Latest News

छत्तीसगढ़ के खनिज राजस्व में 30 गुना की वृद्धि : वर्ष 2022-23 में 13000 करोड़ रूपए का मिला खनिज राजस्व राज्य स्तरीय भू-वैज्ञानिक कार्यक्रम मंडल छत्तीसगढ़ की 23वीं बैठक सम्पन्न


Notice: Undefined index: mode in /home/dakhalchhattisga/public_html/wp-content/plugins/sitespeaker-widget/sitespeaker.php on line 13

छत्तीसगढ़ के खनिज राजस्व में 30 गुना की वृद्धि :

वर्ष 2022-23 में 13000 करोड़ रूपए का मिला खनिज राजस्व

राज्य स्तरीय भू-वैज्ञानिक कार्यक्रम मंडल छत्तीसगढ़ की 23वीं बैठक सम्पन्न

वर्ष 2023-24 के भू-वैज्ञानिक क्षेत्रीय कार्यक्रम को दिया गया अंतिम रूप

रायुपर, 22 सितम्बर 2023/राज्य स्तरीय भू-वैज्ञानिक कार्यक्रम मंडल छत्तीसगढ़ की 23वीं बैठक आज इंद्रावती भवन में खनिज साधन विभाग के विशेष सचिव श्री जय प्रकाश मौर्य की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक में वर्ष 2023-24 के भू-वैज्ञानिक क्षेत्रीय कार्यक्रम को अंतिम रूप दिया गया। विशेष सचिव श्री जय प्रकाश मौर्य ने बैठक में बताया कि वर्ष 2022-23 में लगभग 13000 करोड़ रूपए के खनि राजस्व की प्राप्ति हुई है, जो राज्य स्थापना वर्ष की तुलना में लगभग 30 गुना अधिक है।

बैठक में भौमिकी तथा खनिकर्म छत्तीसगढ़ के द्वारा क्षेत्रीय सत्र 2022-23 में सम्पन्न कार्यों की जानकारी देते हुए संचालक भौमिकी तथा खनिकर्म श्रीमती दिव्या उमेश मिश्रा ने बताया कि वर्ष 2022-23 में कुल 2.45 बिलियन टन चूनापत्थर एवं लौह अयस्क के 125 मिलियन टन भण्डार आंकलित किये गये हैं। बैठक में बताया गया कि वर्ष 2023-24 में प्रदेश में 12 विभिन्न खनिजों की कुल 45 परियोजना अन्वेषण तथा पूर्वेक्षण कार्य हेतु लिए गये हैं। जिसमें आयरन ओर के 20, फास्फोराईट के 04, चूनापत्थर के 04, गोल्ड के 04, ग्लुकोनाईट के 03, ग्रेफाईट के 02, डायमण्ड के 02, आरईई के 02, टंगस्टन के 01, लिथियम के 01, बॉक्साईट के 01 तथा बेसमेटल के 01 अन्वेषण-पूर्वेक्षण परियोजनाएं सम्मिलित हैं।

बैठक में छत्तीसगढ़ राज्य में खनिज अन्वेषण एवं खनिज दोहन के क्षेत्र में कार्यरत भारत सरकार एवं राज्य सरकार के विभागों एवं संस्थानों द्वारा वर्ष 2022-23 में किये गये भू-वैज्ञानिक कार्यों की समीक्षा की गई। समीक्षा के दौरान जहां वर्ष 2022-23 के सम्पादित कार्यों की उपलब्धियों पर चर्चा की गई तथा प्रदेश में पाये जाने वाले खनिजों की खोज के लिए वर्ष 2023-24 में प्रस्तावित भू-वैज्ञानिक कार्यों को अंतिम रूप दिया गया।

इंद्रावती भवन में आज संपन्न स्टेट जियोलॉजिकल प्रोग्रामिंग बोर्ड की बैठक में देश की विभिन्न शासकीय एवं निजी अन्वेषण संस्थाओं द्वारा छत्तीसगढ़ प्रदेश में खनिज विशेष के अन्वेषण हेतु प्रस्तुत प्रस्ताव पर भी वृहद् चर्चा की गई।

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ प्रदेश में उपलब्ध खनिज संसाधन, राज्य एवं देश के आर्थिक-सामाजिक विकास का आधार हैं। राज्य के जीएसडीपी में प्रदेश के खनिज संसाधन 11 प्रतिशत से अधिक की भागीदारी रखते हुए वार्षिक तौर पर लगभग 13 हजार करोड़ का खनिज राजस्व देते हैं। छत्तीसगढ़ प्रदेश के यूनिक जियोलॉजिकल सेटअप अनुसार यहां लौह अयस्क, कोयला, डोलोमाईट, चूनापत्थर, बाक्साईट इत्यादि बल्क मिनरल्स के अलावा बहुमूल्य एवं सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण खनिजों यथा ग्लूकोनाईट, ग्रेफाईट, निकल, क्रोमियम एवं पीजीई, की उपलब्धता भी विभिन्न एजेंसियों द्वारा प्रमाणित की गई है। तथापि अब तक प्रदेश में खनिजों का दोहन कोयला, लौह अयस्क, बाक्साईट, लाईमस्टोन तक सीमित है।

प्रदेश के बहुमूल्य एवं सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण उपर्युक्त खनिज देश की कृषि, आईटी, ऑटोमोबाईल्स, स्पेस टेक्नोलॉजी जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों के लिए आधारभूत खनिज हैं। उक्त तथ्य को दृष्टिगत रखते हुए विभाग द्वारा इन खनिजों के अन्वेषण एवं विकास को गति देने अन्वेषण कार्य में जीएसआई, एमईसीएल के अलावा शासकीय एवं निजी नोटिफाईड एक्सप्लोरेशन एजेंसीज को शामिल किया जा रहा है। खनिज विभाग द्वारा स्वतः के अतिरिक्त आउटसोर्सिंग से भी कार्य किया जा रहा है।

बैठक में जानकारी दी गई कि प्रदेश में डीजीएम के अलावा जीएसआई, एमईसीएल, सीएमपीडीआईएल, एएमडी, एनएमडीसी, मॉयल आदि देश के नवरत्न कंपनियां विभिन्न खनिजों के अन्वेषण कार्य में संलग्न हैं। एसईसीएल द्वारा भी अब कोयला के अलावा अन्य खनिजों के दोहन में रूचि ली जा रही है। परिणामस्वरूप प्रदेश में लगभग 13 परियोजनाएं बहुमूल्य एवं सामरिक महत्व के खनिजों के लिए प्रस्तावित की गई हैं। इस प्रयास से विभाग द्वारा ग्लूकोनाईट, ग्रेफाईट, निकल, क्रोमियम एवं पीजीई, गोल्ड के 06 ब्लॉक्स ई-नीलामी के माध्यम से देश के महत्वपूर्ण माईनिंग कंपनियों को पारदर्शितापूर्ण नीलाम किये गये है। राज्य के खनिज विभाग का यह प्रयास देश में इन खनिजों की उपलब्धता में आत्मनिर्भरता सुनिश्चित की जा सके। ग्लूकोनाईट, निकल, क्रोमियम एवं पीजीई खनिज ब्लाकों का ई-नीलामी के माध्यम से आबंटन करने वाला छत्तीसगढ़, देश में प्रथम राज्य है।

वर्ष 2015 में खनिज नियमों में संशोधन उपरांत विभाग द्वारा कोयला के अतिरिक्त अब तक कुल 33 खनिज ब्लाकों का आबंटन ई-नीलामी से किया गया है। इन ब्लॉकों के दोहन से आने वाले वर्षों में प्रदेश को 01 लाख करोड़ से ज्यादा की आय होगी। बैठक में केन्द्र सरकार तथा राज्य शासन के विभिन्न विभागो, उपक्रमों के प्रतिनिधि भी उपस्थित रहे।


There is no ads to display, Please add some
alternatetext
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

The Latest

To Top

You cannot copy content of this page

$(".comment-click-39889").on("click", function(){ $(".com-click-id-39889").show(); $(".disqus-thread-39889").show(); $(".com-but-39889").hide(); });
$(window).load(function() { // The slider being synced must be initialized first $('.post-gallery-bot').flexslider({ animation: "slide", controlNav: false, animationLoop: true, slideshow: false, itemWidth: 80, itemMargin: 10, asNavFor: '.post-gallery-top' }); $('.post-gallery-top').flexslider({ animation: "fade", controlNav: false, animationLoop: true, slideshow: false, prevText: "<", nextText: ">", sync: ".post-gallery-bot" }); }); });