उत्तराखंड

चारधाम की राह नहीं आसान, हार्ट अटैक से 4 दिन में 7 भक्तों की गई जान; क्या रखें सावधानी

उत्तरकाशी । उत्तराखंड चारधाम यात्रा-2024 के शुभारंभ होने के साथ ही देश के कई राज्यों से भक्त दर्शन करने को पहुंच रहें हैं। यूपी, दिल्ली, गुजरात, महाराष्ट्र आदि राज्यों की तीर्थ यात्रियों की भारी भीड़ देखने को मिल रही है। 10 मई को शुरू हुई गंगोत्री-यमुनोत्री धाम की यात्रा के चार दिन के अंतराल में दोनों धामों में अब तक सात श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है। इनमें हार्ट अटैक और बेहोशी के कारण यात्रियों की मौत हुई है। इनमें पांच श्रद्धालुओं की मौत यमुनोत्री धाम यात्रा पर हुई है। एसपी कार्यालय के अनुसार, कपाटोद्घाटन के पहले दिन ही यमुनोत्री में तीन श्रद्धालुओं की मौत हुई। जिनमें 71 वर्षीय रामगोपाल रावत निवासी मध्य प्रदेश, 69 वर्षीय विमला देवी निवासी प्रतापगंज यूपी तथा 62 वर्षीय संपति बाई निवासी सिंगोली मध्य प्रदेश की हार्ट अटैक व बेहोशी आने से से मौत हुई। जबकि 12 मई को यमुनोत्री यात्रा पर 54 वर्षीय विष्णु कुमार भावा निवासी बसवाना बैंगलोर तथा गंगोत्री यात्रा पर गए 49 वर्षीय गब्बर सिंह निवासी नंदगांव बड़कोट की अटैक से मौत हो गई। सोमवार को 73 वर्षीय सूर्यकांत सुमण निवासी गांधी नगर गुजरात की अचेत अवस्था में पाए जाने पर मृत मिला। मंगलवार को गंगोत्री धाम में 76 वर्षीय शोभा निवासी गोवा की तबियत खराब हो गई। अस्पताल पहुंचते ही शोभा ने दम तोड़ दिया।
ज्यादा उम्र के यात्रियों की हेल्थ स्क्रीनिंग पर फोकस
चारधाम में 50 साल से अधिक उम्र के यात्रियों की हेल्थ स्क्रीनिंग पर विशेष फोकस किया जाएगा। स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर राजेश कुमार ने कहा कि चारधाम यात्रा में यात्रियों की बढ़ती संख्या एक चुनौती के रूप में सामने आई है।
ऐसे में स्वास्थ्य विभाग की ओर से श्रद्धालुओं को स्वास्थ्य जांच से लेकर तमाम सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि यात्रा रूट पर बड़ी संख्या में डॉक्टरों की तैनाती की गई है और श्रीनगर में हार्ट रोगियों के लिए कैथ लैब भी बनाई जा रही है।
चारधाम के लिए तीर्थयात्री पूरी तैयारी के साथ जाएं
पर्यटन या तीर्थाटन के लिए यदि आप उत्तराखंड आ रहे हैं तो पूरी तैयारी के साथ आएं, अन्यथा पहाड़ों के सफर के दौरान कुछ दिक्कतें हो सकती हैं। चारधाम यात्रा में वाहनों के दबाव के चलते कुछ स्थानों पर ट्रैफिक जाम और अचानक बारिश से रास्ते बंद होने की आशंका बनी रहती है।
अत्यधिक ऊंचाई वाले स्थानों पर मौसम ठंडा रहता है। इस कारण मैदान की गर्मी से अचानक ठंडा मौसम सेहत बिगाड़ सकता है। लिहाजा यात्रियों को इन बातों का ध्यान रखना जरूरी है।
चढ़ाई में चढ़ते और उतरते समय हमेशा पहाड़ी की ओर होकर चलना चाहिए। लंबी ट्रैकिंग के दौरान लगभग एक ही चाल से चलना चाहिए। तय रास्ते से होकर ही चलना चाहिए। नए रास्ते पर चलने से भटकने का खतरा रहता है।
इन बातों का रखें ख्याल
यात्रा से पहले पंजीकरण जरूर कराएं और सही मोबाइल नंबर दें। धामों में दर्शन को टोकन जरूर प्राप्त करें। अपने साथ गरम कपड़े, छतरी, रेनकोट रखें। रास्ता बंद होने की स्थिति में चने, बिस्कुट, ड्राई फ्रूट, पानी साथ रखें। कोई दवाई लेते हैं तो पर्याप्त मात्रा में दवा साथ रखें। यात्रा पड़ावों पर विश्राम करते हुए आगे बढ़ें, ताकि जलवायु के अनुकूल हो सकें। यात्रा रूट पर चिकित्सा जांच कराएं। मौसम की अपडेट लेते रहें। लंबी यात्रा हो तो टेंट साथ रखें।
ये आ सकती है दिक्कतें
ऑनलाइन पंजीकरण न होने पर ऑफलाइन पंजीकरण के लिए कतार में जूझना पड़ेगा।
पंजीकरण न होने पर होटल, टैक्सी, हेली बुकिंग को करवाना पड़ सकता है निरस्त
होटल की बुकिंग न होने पर ठंड में खुले आसमान के नीचे बितानी पड़ सकती है रात
यात्रा रूट पर अपने साथ खाने-पानी का इंतजाम रखें
अस्वस्थ होने के दौरान यात्रा करने पर अधिक ऊंचाई में बिगड़ सकता है स्वास्थ्य
निजी वाहन से यात्रा करने पर पार्किंग की समस्या से सामना
धाम में टोकन या स्लॉट बुक न होने पर दर्शन को लंबा इंतजार


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