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संविधान दिवस पर जोहार:आदिवासी कला मंच छत्तीसगढ़ ने रचा स्वर्णिम इतिहास


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संविधान दिवस पर जोहार:आदिवासी कला मंच छत्तीसगढ़ ने रचा स्वर्णिम इतिहास

गरियाबंद। जोहार आदिवासी कला मंच छत्तीसगढ़ का प्रथम प्रदेश स्तरीय वार्षिक सम्मान समारोह एवं कवि सम्मेलन दिनांक 26 नवंबर 2023 को हल्बा आदिवासी शक्ति सदन नगरी जिला धमतरी छ. ग. मे संपन्न हुआ।
कार्यक्रम मे छत्तीसगढ़ के अलग-अलग जिलों से सैकड़ो की संख्या में आदिवासी कलाकार, कवि, लेखक,साहित्यकार, खिलाड़ी, चित्रकार, मूर्तिकार तथा कला प्रेमी अपनी आदिवासी वेशभूषा में शामिल हुए।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री अजय कुमार मंडावी जी पद्मश्री सम्मान से सम्मानित छत्तीसगढ़ के पहले आदिवासी व्यक्तित्व, अतिविशिष्ट अतिथि श्री रूपराय नेताम शहीद वीर नारायण सिंह सम्मान छत्तीसगढ़ शासन, अति विशिष्ट अतिथि श्री जीवराखन लाल मरई जिला जिलाध्यक्ष सर्व आदिवासी समाज,विशिष्ट अतिथि श्री उमेश देव तह.अध्यक्ष सर्व आदिवासी समाज, विशिष्ट अतिथि श्री रैनलाल देव अध्यक्ष हल्बा समाज तहसील नगरी, विशिष्ट अतिथि राम प्रसाद मरकाम अध्यक्ष गोंडवाना समाज तहसील नगरी, विशिष्ट अतिथि छेद प्रकाश कौशिल अध्यक्ष ध्रुव गोंड समाज तहसील नगरी, कार्यक्रम की अध्यक्षता पूरणमल ध्रुव प्रांतीय अध्यक्ष जोहार आदिवासी कला मंच ने किया ।

कार्यक्रम की शुरुआत पेन पुरखा की अर्जी विनती के साथ गोंडी भाषा में राज गीत गाकर की गई, गोंडी भाषा में राजकीय गीत की प्रस्तुति लया ज्योति मंडावी ने दी, तत्पश्चात संविधान की उद्देशिका वाचन किया गया।
कार्यक्रम का प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए जोहार आदिवासी कला मंच छत्तीसगढ़ के प्रांतीय सचिव तरकेश मरकाम ने कहा की आदिवासियों मे कला की कोई कमी नहीं रहती हैं, कला कूट कूट कर भरी रहती हैं। जरूरत रहती हैं उन्हें उचित मंच देने की, छुपी हुई प्रतिभाओ उचित मंच देने एवं उनके हुनर को देश दुनिया के समक्ष प्रस्तुत करने के उद्देश्य से जोहार आदिवासी कला मंच छत्तीसगढ़ का गठन किया गया हैं। यह एक ऐसा मंच हैं जिसमे सम्पूर्ण कला जैसे कवि, गीतकार, लेखक, लीफ आर्टिस्ट, माईक्रो आर्ट, रंगोली, काष्ठकला, मूर्तिकला, चित्रकका, बोनसाईं आर्ट, बांसकला आदि तमाम कला को एक मंच मे समाहित किया गया हैं।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे हैं जोहार आदिवासी कला मंच छत्तीसगढ़ के प्रांतीय अध्यक्ष श्री पूरनमल ध्रुव ने अपने उद्बोधन मे कहा की जोहार आदिवासी कला मंच तमाम आदिवासी कलाकारो को उनके कला प्रदर्शन हेतु उचित मंच प्रदान करने के लिए प्रतिज्ञाबद्ध हैं।

कार्यक्रम मे आदिवासी कलाकारों द्वारा लगाए प्रदर्शनी एवं मादरी नृत्य दल ने लोगो को ध्यान अपनी ओर खींचा वही कवियों ने खूब तालियां बटोरी।

उपस्थित अतिथियों ने अपने उद्बोधन से आदिवासी समाज के होनहार प्रतिभाओं को आगे बढ़ाने में जोहार आदिवासी कला मंच छत्तीसगढ़ की इस पहल का मुक्त कंठ से प्रशंसा की।
कार्यक्रम मे आदिवासी समाज के होनहार व्यक्तियों को आदिवासी गौरव सम्मान से नवाजा गया, साथ ही कला,शिक्षा,खेल आदि के क्षेत्र मे उल्लेखनीय कर आदिवासी समाज का नाम बढ़ाने वाले प्रतिभाओं का भी सम्मान किया गया।

कार्यक्रम के समापन अवसर पर जोहार आदिवासी कला मंच छत्तीसगढ़ के प्रांतीय संरक्षक श्री ईश्वर मंडावी ने समस्त अतिथियों एवं दर्शकों का धन्यवाद ज्ञापित कर कार्यक्रम के सफल आयोजन हेतु जोहार आदिवासी कला मंच छत्तीसगढ़ समस्त पदाधिकारी एवं सदस्यो को बधाई देते हुए कहा की के कार्यक्रम का उद्देश्य आदिवासी समाज के प्रतिभाओं को आगे बढ़ाना एवं अपनी कला संस्कृति साहित्य को सहेज कर रखना हैं।


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