गरियाबंद। गरियाबंद जिले का बहुचर्चित फर्जी शिक्षाकर्मी का जिन्न फिर बोतल से बाहर आ गया है जब जिले मे सहायक शिक्षको की प्राथमिक प्रधानपाठक पद पर पदोन्नति की पात्रता सूची जारी हुई उक्त सूची मे मैनपुर ब्लाक के 51 फर्जी शिक्षा कर्मियो के नाम शामिल देख कुछ बर्खास्त शिक्षाकर्मियो ने आपत्ति लेकर कलेक्टर के जनचौपाल मे पहुचे और इनकी पदोन्नति पर रोक लगाने की माँग की। मामले की गंभीरता को देखते हुए कलेक्टर प्रभात मलिक ने इस शिकायत को टीएल मे लेते हुए डीईओ को मामले पर कार्यवाही के लिए दिया।
ज्ञात हो की मैनपुर ब्लॉक मे सन 2005 व 2007मे मैनपुर ब्लॉक मे जनपद पंचायत मैनपुर में वर्ष 2005 से 2007 तक फर्जी विकलांग प्रमाण पत्र एवं फर्जी दस्तावेजों के आधार पर शिक्षा कर्मी वर्ग 3 पर शिक्षा कर्मों की बड़ी तादाद में नियुक्ति हुई थी। जिसमें 454 आवेदनों में से जांच हेतु 322 अभ्यर्थी जांच के समय उपस्थित हुए थे। जिसमें 139 शिक्षाकर्मियों का अभिलेख और दस्तावेज जांच में सही पाया गया था एवं 129 शिक्षाकर्मियों की जांच में फर्जी प्रमाण पत्र एवं फर्जी दस्तावेजों के कारण नियुक्ति निरस्त करने हेतु कलेक्टर ने आदेश दिया था।
फर्जी शिक्षा कर्मियो को राजनीतिक संरक्षण के चलते कुछ को बर्खास्त किया गया और कुछ आज भी पदस्थ है वही फर्जी शिक्षको को विधिवत तथ्यों को छुपा कर संविलियन भी कर दिया इनकी सीआर गोपनीय चरित्रावली को साइड कर नियमित शिक्षक का दर्जा भी दे दिया गया
वही इनके तथ्यों को छुपा कर अब पदोन्नति देने की तैयारी हो गई थी। वही लोगो ने फर्जी शिक्षाकर्मियो की पदोन्नति पर रोक लगाने जेडी रायपुर संभाग और कलेक्टर गरियाबंद को ज्ञापन दिया है।
वही लोगो की माँग है की पदोन्नति पात्र सूची मे शामिल 51फर्जी शिक्षको को काऊंसलिंग प्रक्रिया से बाहर रख कर उनके नीचे क्रम मे आने वाले 51पात्र शिक्षको को पदोन्नति दिया जाये।


