Chhattisgarh News

आंसरशीट में लिखा बायफ्रेंड से मतभेद की दास्तान

Posted on

रायपुर। ‘जिस तरह गर्लफ्रेंड, बायफ्रेंड एक-दूसरे को हमेशा धोखा देते हैं, वैसे ही चीन, भारत को हमेशा धोखा देता है।’ इसे पढ़कर चौंक गए न आप? हंसे भी होंगे और यह जानना भी चाहेंगे कि यह नई बात किस ‘परम् ज्ञानी’ ने लिख दी ? ….तो हम आपको बता दें कि इसे विश्वविद्यालयीन परीक्षा में एक परीक्षार्थी ने लिखा है। सामाजिक विज्ञान की परीक्षा में पूछा गया कि अंतरराष्ट्रीय राजनीति से आप क्या समझते हैं? इस सवाल के जवाब में छात्रा ने अपने वायफ्रेंड की पूरी कहानी लिख डाली। वहीं एक परीक्षार्थी ने प्यार में धोखा खाने की पूरी कहानी लिखी है। भारत-चीन के संबंधों को अपने प्यार से जोड़कर लिखा है। पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय की वार्षिक परीक्षाओं की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन हो रहा है। उत्तर-पुस्तिका में परीक्षार्थी उत्तर की जगह अपनी लव स्टोरी, अपने घर की आर्थिक स्थिति, अच्छी तैयारी नहीं होने के बहाने लिखकर पास करने का आग्रह कर रहे हैं। उनकी कापी देखकर मूल्यांकनकर्ता चकित हो रहे हैं। लिखे हुए शब्दों को पढ़कर उन्हें हंसी भी आ रही है। कापी भरने के लिए कुछ परीक्षार्थियों ने चार से पांच बार प्रश्नों को ही लिख दिया है। मूल्यांकन कर रहे शिक्षकों ने बताया कि 30 कापियों के एक बंडल में दो से तीन छात्रों की ही सिर्फ अच्छी कापी है, जो अच्छे नंबर पा रहे हैं। 75 अंक के पूर्णांक में पास होने के लिए 25 अंक चाहिए, लेकिन बहुत छात्र 20 से 22 अंकों तक ही पहुंचते हैं। समय से परीक्षा परिणाम जारी करने के मकसद से विश्वविद्यालय प्रबंधन ने परीक्षाओं के साथ ही उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन भी शुरू करवा दिया है। परीक्षा समाप्त होने के 15 से 30 दिन के अंदर परीक्षा परिणाम घोषित करने की कोशिश है। इस लिहाज से मई में वार्षिक परीक्षाओं के परिणाम आने की संभावना है। सेमेस्टर परीक्षाओं की तरह वार्षिक परीक्षाओं की कापियों का भी केंद्रीय मूल्यांकन हो रहा है। विश्वविद्यालय परिसर में ही कालेजों के प्राध्यापकों को बुलाकर मूल्यांकन कार्य कराया जा रहा है। जानकारों का मानना है कि केंद्रीय मूल्यांकन से कापियों में ज्यादा गड़बड़ी नहीं होती है। प्राध्यापक कापी बंडल घर लेकर जाते हैं, वहां जांचते हैं। कई बार शिकायत मिलती है कि प्राध्यापक ने कापी खुद न जांच करके दूसरे से मूल्यांकन करवाया है। यही वजह है कि पुनर्मूल्यांकन और पुनर्गणना में बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं के अंक बढ़ते हैं।


There is no ads to display, Please add some
Click to comment

Most Popular

Exit mobile version