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विधानसभा में उठी पुरानी पेंशन की मांग वित्तमंत्री का जवाब पीएफआरडीए से कुल राशि रूपये 19136.81 करोड़ राज्य सरकार को प्राप्त होना है।


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रायपुर। सुशांत शुक्ला के जवाब में वित्त मंत्री ने कहा PFRDA से राशि मिलनी है, केंद्र सरकार से राशि बकाया नहीं है। वित्त मंत्री ने कहा कि पूर्व सरकार अपने हिस्से का 10 प्रतिशत राशि देना नहीं चाहती थी, साथ ही उनकी नजर 19 हजार 136 करोड़ की राशि पर थी। उनकी मंशा कर्मचारियों की हित से ज्यादा उन पैसों के बंदरबांट पर थी। वहीं कांग्रेस विधायक शेषराज हरवंश ने एनपीएस और ओपीएस स्कीम के बारे में जानकारी चाही, कि कौन सा पेंशन स्कीम ज्यादा फायदेमंद है। जवाब में ओपी चौधरी ने कहा कि ये समझना काफी मुश्किल हैं। कुछ लोगों को एनपीएस बेहतर लगता है, कुछ ओपीएस को मानते हैं। जिन्हें भारतीय अर्थव्यवस्था के ग्रोथ की जानकारी है, वो एनपीएस को बेहतर कहते हैं।

इससे पहले वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने बताया कि छत्तीसगढ़ शासन वित्त विभाग की अधिसूचना दिनांक 11 मई 2022 द्वारा नवीन अंशदायी पेंशन योजना के स्थान पर दिनांक 01.11.2004 से पुरानी पेंशन योजना को बहाल किया गया है। छ.ग. शासन वित्त विभाग की अधिसूचना दिनांक 11 मई 2022 एवं अधिसूचना दिनांक 20 जनवरी 2023 द्वारा ओपीएस पेंशन हेतु प्रावधान किये गये हैं। वित्त मंत्री ने बताया कि केन्द्र सरकार से नहीं, अपितु पीएफआरडीए से कुल राशि रूपये 19136.81 करोड़ राज्य सरकार को प्राप्त होना है।

छ.ग. अधिकारी-कर्मचारी फेडरेशन के पत्र क्रमांक 376 दिनांक 17.02.2023 द्वारा ओपीएस/एनपीएस विकल्प चयन हेतु निर्धारित तिथि में वृद्धि के संबंध में आवेदन प्राप्त हुआ था। तत्संबंध में वित्त निर्देश 12/2023 द्वारा विकल्प चयन की तिथि में वृद्धि करते हुए दिनांक 08 मई, 2023 अंतिम तिथि निर्धारित की गई है। ओपीएस की सहमति देने वाले कर्मचारी और अधिकारियों के लिये एनपीएस खाते में नियमित राशि प्रतिमाह जमा नहीं होने पर उनके खाते को नियमित/जीवित रखने के संबंध में पीएफआरडीए अधिनियम में खाते के अप्रचलित होने संबंधी प्रावधान नहीं है।

वर्तमान में एनपीएस विकल्प का चयन करने वाले अधिकारियों एवं कर्मचारियों के वेतन से ही एनपीएस योजना के प्रावधान अनुसार नियमित कटौती की जा रही है। ओपीएस के विकल्प लेने वाले कर्मचारियों के पूर्व में एनपीएस अंशदान के रूप में वेतन से कटौती की जाकर एनएसडीएल में जमा की गई राशि में से शासकीय अंशदान एवं उस पर आहरण दिनांक तक अर्जित लाभांश की राशि शासकीय सेवक के मृत्यु सेवानिवृत्त होने पर उनके एनपीएस खाते के अंतिम भुगतान से शासकीय कोष में जमा की जाएगी


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