
विद्यालय की पोषण वाटिका: मध्यान्ह भोजन में ताजी सब्जियों से बच्चों को मिल रहा पौष्टिक आहार
बस्तर, राजपुर: विकासखंड के राजपुर संकुल अंतर्गत प्राथमिक शाला पटेलपारा राजपुर ने पोषण वाटिका के माध्यम से मध्यान्ह भोजन को अधिक पौष्टिक और जैविक बनाने की एक सराहनीय पहल की है। विद्यालय परिसर में विकसित इस पोषण वाटिका से प्रतिदिन ताजी और जैविक सब्जियां प्राप्त होती हैं, जिनका उपयोग बच्चों के दोपहर भोजन में किया जाता है।
विद्यालय में उगाई जा रही ताजी और जैविक सब्जियां
विद्यालय की पोषण वाटिका में गोभी, मिर्च, प्याज और सेम की खेती की गई है। यह पहल प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना के तहत शुरू की गई, जिसका उद्देश्य मध्यान्ह भोजन को अधिक पौष्टिक और स्वास्थ्यवर्धक बनाना है।
विद्यालय के प्रधानाध्यापक श्री पंचम राम नेगी, स्वीपर शांतनु कश्यप, रसोइया सहादेव कश्यप, मेहतु सिन्हा और समस्त छात्र-छात्राओं ने मिलकर इस प्रयास को सफल बनाया है। संकुल समन्वयक गजेंद्र सिंह ठाकुर के मार्गदर्शन में विद्यालय ने अन्य शालाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत बनने का कार्य किया है।
बच्चों ने खुद तैयार की पोषण वाटिका
विद्यालय के बच्चे अपने शिक्षकों और स्वीपर के सहयोग से इस पोषण वाटिका की प्रतिदिन देखभाल करते हैं। खेल अवधि से समय निकालकर वे पौधों की सिंचाई, निराई-गुड़ाई और खाद प्रबंधन का कार्य करते हैं। इस गतिविधि से बच्चों को पुस्तकीय ज्ञान के साथ-साथ कृषि, कंप्यूटर और व्यवसायिक शिक्षा भी प्राप्त हो रही है, जो उनके समग्र विकास के लिए आवश्यक है।
*सब्जियों की बिक्री से बच्चों ने कमाए 4000 रुपए*
विगत वर्ष, विद्यालय के बच्चों ने गोभी और लौकी की अधिक पैदावार कर आस-पास के विद्यालयों को सब्जियां वितरित की थीं, जिससे विद्यालय को 4000 रुपए की आमदनी हुई। इस पहल से विद्यालय और बच्चे सुर्खियों में आए थे। वर्तमान शैक्षणिक सत्र में भी विद्यालय ने अन्य स्कूलों को सब्जियां उपलब्ध कराने की योजना बनाई है।
विद्यालय का वातावरण हुआ और अधिक खुशनुमा
विद्यालय में पोषण वाटिका होने से न केवल मध्यान्ह भोजन अधिक पौष्टिक बना है, बल्कि विद्यालय का वातावरण भी हरा-भरा और आकर्षक हो गया है। बच्चे इस गतिविधि में खुशी-खुशी भाग लेते हैं, जिससे उनमें प्रकृति और कृषि के प्रति प्रेम विकसित हो रहा है।
एक प्रेरणादायक पहल
प्राथमिक शाला पटेलपारा राजपुर की यह पहल अन्य विद्यालयों के लिए एक अनुकरणीय उदाहरण बन गई है। मध्यान्ह भोजन में जैविक और ताजी सब्जियों के उपयोग से बच्चों का स्वास्थ्य बेहतर हो रहा है, साथ ही वे कृषि और उद्यमिता के व्यावहारिक ज्ञान से भी जुड़ रहे हैं। यह प्रयास न केवल बच्चों को पोषण और स्वास्थ्य लाभ दे रहा है, बल्कि उन्हें भविष्य के लिए व्यवसायिक रूप से भी सक्षम बना रहा है।


