पेण्ड्रा/दिनांक 28 जुलाई 2023
जीपीएम जिले का कलेक्ट्रेट मध्य क्षेत्र में बनाने की मांग मरवाही और पेण्ड्रा ब्लाक के नागरिक एकजुट
गांव-गांव में मामले ने तूल पकड़ा, आंदोलन की तैयारी
दान में मिले भूमि के उपयोगिता की शर्तों को बताए बिना मुख्यमंत्री से वीडियो कांफ्रेंसिंग से गुरुकुल में कलेक्ट्रेट का शिलान्यास कराया गया था
दो पूर्व विधायक, सांसद प्रतिनिधि, सर्व आदिवासी समाज, सरपंच संघ, व्यापारी संघ मध्य क्षेत्र में जिला मुख्यालय चाहते हैं
पेण्ड्रा / जीपीएम जिले का कलेक्ट्रेट एवं कंपोजिट बिल्डिंग जिले के मध्य क्षेत्र में बनाने की मांग अब गांव-गांव में तूल पकड़ने लगी है। इस संबंध में मरवाही विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक पहलवान सिंह मराबी ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को ज्ञापन सौंपकर मरवाही और पेण्ड्रा ब्लाक के लोगों की भावनाओं से अवगत करा दिया है। वहीं पूर्व विधायक दीनदयाल पोर्ते, सांसद ज्योत्सना महंत के प्रतिनिधि राकेश मसीह, सर्व आदिवासी समाज के जिलाध्यक्ष दया वाकरे, सरपंच संघ जिलाध्यक्ष गुलाब सिंह, मरवाही के अध्यक्ष गजरूप सलाम, पूर्व जिला पंचायत सदस्य प्रताप भानू भी गुरुकुल के बचाव में उतर आए हैं और उनका भी कहना है कि गुरुकुल को गुरुकुल रहने दिया जाए और मुख्यालय मध्य में बनाया जाए। इन नेताओं ने मध्य क्षेत्र में जिला मुख्यालय बनाने के लिए आंदोलन की चेतावनी भी दे दी है।
जीपीएम जिले का मुख्यालय सेनेटोरियम गुरुकुल परिसर में बनाने का विरोध जिले की दो तिहाई आबादी का प्रतिनिधित्व करने वाले मरवाही और पेण्ड्रा क्षेत्र के लोग खुलकर कर रहे हैं। यहां के लोगों ने मध्य क्षेत्र में जिला मुख्यालय बनाने का मांग शासन प्रशासन के समक्ष रख दिया है चुनावी समय होने के कारण यह मुद्दा धीरे-धीरे राजनीतिक रूप लेते जा रहा है।
मध्य क्षेत्र में मुख्यालय नहीं बना तो जिले से मरवाही का नाम हटाएं
उपेक्षा से क्षुब्ध होकर मरवाही वालों ने ज्ञापन सौंपकर यहां तक कह दिया कि जिले की सबसे बड़ी आबादी वाले मरवाही की जनता की भावनाओं को दरकिनार किया गया तो जिले के नाम से मरवाही शब्द हटा देना चाहिए।
दान में मिले भूमि के उपयोगिता की शर्तों को बताए बिना मुख्यमंत्री से वीडियो कांफ्रेंसिंग से गुरुकुल में कलेक्ट्रेट का शिलान्यास कराया गया था
मरवाही और पेण्ड्रा के लोगों का कहना है कि स्वास्थ एवं शिक्षा के उद्देश्य से मिशनरी से दान में मिले सेनेटोरियम गुरुकुल परिसर की भूमि की उपयोगिता की सही जानकारी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को दिए बिना वर्चुअल वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से गुरुकुल में जिला मुख्यालय का शिलान्यास कराया गया था। यदि मुख्यमंत्री को भूमि की उपयोगिता संबंधी सही जानकारी दी जाती तो वे वहां शिलान्यास नहीं करते क्योंकि जिला मुख्यालय बनाने योग्य जिले के मध्य में बहुत से शासकीय भूमि खाली पड़े हुए हैं। बता दें कि मिशनरी द्वारा दिए गए दान की शर्तों के अनुसार वहां स्वास्थ्य और शिक्षा के अलावा अन्य कोई कार्य नहीं कराया जा सकता। इसलिए भविष्य में वहां पर कलेक्ट्रेट निर्माण में कानूनी बाधाएं भी आएंगी, जिसके कारण वहां निर्माण कार्य पूर्ण कराना आसान नहीं होगा। वहीं गुरुकुल में जिला मुख्यालय बनाए जाने के कारण जहां एक ओर गुरुकुल आवासीय विद्यालय के विद्यार्थियों की पढ़ाई पूरी तरह से प्रभावित हो गई है वहीं दूसरी ओर स्वास्थ्य परिसर भी प्रभावित हो रहा है।
तीन ब्लाक, चार तहसील, दो अनुभाग के समानांतर मध्य दूरी पर जिला मुख्यालय बनना चाहिए – पहलवान सिंह मराबी
पूर्व विधायक पहलवान सिंह मराबी ने मुख्यमंत्री को सौंपे ज्ञापन में कहा है कि तीन विकासखंड पेण्ड्रा, गौरेला, मरवाही एवं चार तहसील तथा दो अनुभाग के समानांतर मध्य दूरी पर जिला मुख्यालय की स्थापना की जानी चाहिए। इसके लिए उपयुक्त एवं पर्याप्त शासकीय भूमि ग्राम कोदवाही, दुबटिया में रिक्त है।
आदिवासियों की शिक्षा के केन्द्र गुरुकुल को गुरुकुल रहने दिया जाए – दीनदयाल पोर्ते
पूर्व विधायक दीनदयाल पोर्ते ने कहा कि आदिवासियों की शिक्षा का मुख्य केन्द्र गुरुकुल है। आदिवासियों के उत्थान में यह संस्थान बहुत बड़ा योगदान निभा रहा है, इसलिए गुरुकुल को गुरुकुल रहने दिया जाए।
जो मरवाही की बात करेगा, वो मरवाही विधानसभा में राज करेगा – सांसद प्रतिनिधि
कोरबा लोकसभा क्षेत्र की सांसद ज्योत्सना महंत के प्रतिनिधि राकेश मसीह ने कहा कि जो मरवाही की बात करेगा वो ही मरवाही विधानसभा में राज करेगा। मरवाही की जनता मध्य क्षेत्र में जिला मुख्यालय चाहती है। उन्होंने कहा कि जिला मुख्यालय के लिए मरवाही के समस्त जनप्रतिनिधि एवं सभी दल एक मत हैं। अभी अपने अधिकार से चूके तो आगे जीवन भर हमारा शोषण होता रहेगा। इसलिए जिला मुख्यालय को पेण्ड्रा, गौरेला, मरवाही के मध्य में ही बनाया जाना चाहिए।


