
पेण्ड्रा/दिनांक 28 अक्टूबर 2023
भालु के हमले से एक आंख गवां चुकी आदिवासी छात्रा की आर्थिक मदद के लिए बड़ी संख्या में सहयोगी सामने आए
जीपीएम जिले के अलावा अन्य जिले से भी मिल रही आर्थिक मदद
छात्रा गंभीर हालत में रायपुर में भर्ती है
पेण्ड्रा / भालु के हमले से एक आंख गवां चुकी आदिवासी छात्रा के ईलाज के लिए शिक्षक, विभिन्न विभागों के कर्मचारी, अधिकारी, पुलिस कर्मी सहित बड़ी संख्या में लोग आर्थिक सहयोग करने सामने आए हैं। जीपीएम जिले के अलावा अन्य जिले से भी ऑनलाइन पेमेंट के माध्यम से आर्थिक मदद की जा रही है। छात्रा गंभीर हालत में रायपुर में भर्ती है जहां ईलाज कर रहे डॉक्टर बोले कि घाव बहुत गहरा है, जिसके सूखने के बाद ही आंख के नसों की जांच होगी और प्लास्टिक सर्जरी होगा।
बता दें कि मरवाही वन परिक्षेत्र के ग्राम नाका में दशहरा के दिन दोपहर 01 बजे 7वीं कक्षा में पढ़ने वाली 13 वर्षीय छात्रा सुनीता वाकरे पिता ईश्वर सिंह वाकरे पर बाड़ी में लगे अरहर की झाड़ियों में छिपे भालु ने हमला कर एक आंख एवं नाक को नोंच लिया और शरीर के अन्य हिस्सों के मांस नोंचकर गंभीर रूप से घायल कर दिया। जिसके बाद छात्रा की स्थिति गंभीर है और वह रायपुर में भर्ती है। छात्रा बहुत ही गरीब परिवार से है। उसके चेहरे के घाव बहुत ही गहरे हैं, जिन्हें सूखने में काफी दिन लगेंगे। वहीं छात्रा की हालत गंभीर होने के कारण वह खतरे से बाहर नहीं है इसलिए लोग आर्थिक सहयोग के साथ ही उसके लिए प्रार्थना भी कर रहे हैं। छात्रा के ईलाज के लिए आर्थिक सहायता करने वालों की क्षेत्र में सराहना हो रही है।
जिस स्कूल में छात्रा पढ़ती है उस स्कूल के शिक्षक मोहम्मद जहीर अब्बास, हरदीन लहरे और ग्रामीण मोहम्मद अकील छात्रा को देखने रायपुर के अस्पताल पहुंचकर डॉक्टरों से छात्रा का हालचाल जाना। डॉक्टरों ने उन्हें बताया कि सर्जरी विभाग के अलावा नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉक्टर भी छात्रा के ईलाज में लगे हुए हैं। उन्होंने बताया कि भालू ने पंजे से हमला करके छात्रा का जो आंख निकाल दिया है वो आंख अपनी जगह से अलग होकर किनारे होकर चमड़ी के सहारे अब भी शरीर में है। उन्होंने बताया कि छात्रा की हालत में सुधार होने के बाद आंख की जांच की जाएगी कि उसमें रोशनी बची है या नहीं।
घायल छात्रा के ईलाज में किसी तरह की कमी नहीं होने दी जाएगी – डीएफओ
मरवाही वन मंडल के डीएफओ शशि कुमार ने बताया कि वो घायल छात्रा की स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं और पीड़ित परिवार को आश्वस्त किए हैं कि छात्रा के ईलाज में किसी तरह की कमी नहीं होने दी जाएगी। उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ने पर नेत्र प्रत्यर्पण का पूरा खर्च वन विभाग के द्वारा उठाया जाएगा और छात्रा के चेहरे को वन विभाग द्वारा प्लास्टिक सर्जरी के माध्यम से ठीक करवाया जाएगा।


