बिल्हा बीईओ रघुवीर सिंह राठौड़ का नया कारनामा , जिन्हें एरियर्स की पात्रता नहीं उन्हें कर दिया भुगतान…. जिनका न्यायालय, जिला पंचायत और डीईओ से भुगतान का आदेश वह दर दर भटकने को हुए मजबूर
???? पंचायत की एरियर्स राशि भुगतान के लिए नियमित कर्मचारियों के हेड का हुआ प्रयोग*
???? पात्रता का परीक्षण करवाए बिना आंख मूंदकर कर दिया राशि का भुगतान
???? जिनके पास न्यायालय और जिला पंचायत सीईओ तथा डीईओ का आदेश , उन्हें आज तक नही किया गया भुगतान*
???? ट्रेजरी की भी मामले में पूरी साठगांठ , गलत भुगतान के आ चुके हैं पहले भी कई मामले सामने
???? कर्मचारियों ने भी दे दिया गलत शपथ पत्र , आंख मूंदकर बीईओ ने करवा दिया भुगतान
???? जिला पंचायत ने दिया था स्पष्ट निर्देश – *पूर्व वित्तीय वर्षों के देयको से मिलान एवं परीक्षण कर सुनिश्चित किया जाए कि संबंधित अवधि के लिए पुनर्भुगतान आहरण की स्थिति उत्पन्न नहीं हो रही है
सबसे बड़ा सवाल :- क्या ऊंची पहुंच वाले बीईओ और झूठा शपथ तथा गणना पत्रक देने वाले शिक्षकों पर होगी कार्रवाई या डाला जाएगा पर्दा
शिक्षकों को नहीं देना था गणना पत्रक बल्कि विकासखंड शिक्षा अधिकारी को गणना और अनाहरण प्रमाण पत्र जारी करने का निर्देश
जिला पंचायत और जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के तमाम आदेशों की उड़ाई गई धज्जियां
बिल्हा विकासखंड शिक्षा अधिकारी रघुवीर सिंह राठौर ने सहायक शिक्षक एलबी संवर्ग को उनकी पूर्व सेवा के एरियर्स भुगतान के लिए जिला पंचायत कार्यालय द्वारा दी गई राशि में ऐसी हेरफेर की है जिसने सारी सीमाएं पार कर दी है । स्थिति यह है कि जो पात्र हैं और जिनका नाम सूची में है वह जिला पंचायत और डीईओ का आदेश लेकर घूम रहे हैं और उनका बिल नहीं बनाया जा रहा है और जिनको किसी भी प्रकार के एरियर्स भुगतान की पात्रता नहीं है और जिनके लिए जिला पंचायत या जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय से कोई पत्र भी जारी नहीं हुआ है लेकिन जिन्होंने बीईओ को कमीशन दिया वैसे 12 कर्मचारियों को एरियर्स के रूप में लाखों की राशि बांटकर सीधे तौर पर शिक्षा विभाग को नुकसान पहुंचाया गया है । आनन-फानन में बिल जमा करने की अंतिम तारीख 24 मार्च को पूरा मामला सेट किया गया और देर रात तक बाहर से बिल बनवाया गया , बिल भुगतान की इतनी हड़बड़ी थी की राज्य कार्यालय और जिला पंचायत और डीईओ कार्यालय द्वारा भुगतान के लिए जिस हेड ( 3492) से भुगतान का निर्देश दिया गया था उसके बजाय प्राथमिक शाला नियमित कर्मचारी भुगतान हेड ( 4396) से 11 बिल और 1 बिल सहायक शिक्षक ( एल.बी) का माध्यमिक शाला नियमित कर्मचारी हेड ( 3491) से किया गया है । ट्रेजरी को भी इस पर सीधे तौर पर आपत्ति लेकर बिल को रोक देना था क्योंकि नियमित कर्मचारियों के हेड से शिक्षक (एलबी) का भुगतान हेतु बिल पेश किया गया था लेकिन पैसे मिलने के बाद वहां के बाबुओं ने भी इसे नजरअंदाज कर दिया जबकि बिल में सारी बातों का उल्लेख होता है और अन्य कर्मचारियों से सारे प्रकार के आदेश लेकर ही भुगतान किए गए हैं ।
जिन कर्मचारियों को एरियर्स राशि का भुगतान किया गया है उनका गणना पत्रक भी विकास खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय में तैयार होना था लेकिन उन कर्मचारियों का समूह बाहर से गणना पत्रक बनवा कर कार्यालय पहुंचा जिसका उनके द्वारा दिए गए शपथ पत्र में उल्लेख भी है और BEO से मामला सेट होते ही सारे नियमों को ताक पर रखकर भुगतान की तैयारी हो गई यहां तक कि इस बात की भी जांच नहीं की गई कि जो गणना पत्रक उनके द्वारा लाया गया है वह सही है कि नहीं और कर्मचारियों को उतनी राशि की पात्रता है भी कि नहीं ।
सबसे आश्चर्य की बात यह है कि जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय द्वारा जिन कर्मचारियों की सूची दी गई है उसमे से रजनी संजय देवांगन का न्यायालयीन प्रकरण है जिसके भुगतान के संबंध में जिला पंचायत में स्पष्ट निर्देश दिया था किंतु उसका भुगतान नहीं किया गया है। इसी प्रकार सूची में शामिल हर्षवर्धन सिंह सेंगर , शाहिद हुसैन , सांत्वना शर्मा , डी किरण को राशि का भुगतान नहीं किया गया है और वह अपनी राशि के भुगतान के लिए कार्यालयों के चक्कर लगाने को विवश है और भुगतान की अंतिम तिथि गुजर चुकी है । साथ ही चित्रलेखा तिवारी देवी कुमार गरेवाल और भानु शंकर जगत को कार्यालय द्वारा एरियर्स की पात्रता न होने की बात कहकर लौटाया गया है जो कि नियमानुसार सही भी था पर जिन 12 कर्मचारियों को भुगतान किए गए उन्हें एरियर्स राशि की पात्रता भी नहीं थी* उसमे संजय कुमार कौशिक को 23436 रुपए , लोकनाथ उरांव को 54366 रुपए , पुरेंद्र कुमार बारगाह को 34285 रुपए , दुवास सिंह मरावी को 23436 रुपए , ललिता बारगाह को 23436 रुपए , नीता श्रीवास को 27701 रुपए , अन्नपूर्णा यादव को 23436 रुपए , सरिता श्याम को 23436 रुपए , देव कुमार मरावी को 27701 रुपए , तामेश्वर प्रसाद को 23436 रुपए , बालेश्वर बंजारे को 23436 रुपए , उमेंद्र कुमार कौशिक को 39783 रुपए भुगतान किया गया है* । इस प्रकार अपात्र शिक्षकों को लाखों रुपए की राशि विकास खंड शिक्षा अधिकारी रघुवीर सिंह राठौर द्वारा गलत तरीके से बांट दिया गया है जबकि जिन शिक्षकों का एरियर्स पर हक है उन शिक्षको को अभी तक भुगतान नहीं किया गया है और साफ तौर पर भुगतान से मना कर दिया गया है ।
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