ति तिथि से समस्त लाभ की मांग सरकार से कर रहे हैं।
जीपीएम जिले के पेण्ड्रा ब्लाक के सरकारी मिडिल स्कूल रामगढ़ में पदस्थ रहे शिक्षक जेम्स लकड़ा 62 साल की उम्र में 31 मई 2023 को रिटायर हुए थे। रिटायर होने के पहले उनका मासिक अंतिम वेतन 69 हजार 4 सौ 36 रूपये था। रिटायर होने के बाद उन्हें समूह बीमा योजना का सिर्फ 14 हजार रुपया बीईओ ऑफिस पेण्ड्रा से मिला। उसके बाद उन्हें एक रुपया भी नहीं मिला है और उन्हें पेंशन भी नहीं मिलता है। बीमारी की हालत में जेम्स लकड़ा एक एक रूपये के लिए मोहताज हैं।
25 वर्ष के पूरे सेवा गणना होती तो लगभग 30 हजार मासिक पेंशन मिलता
जेम्स लकड़ा का मूल वेतन 50500 रूपये था। इसपर मंहगाई व अन्य भत्ता जोड़कर उनका कुल वेतन 69 हजार 4 सौ 36 रूपये था। यदि उनके 1998 से 2023 तक 25 वर्ष के पूरे सेवा की गणना होती तो उनके अंतिम मूल वेतन के आधे वेतन 25250 रूपये को आधार मानकर उसका 25 वर्ष सेवा से औसत निकालकर फिर उसमें मंहगाई भत्ता जोड़कर उन्हें मासिक पेंशन दिया जाता जो कि लगभग 30 हजार रुपया होता।
एनपीएस का पेंशन भी नहीं मिल रहा और ओपीएस से भी वंचित हैं एलबी शिक्षक
अप्रैल 2012 से मार्च 2022 तक जेम्स लकड़ा का एनपीएस योजना के तहत पेंशन कटता था। परंतु उन्हें उस पेंशन का भी लाभ नहीं मिल रहा है। ये मिलेगा भी तो बमुश्किल एक से डेढ़ हजार रुपया महीना ही मिल पाएगा। यही कारण है कि छत्तीसगढ़ राज्य के सभी कर्मचारी पुरानी पेंशन योजना बहाली की मांग कर रहे थे जिस मांग को भूपेश सरकार ने पूरा किया परंतु नियमों की खामियों की वजह से उसके पूर्ण लाभ से प्रदेश के 1 लाख 80 हजार एलबी संवर्ग शिक्षक वंचित हैं।
ऐसा ही रहा तो 2028 से पहले रिटायर होने वाले एलबी शिक्षक बुढ़ापे में मजदूरी करेंगे
पुरानी पेंशन योजना बहाल होने के बावजूद लाल फीता शाही वाले अधिकारियों ने नियमों का ऐसा पेंच फंसा दिया है कि एलबी संवर्ग शिक्षकों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ नहीं मिलेगा। 2028 से पहले रिटायर होने वाले को तो एक रुपया पेंशन नहीं मिलेगा और जो 2028 के बाद रिटायर होंगे उन्हें औसत पेंशन मिलेगा। ऐसे में एलबी शिक्षक पद से रिटायर होने वाले शिक्षक के समक्ष बुढ़ापे में मजदूरी करने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचेगा।
प्रदेश के हजारों एलबी शिक्षक हो सकते हैं पेंशन से वंचित
पूरे प्रदेश में एलबी संवर्ग शिक्षकों की संख्या 1 लाख 80 हजार है। जिनमें से हजारों शिक्षक 2028 से पहले रिटायर हो रहे हैं। जेम्स लकड़ा की तरह ही ये हजारों शिक्षक पेंशन से वंचित रहेंगे।
एलबी शिक्षकों की सेवा गणना प्रथम नियुक्ति तिथि से की जाए – जायसवाल
इस संबंध में कर्मचारी नेता सत्य नारायण जायसवाल ने कहा है कि पंचायत विभाग द्वारा भर्ती किए गए शिक्षाकर्मी नियमित कर्मचारी थे। शासन ने 2018 में शिक्षा विभाग में इनका संविलियन किया। पूर्व की सेवा को शून्य मानना असंवैधानिक है क्योंकि पुरानी सेवा की वरिष्ठता के आधार पर संविलियन किया गया और वन टाइम रिलेक्सेशन के तहत पदोन्नति में भी पूर्व की सेवा की वरिष्ठता को आधार माना गया। इसलिए पेंशन सहित सभी मामलों में पूर्व की सेवा की गणना किया जाना एलबी संवर्ग के साथ न्यायोचित होगा।
1 जुलाई 18 से 10 वर्ष की सेवा पूर्ण होने पर ही एलबी शिक्षक को पेंशन की पात्रता – बीईओ
रिटायर हो चुके एलबी संवर्ग शिक्षक जेम्स लकड़ा के मामले में पेण्ड्रा ब्लाक के बीईओ आरएन चंद्रा ने कहा कि शिक्षा विभाग में 1 जुलाई 2018 को शिक्षा कर्मियों का संविलियन हुआ है। उससे पहले की सेवाओं को शून्य माना गया है। इसलिए शिक्षा विभाग में 10 वर्ष की सेवा पूर्ण होने पर ही एलबी शिक्षक को पुरानी पेंशन योजना की पात्रता होगी। फिलहाल एनपीएस योजना के नियमानुसार जेम्स लकड़ा को पेंशन दिलाने का प्रयास किया जा रहा है।
17 वर्ष सेवा देकर रिटायर हुए शिक्षक राम सिंह मराबी भी हैं पेंशन वंचित
जेम्स लकड़ा की तरह ही कहानी मरवाही ब्लाक के प्राइमरी स्कूल बलबहरा टोला (सिलपहरी) से रिटायर हुए एलबी संवर्ग के सहायक शिक्षक रामसिंह मराबी की है। उनको शिक्षाकर्मी वर्ग 3 के पद पर 1 मई 2005 को नियमित किया गया था। 17 साल शिक्षकीय कार्य करके 31 मई 2022 को वो रिटायर हुए लेकिन 1 जुलाई 2018 से पहले की उनकी भी सेवा शून्य कर दिए जाने के कारण वो भी पुरानी पेंशन योजना के लाभ से वंचित हैं।


