रायपुर, छत्तीसगढ़ के सहायक शिक्षक 2018 से अपने संख्या बल और कुशल नेतृत्व से वेतन विसंगति दूर करने की मांग को सरकार तक प्रभावी ढंग से रखा था । इन सहायक शिक्षकों के भारी संख्या बल के दबाव से शासन भी हरकत में थी लेकिन इतने संघर्षों के बावजूद भी प्रदेश के एक लाख नौ हजार सहायक शिक्षकों को निराशा हाथ लगी।
छत्तीसगढ़ सर्व शिक्षक फेडरेशन के प्रदेश संयोजक शिव मिश्रा ने बताया कि हमने वेतन विसंगति की मांग को लेकर जिस प्रकार से आंदोलन किया था हमें पूर्ण विश्वास था चुनाव से पूर्व हमारी मांग अवश्य पूर्ण होगी लेकिन पूर्व संगठन से हमारे अलग होने के बाद नेतृत्व कर्ताओं द्वारा चुनावी वर्ष में सबके पदोन्नति के नाम पर एक संविदा अधिकारी के आश्वासन पर सहायक शिक्षकों को गुमराह किया गया इससे सहायक शिक्षकों को निराशा का सामना करना पड़ा चुनाव भी हो गए सरकार भी बदल गई लेकिन लगातार पांच वर्ष संघर्ष करने वाले हमारे साथियों की मांग पूरी नहीं हो पाई, हमारे सहायक शिक्षक साथी कई वर्ष से एक ही संस्था में सेवा देते आ रहे हैं लेकिन शासन की उदासीनता से न तो उन्हे क्रमोन्नति का लाभ मिला न पदोन्नति। पिछली सरकार द्वारा जारी ओल्ड पेंशन योजना भी महज एक छलावा साबित हुआ।
वर्तमान सरकार से हमारी मांग है कि मोदी की गारंटी के नाम से किए गए वादे के अनुरूप सहायक शिक्षकों की वेतन विसंगति को जल्द से जल्द दूर करे और प्रथम नियुक्ति तिथि से सेवा गणना करते हुए ओल्ड पेंशन योजना लागू करे।
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