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मरवाही सीट का पूर्वानुमान – छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद मरवाही में पहला चुनाव जो एक तरफा नहीं है, त्रिकोणीय संघर्ष में फंसा सबको नतीजे का इंतजार


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मरवाही सीट का पूर्वानुमान –
छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद मरवाही में पहला चुनाव जो एक तरफा नहीं है, इससे पहले 4 आम चुनाव और 2 उपचुनाव एक तरफा रहे

कांग्रेस, जोगी कांग्रेस और भाजपा में त्रिकोणीय मुकाबला, 3 दिसम्बर की मतगणना पर टिकी सबकी नजर

पूर्व सीएम स्व अजीत जोगी के नाम की सहानुभूति, कांग्रेस प्रत्याशी विधायक डॉ केके ध्रुव से असंतोष व भीतरघात का लाभ मिलते दिखा जोगी कांग्रेस के गुलाब राज को

जोगी कांग्रेस ने बहुत ही प्रभावी ढंग से चुनाव लड़कर विरोधियों को दिया करारा जवाब

पेण्ड्रा-मरवाही / अनूसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित मरवाही विधानसभा सीट में कांग्रेस, भाजपा और जोगी कांग्रेस के बीच त्रिकोणीय संघर्ष है, जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री स्व अजीत जोगी के नाम के सहानुभूति वोट, क्षेत्र वासियों में वर्तमान विधायक डॉ केके ध्रुव से असंतोष और स्थानीय वर्सेज बाहरी आदिवासी के मुद्दे का लाभ जोगी कांग्रेस के प्रत्याशी गुलाब सिंह राज को मिलते दिख रहा है। वहीं कांग्रेस प्रत्याशी डॉ केके ध्रुव और भाजपा प्रत्याशी प्रणव मरपच्ची ने अपनी राष्ट्रीय पार्टी के नाम पर चुनाव लड़कर मुकाबले को रोमांचक त्रिकोणीय बना दिया है। बता दें कि छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद मरवाही सीट में यह पहला विधानसभा चुनाव है जो एकतरफा नहीं दिख रहा। इससे पहले वर्ष 2003, 2008, 2013 व 2018 के 4 आम चुनाव और वर्ष 2001 एवं 2020 के 2 उपचुनाव एक तरफा रहे हैं।

मरवाही सीट की जनता इस बार विधानसभा में प्रतिनिधित्व करने के लिए किसे जनादेश दी है यह 3 दिसम्बर की मतगणना के बाद पता चलेगा। लेकिन त्रिकोणीय दिलचस्प मुक़ाबला होने से किसी एक प्रत्याशी के एकतरफा जीतने का दावा इस चुनाव में कोई नहीं कर पा रहा है। जबकि इससे पहले के चुनाव स्व अजीत जोगी, अमित जोगी एक तरफा जीतते थे और स्व अजीत जोगी की मृत्यु के बाद उप चुनाव में भी कांग्रेस प्रत्याशी डॉ केके ध्रुव ने एक तरफा जीत हासिल की थी।

प्रशासन पर नियंत्रण नहीं होने से जनता में विधायक से असंतोष बड़ा मुद्दा बना

यहां बताना लाजिमी है कि राज्य में कांग्रेस की सरकार होने की वजह से जनता ने 3 वर्ष पहले मरवाही विधानसभा के उपचुनाव में एक तरफा जनादेश दिया था जिसके कारण 38 हजार वोटों से डॉ केके ध्रुव चुनाव जीते थे। डॉक्टर केके ध्रुव के सत्ता पक्ष से विधायक रहने के बावजूद प्रशासन पर उनका नियंत्रण नहीं होने के कारण क्षेत्रवासी छोटे छोटे काम के लिए परेशान होने के साथ ही आर्थिक और मानसिक शोषण का शिकार होते रहे जो कि उनके प्रति जनता में असंतोष का बहुत बड़ा कारण बना। इसलिए बड़ी संख्या में गांव-गांव में कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने पार्टी के खिलाफ जाकर जोगी कांग्रेस के प्रत्याशी गुलाब सिंह राज के लिए काम किया। 3 साल पहले 38 हजार वोटों के बड़े अंतर से एक तरफा जीत हासिल करने वाले डॉक्टर केके ध्रुव असंतोष के कारण ही इस चुनाव में कड़े संघर्ष में फंस गए हैं। इस संघर्ष में यदि वो जीत गए तो यह किसी चमत्कार से कम नहीं होगा।

हमर राज पार्टी से लड़ रहे भैना समाज के प्रत्याशी के कारण भाजपा को मिल रहा लाभ

भाजपा प्रत्याशी प्रणव मरपच्ची भी कड़ा टक्कर दे रहे हैं और चुनाव परिणाम में वो चौंका भी सकते हैं। क्योंकि मरवाही सीट में भाजपा ने उन्हें 2 माह पहले ही प्रत्याशी घोषित कर दिया था। वहीं हमर राज पार्टी से चुनाव लड़ रहे पूर्व जिला पंचायत सदस्य प्रताप सिंह भानू ने भी कांग्रेस और जोगी कांग्रेस के वोटों के समीकरण को बिगाड़ने का काम किया है। प्रताप भानू भैना जनजाति वर्ग से हैं जिनके वोट परंपरागत रूप से कांग्रेस को मिलते आए हैं और पिछले चुनाव में जोगी कांग्रेस के प्रत्याशी स्व अजीत जोगी को मिले थे। इसलिए ऐसा माना जा रहा है कि प्रताप भानू जितना ज्यादा वोट पाएंगे उतना ही वो कांग्रेस और जोगी कांग्रेस को नुकसान तथा भाजपा को फायदा पहुंचाएंगे। वहीं कुछ समीकरण ऐसे भी बने जिससे कि इस चुनाव में भाजपा प्रत्याशी को उनके परंपरागत वोटों से ज्यादा वोट मिलने की संभावना भी दिख रही है, इसलिए मरवाही का चुनाव रोचक है।

अपने कैडर वोट के साथ गोंडवाना गणतंत्र पार्टी भी प्रभावी उपस्थिति दर्ज करा रही

चुनाव में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने भी अपनी प्रभावी उपस्थिति दर्ज कराई है। कुछ बूथ ऐसे हैं जहां गोंगपा को बढ़त रहती ही है।

जोगी कांग्रेस ने बहुत ही प्रभावी ढंग से चुनाव लड़कर विरोधियों को दिया करारा जवाब

मरवाही सीट किसकी झोली में जा रही है यह तो भविष्य के गर्त में है, लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री स्व अजीत जोगी की मृत्यु के बाद जोगी कांग्रेस ने बहुत ही प्रभावी ढंग से चुनाव लड़कर उन लोगों को करारा जवाब दिया है जो कहते थे कि जोगीजी की मृत्यु के बाद जोगी कांग्रेस खत्म हो गई है। पूरे चुनाव के दौरान बने माहौल ने साबित किया कि मरवाही की जनता अब भी स्व अजीत जोगी को भूली नहीं है।

जोगी कांग्रेस ने कांग्रेस के बागी गुलाब राज को बनाया प्रत्याशी

बता दें कि मरवाही विधानसभा से जोगी कांग्रेस से चुनाव लड़ रहे गुलाब सिंह राज ने कांग्रेस से बगावत करके जोगी कांग्रेस का दामन थामा था। बड़ी संख्या में क्षेत्र के कांग्रेस पदाधिकारी और जमीनी पकड़ रखने वाले जन प्रतिनिधियों ने भी कांग्रेस से बगावत कर गुलाब राज का चुनाव प्रचार किया।

2018 का विधानसभा चुनाव 46,462 वोटों से जीते थे स्व अजीत जोगी

वर्ष 2018 के मरवाही विधानसभा चुनाव नतीजों पर नजर डालें तो जोगी कांग्रेस के सुप्रीमों स्व अजीत जोगी को 74041, भाजपा प्रत्याशी अर्चना पोर्ते को 27579, कांग्रेस प्रत्याशी गुलाब राज को 20040, गोंगपा प्रत्याशी रितु पंदराम को 9978, निर्दलीय चंद्रभान सिंह को 5069, नोटा को 4501, शिवसेना के उम्मेद सिंह को 2140, आम आदमी पार्टी के लालजी मार्को को 1806, निर्दलीय गुलाब सिंह को 1494, निर्दलीय रामलाल भैना को 1422 और अंबेडकराईट पार्टी के खेलन सिंह को 1100 वोट मिले थे। जोगी कांग्रेस से पूर्व मुख्यमंत्री स्व अजीत जोगी 46,462 वोटों से जीते थे।


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