हैदराबाद में आयोजित पुतली कला राष्ट्रीय कार्यशाला में गरियाबंद की शिक्षिका मनीषा तिवारी सहित छत्तीसगढ़ के दस शिक्षक शामिल हुये
पुतली कला राष्ट्रीय कार्यशाला में राज्य के 10 शिक्षक शामिल
गरियाबंद। सांस्कृतिक स्रोत एवं प्रशिक्षण केन्द्र
संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार 15ए, सेक्टर-7, द्वारका, नई दिल्ली-110075 15A, Sector-7, Dwarka, New Delhi-110075 के द्वारा 19 जून से 03 जुलाई, 2024 तक सीसीआरटी, क्षेत्रीय केन्द्र, हैदराबाद, तेलंगाना में आयोजित “एनईपी-2020 के अनुरूप शिक्षा में पुतलीकला की भूमिका” कार्यशाला में भाग लिया है।
सी सी आर टी हैदराबाद प्रशिक्षण में शामिल हुए छत्तीसगढ़ के प्रतिभागी शिक्षक शिक्षिका प्रशिक्षण प्राप्त करने के पश्चात वापस आ गए हैं “छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया” पूरे भारतवर्ष में गूंज रहा हैदराबाद में आयोजित “विद्यालयी शिक्षा में हस्तकला कौशल का समावेश” इस विषय पर आयोजित प्रशिक्षण में भारतवर्ष से कुल 08 राज्य के 45 प्रतिभागी उपस्थित हुए।
जिसमें छत्तीसगढ़ से कुल 10 प्रतिभागी शामिल हुए , जिनकी संस्कृति भारत के अन्य राज्यों की संस्कृति के महासंगम से ओत प्रोत होकर आए हैं। राज्यों से कुल 45 प्रतिभागियों ने भाग लिया। जिसके अतर्गत दिनांक 03 जुलाई, 2024को कार्यशाला पूर्ण होने के अवसर पर समारोह का सफल आयोजन किया गया | जिसमें निदेशक, श्री राजीव कुमार जी द्वारा समापन उद्बोधन में प्रतिभागियों का
उत्साहवर्धन किया गया एवं उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं दी गई व विद्यालयों में उत्कृष्ट कार्य करने हेतु प्रेरित किया गया | समारोह में प्रतिभागियों द्वारा पुतलीकला का प्रदर्शनी एवं पुतलीकला का मंचीय प्रदर्शन किया गया | निदेशक महोदय के करकमलों से सभी प्रतिभागियों को कार्यशाला के समापन पर प्रमाण पत्र वितरित किया गया।
इस कार्यशाला में राजीव रंजन जी द्वारा कठपुतली कला इतिहास बताया गया साथ ही कठपुतली के चार प्रकार के बारे में बताया गया। कहानी गीत कविता को हम हम किस तरह बच्चों के सामने मनोरंज तरीके से क्षेत्रीय उपलब्ध वाद्य यंत्रों का प्रयोग कर बच्चों को सीखा सकते है दीपा किरण मेडम द्वारा बताया गया।कक्षा में हम कठपुतली का प्रदर्शन कैसे करे । इस कार्यशाला में हम सभी ने सीखा की पुतली कला शिक्षा में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है । इस कार्यशाला में पुतली कला, साहित्य, चित्रकला, मूर्तिकला, संगीत, नृत्य, नाटक जैसी सभी कला शैलियों के तत्वों को आत्मसात करती है और छात्रों की रचनात्मक क्षमताओं को विकसित करने में सक्षम बनाती है । छत्तीसगढ़ के बलराम नेताम महाससमुन्द, भागीरथी अजय सरगुजा,चेतनदास सर्वा मोहला मानपुर, कमल रत्नाकर जांजगीर चांपा, लखन लाल कौशल खैरागढ़, प्रेमलता ठाकुर कोंडागांव , सूरज कांति सरगुजा , मनीषा तिवारी गरियाबंद सविता गुप्ता MCB, हेमाद्रि mcb सम्मिलित हुये।