
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय बिलासपुर ने सारंगढ़ बिलाईगढ़ डीईओ के स्थानांतरण आदेश पर रोक लगा दी।
मामले पर सुनवाई करते हूये विद्वान हाईकोर्ट बिलासपुर के एकलपीठ न्यायाधीश नरेंद्र व्यास ने मामले पर सुनवाई करते हूये आदेश पर स्थगन दे दिया।
बनाम
1. छत्तीसगढ़ राज्य सचिव, विभाग के माध्यम से
स्कूल शिक्षा, महानदी भवन, नया रायपुर, तहसील एवं
जिला- रायपुर, छ.ग.
22.03.2024
0.53
2. श्री एल.पी. पटेल प्राचार्य, शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय,
धनसीर, ब्लॉक-बिलाईगढ़, जिला-सारंगढ़-बिलाईगढ़, छ.ग.
3. कलेक्टर सारंगढ़, जिला-सारंगढ़-बिलाईगढ़
याचिकाकर्ता के लिए: श्रीमान. गौतम खेत्रपाल, अधिवक्ता
राज्य के लिए श्री एस.एस.बघेल, उप. सरकारी वकील
-प्रतिवादी
माननीय श्री न्यायमूर्ति नरेन्द्र कुमार व्यास
बोर्ड पर आदेश
आदेश को रद्द करने के लिए प्रार्थना करेंगे।
1. याचिकाकर्ता ने अनुच्छेद 226 के तहत वर्तमान याचिका दायर की है
भारतीय संविधान के आदेश दिनांक 13.03.2024 को चुनौती
जो उन्हें प्रभारी जिले के पी0ओ0एस0 से स्थानांतरित किया गया है
शिक्षा अधिकारी सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला सारंगढ़-
बिलाईगढ़ से शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय तेतला, जिला
रायगढ़ (छ.ग.).
2. याचिकाकर्ता के विद्वान वकील का कहना है कि
याचिकाकर्ता की सेवानिवृत्ति 30.06.2024 यानि केवल तीन को होनी है
महीने बचे हैं, फिर भी दिनांक 13.03.2024 के आक्षेपित आदेश के माध्यम से
प्रभारी जिला के पद से स्थानांतरित कर दिया गया है
शिक्षा अधिकारी सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला-सारंगढ़-
बिलाईगढ़ से शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय तेतला, जिला
- रायगढ़ (छ.ग.), इसलिए स्थानांतरण आदेश कानून की नजर में गलत है और
4. अगली कड़ी के रूप में, रिट याचिका की अनुमति दी जाती है।
3. इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि सेवानिवृत्ति के लिए केवल 3 महीने शेष हैं,
आक्षेपित आदेश दिनांक 13.03.2024 का प्रभाव एवं संचालन
जहां तक इसका संबंध याचिकाकर्ता से है तब तक रोक रहेगी


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