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पदोन्नति की कुटिल चाल में फँसे प्रदेश कें 43 हजार सहायक शिक्षक ,पांच साल संघर्ष कें बाद हाथ खाली ना विसंगति दूर ,ना मिली पदोन्नति ,क्रमोन्नति दूर कें ढोल

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पदोन्नति की कुटिल चाल में फँसे प्रदेश कें 43 हजार सहायक शिक्षक ,पांच साल संघर्ष कें बाद हाथ खाली ना विसंगति दूर ,ना मिली पदोन्नति ,क्रमोन्नति दूर कें ढोल

रायपुर। छत्तीसगढ़ कें 78हजार सहायक शिक्षकों ने संविलियन उपरांत अपने वेतन मान में अंतर को लेकर अपने मूल संगठन से पृथक होकर स्वतंत्र बैनर सहायक शिक्षक फेडरेशन कें बैनर तलें शुरू की लड़ाई वेतन विसंगति दूर करने जिसके चलते लड़ाई चार सूत्रीय माँग पर चालू हुई साल बीतते गये और माँग बदलते गये साढ़े चार साल वेतन विसंगति दूर करो चिल्ला रहे सहायक शिक्षकों को सरकार ने जबरदस्त तरीके से तोड़ कर पदोन्नति रूपी ब्रम्हास्त्र चलाया जिससे 78 हजार की संख्यां में 25 हजार प्राथमिक एच एम और 10 हजार यूडीटी पद पर पदोन्नत हो गये शेष बचे 43हजार सहायक शिक्षकों कें हाथ खाली आज भी खाली रह गये। जिनको सबका पदोन्नति का शगूफा छोड़ मूर्ख बना दिया गया।

अफसरशाही और संगठन की मिली भगत कें शिकार हुये 43 हजार सहायक शिक्षक

 सूत्रों की माने तो प्रदेश का सबसे बड़ा शिक्षक संगठन कहलाने वाला सहायक शिक्षक समग्र शिक्षक फेडरेशन पदोन्नति कें बाद आधा हो गया संगठन कें अधिकांश पदाधिकारी पदोन्नति पा गये वहीं  कई पदाधिकारी संशोधन मामले कें लेनदेन में शामिल होने कें आरोप लगे  और  कुछ मूल माँग को छोड़ जेब भरने में जुट गये जिसके चलते इनकी संलिप्तता उजागर हुई अफसर इनके गिरेबां को पकड़ कर इनसे जैसा चाहे वैसा करवा रहे इनके प्रदेश अध्य़क्ष जो बार बार मीडिया में झूठ फैला कर सबको पदोन्नति कां जो जुमला फेंका वह आचार संहिता की भेंट चढ़ कर खत्म हो गया शिक्षकों कें विरोध को चुनाव तक जबरदस्त तरीके से अफसर और संगठन कें नेता मैनेज करने में कामयाब रहे वही इनके किये करें पर चुनाव आयोग की टेढ़ी नजर ने रोक लगाने वाली आदेश जारी कर पानी फेर दिया।

43 हजार शिक्षक असंतोष में

सबका पदोन्नति की बात जुमला साबित होने से पदोन्नति से वंचित शिक्षकों में संगठन कें नेताओं कें प्रति जबरदस्त असंतोष पनप रहा सभी एक स्वर में सभी पदाधिकरियो से इस्तीफा माँग रहे।


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