शिक्षा

आत्मानंद विद्यालय संचालन : संविदा नियुक्ति की प्रथा,छ्ग में शीघ्र हो बंद, संविदा प्रथा वरिष्ठ कर्मचारियों व योग्य शिक्षित युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ शैक्षिक पदों पर सेवानिवृत्ति आयु हो 65 वर्ष,ताकि भावी पीढ़ी अनुभवी शिक्षा का फायदा उठा सके

आत्मानंद विद्यालय,यदि निजीकरण नहीं तो समिति के बजाय विभाग करें संचालन

संविदा नियुक्ति की प्रथा,छ्ग में शीघ्र हो बंद, संविदा प्रथा वरिष्ठ कर्मचारियों व योग्य शिक्षित युवाओं के भविष्य से खिलवाड़

शैक्षिक पदों पर सेवानिवृत्ति आयु हो 65 वर्ष,ताकि भावी पीढ़ी अनुभवी शिक्षा का फायदा उठा सके

राज्य के नौनिहालों को गुणवत्तापूर्ण और आधुनिक शिक्षा तथा उसके लिए समुचित सुविधाएं व वातावरण मिले , इस बात पर किसी को कोई आपत्ति हो ही नहीं सकती, लेकिन गुणवत्तापूर्ण और आधुनिक शिक्षा के नाम पर आत्मानंद विद्यालय संचालन समिति के माध्यम से संचालित आत्मानंद विद्यालय योजना से देर सबेर सरकार की मंशा निजीकरण की ओर बढ़ते कदम कीआशंका पैदा करती है अन्यथा इस योजना का सफलतापूर्वक संचालन आत्मानंद विद्यालय संचालन समिति के स्थान पर स्वयं स्कूल शिक्षा विभाग भी कर सकता था। विभागीय सेट अप में स्वीकृत हजारों पद समितियों को अंतरित किया जाना वर्षों से पदोन्नति का इंतजार कर रहे कर्मचारियों के प्रति अन्याय और उनके हितों पर कुठाराघात है।विभाग द्वारा संचालन होने पर पदोन्नति के अवसरों के साथ ही कर्मचारियों को वेतन भत्ते और सेवा शर्तों संबंधी परेशानी नहीं होती, जबकि वर्तमान व्यवस्था से आत्मानंद में प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत कर्मचारी भारी अव्यवस्था और परेशानियों के साथ सेवा देने के लिए मजबूर हो रहे हैं।

शालेय शिक्षक संघ के प्रांताध्यक्ष वीरेंद्र दुबे ने उक्त वक्तव्य जारी करते हुए शासन से मांग की है कि आत्मानंद विद्यालयों के संचालन की समिति वाली व्यवस्था को अविलंब समाप्त पर समस्त पद तथा संचालन का अधिकार स्कूल शिक्षा विभाग को सौंपकर कर्मचारियों के हितों का संरक्षण करें तथा निजीकरण की आशंका को समाप्त करे।

प्रांतीय सचिव धर्मेश शर्मा ने बताया कि संविलियन के बाद विभाग में दोहरी और अनुचित व्यवस्था के बंद होने की उम्मीद जगी थी लेकिन विभाग के उच्च पदों के साथ ही शैक्षणिक पदों पर हजारों की संख्या में संविदा नियुक्ति ने अधिकारियों कर्मचारियों की पदोन्नति में बाधा उत्पन्न करके उनका मनोबल गिराने के साथ ही योग्य युवावर्ग को नियमित शासकीय सेवा के स्थान पर अनिश्चित और अनियमित संविदा सेवा के लिए बाध्य कर दिया है। उन्होंने मांग की है कि विभाग में संविदा पुनर्नियुक्ति की परिपाटी को तत्काल बंद की जावे तथा पदोन्नति और नियमित भर्ती के माध्यम से समस्त पद अविलंब भरे जावें।

कार्यकारी प्रांताध्यक्ष सुनील सिंह ने मांग की है कि उच्च तकनीकी और चिकित्सा शिक्षा की तरह स्कूल शिक्षा विभाग में भी सेवानिवृत्ति की
आयु 65 वर्ष करके पदों की रिक्तता व पदोन्नति संबंधी समस्याओं का समाधान करें।

शालेय शिक्षक संघ के प्रांतीय पदाधिकारी चंद्रशेखर तिवारी,विष्णु शर्मा,डॉ सांत्वना ठाकुर,सत्येंद्र सिंह, जितेंद्र शर्मा,विवेक शर्मा,गजराज सिंह,राजेश शर्मा,शैलेन्द्र सिंह,प्रह्लाद जैन,सन्तोष मिश्रा,सन्तोष शुक्ला,शिवेंद्र चंद्रवंशी,दीपक वेंताल,यादवेंद्र दुबे,सर्वजीत पाठक,मंटू खैरवार,पवन दुबे,भोजराम पटेल,विनय सिंह,आशुतोष सिंह,भानु डहरिया,हिमन कोर्राम,रवि मिश्रा,जितेंद्र गजेंद्र,अजय वर्मा,कृष्णराज पांडेय,घनश्याम पटेल,बुध्दहेश्वर शर्मा,प्रदीप पांडेय,जोगेंद्र यादव,देवव्रत शर्मा,अब्दुल आसिफ खान,अमित सिन्हा, विक्रम राजपूत आदि पदाधिकारियो ने सरकार से उपरोक्त मांगो पर जल्द से जल्द निर्णय लेने की मांग की है।

*वीरेंद्र दुबे*
प्रांताध्यक्ष
*छ्ग शालेय शिक्षक संघ*

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