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अधिकारी बेलगाम : शिक्षा विभाग का नियंत्रण नहीं ? हाई कोर्ट का खौफ बेअसर…..कबीरधाम के काउंसलिंग को तत्काल निरस्त करें छ ग सरकार।


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  1. मुंगेली। उच्च अधिकारियों से मार्गदर्शन मांगना उचित नहीं समझा।
    अनु जाति जनजाति के शिक्षको /संघ की दोहरी नीति जिम्मेदार ,आकाओं को खुश करने पदोन्नति तथा समाज के हितैषी दिखाने आरक्षण की मांग ।ऐसे लोगों को बेनकाब करना जरूरी।
    गवर्नमेंट एम्पलाइज वेलफेयर एसोसिएशन छत्तीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष कृष्ण कुमार नवरंग ने जिला शिक्षा अधिकारी कबीरधाम के विरुद्ध कार्यवाही की मांग छत्तीसगढ़ शासन स्कूल शिक्षा विभाग से किया है ।
    जिला शिक्षा अधिकारी कबीरधाम ने 16 जुलाई 2024 को सहायक शिक्षक एल बी से प्रधान पाठक प्राथमिक शाला के पद पर पदोन्नति उपरांत काउंसलिंग आयोजित किया है । सूची में ई संवर्ग के लगभग 54 पदों पर पदोन्नति दी जानी है । उच्च न्यायालय बिलासपुर ने 16 अप्रैल.2024 को जारी निर्देश अनुसार पदोन्नति में आरक्षण की पुनः बहाली हेतु छत्तीसगढ़ शासन को तीन का समय देकरपदोन्नति में आरक्षण की पुनः बहाली देने सहमति दी है उक्त आदेश के परिपेक्ष्य में सामान्य प्रशासन विभाग छत्तीसगढ़ शासन ने 14 जून.2024 को एक परिपत्र जारी कर विभाग प्रमुख को हाई कोर्ट के निर्देश का पालन कही तथा पूर्व में लागूवरिष्ठता के आधार पर पदोन्नति सहित 22 अक्टूबर 2019 की अधिसूचना को निरस्त कर देने की जानकारी शामिल है ,उक्त परिपत्र को कचड़े के ढेर में फेंक जिला शिक्षा अधिकारी कबीरधाम ने स्कूल शिक्षा विभाग छ ग शासन से लिखित में मार्गदर्शन लिए बिना सीधे प्रधान पाठक के पद पर पदोन्नति करने काउंसलिंग का आयोजन मनमानी पुर्वक कर दी हैं , DEO ने जानबूझकर अनुसूचित जाति ,अनुसूचित जनजाति के शिक्षकों को पदोन्नति से वंचित करने तत्परता से पदोन्नति देने साजिश रचने का आरोप है ।संगठन ने छ ग शासन स्कूल शिक्षा विभाग से जिला शिक्षा अधिकारी कबीरधाम के विरुद्ध कार्यवाही की मांग की है ।
    पूर्ववर्ती सरकार ने सभी विभागों के लाखों पदों पर आरक्षण विहीन पदोन्नति दी जिसमें अनु जाति जनजाति के एक भी पदों पर आरक्षण के तहत पदोन्नति नहीं मिली

संगठन के प्रदेशाध्यक्ष कृष्ण कुमार नवरंग ने स्पष्ठ की मा उच्च न्यायालय बिलासपुर ने 16 अप्रैल 2024 को याचिका निराकृत कर पदोन्नति में आरक्षण की पुनः बहाली हेतु नियम बनाने को निर्देशित किया है ,उक्त निर्देश अनुसार छ ग शासन अपनी नीति या नियम बनाने प्रयास रत हैं और अनु जाति जनजाति के लोग निरंतर आंदोलन कर रहे हैं ,इस बीत
D E O ने शासन के मंशा जाने बगैर , मनमानी पूर्वक पदोन्नति देने काउंसलिंग का आयोजन किया ,मनमानी पूर्वक उनकी स्वेक्षाचरिता को दर्शाता है ,
पुनः विदित हो आरक्षण पर पदोन्नति दिए से आधे से अधिक पदों पर सिर्फ अनु जाति जनजाति के शिक्षक पदोन्नत होंगे ।
गवर्नमेंट एम्प्लाइज वेलफेयर एसोसिएशन छ ग ,जिला कलेक्टर कबीरधाम से तत्काल पदोन्नति हेतू काउंसलिंग पर रोक लगाने की मांग की है।


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