जगदलपुर :– कांग्रेस के प्रत्याशी कवासी लखमा पर एफआईआर दर्ज, नोट बांटते हुए कैमरे में हुए थे कैद, प्रत्याशी पर अपराध दर्ज होने का पहला मामला
जगदलपुर। कांग्रेस के बस्तर लोकसभा प्रत्याशी कवासी लखमा पर एफआईआर दर्ज की गई है। कवासी लखमा नोट बांटते हुए कैमरे में कैद हुए थे। इसके बाद उनके खिलाफ वोट के लिए प्रलोभन देने के मामले में अपराध दर्ज किया गया है। लोकसभा चुनावों की आचार संहिता घोषित होने के बाद यह पहला मामला है जब आचार संहिता के उल्लघंन में किसी प्रत्याशी पर अपराध दर्ज किया गया। मामला जगदलपुर कोतवाली थाना क्षेत्र का है।
शनिवार देर शाम कांग्रेस पार्टी में बस्तर लोकसभा सीट से प्रत्याशी का ऐलान किया। जिसमें बस्तर के वर्तमान सांसद और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज का टिकट काट कर कवासी लखमा को टिकट दिया गया। जब टिकट की घोषणा हुई तब कवासी लखमा रायपुर में थे। रविवार शाम लखमा बस्तर पहुंचे। वे जुलूस निकालते हुए शहर में दाखिल हुए। इस दौरान लखमा कार की छत से बाहर निकलकर लोगों का अभिवादन स्वीकार करते रहें। रास्ते में जगह जगह कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उनका स्वागत किया। शहर में दाखिल होते ही लखमा पहले दंतेश्वरी मंदिर गए। यहां पूजा अर्चना के बाद जब लखमा मंदिर के बाहर निकले तो होलिका दहन के लिए जमा लोगों से मिले।
इस दौरान लखमा होलिका दहन उत्सव समिति के सदस्यों को 500–500 के नोट बांटते दिखें। जिसका वीडियो वायरल हो गया। स्थानीय मीडिया में इसकी ख़बर भी प्रकाशित व प्रसारित हुई। भाजपा ने इसे आदर्श आचार संहिता का उल्लघंन मान शिकायत भी की थी।
कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी विजय दयाराम के निर्देश पर अपर कलेक्टर एवं नोडल अधिकारी जिला निर्वाचन शिकायत सेल की तरफ से सहायक कार्यक्रम समन्वयक अशोक पाण्डेय ने जगदलपुर कोतवाली थाने में लिखित शिकायत दर्ज करवाई। शिकायत के अनुसार सुशील मौर्य, अध्यक्ष जिला कांग्रेस कमेटी के आवेदन पर शाम 4 से 6 के बीच बाइक रैली की अनुमति विभिन्न शर्तों के तहत दी गई थी। पर प्रत्याशी कवासी लखमा के द्वारा और कांग्रेस जिला अध्यक्ष सुशील मौर्य के द्वारा आचार संहिता का उल्लंघन और लोक सेवक द्वारा सम्यक रूप से प्रख्यापित आदेश की अह्वेलना की गई है, जिसके चलते उन पर एफआईआर दर्ज किया गया है।
जगदलपुर कोतवाली थाने में कवासी लखमा और कांग्रेस जिला अध्यक्ष सुशील मौर्य के खिलाफ धारा लोकप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 123 और इंडियन पेनल कोड की धारा 171 बी, 171 ग, और 171 ई, एवं 188 का अपराध गठित करते पाए जाने पर मामला दर्ज कर लिया गया है।