
सांस्कृतिक स्रोत एवं प्रशिक्षण केंद्र के निदेशक ऋषि वशिष्ठ के निर्देशन, उपनिदेशक डॉ राहुल कुमार के मार्गदर्शन में क्षेत्रीय केंद्र दमोह द्वारा “विद्यालय शिक्षा में हस्तकला कौशल का समावेश” विषय पर कार्यशाला का शुभारंभ हुआ। 10 दिन तक चलने वाली इस कार्यशाला में पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, महाराष्ट्र एवं मध्य प्रदेश से शिक्षक इस कार्यशाला में प्रतिभाग करने दमोह पहुंचे। इस कार्यशाला में खैरागढ़ से श्रीमती विभा पाटकर एवं श्री रुपेश कुमार देशमुख भी सम्मिलित हुए, जिन्होंने अपनी छत्तीसगढ़ी संस्कृति की झलक को राष्ट्रीय मंच पर दिखलाया और खूब वाहवाही बटोरी। बीआरसी श्री सुजीत सिंह चौहान ने बताया कि इन 10 दिनों तक श्रीमती विभा पाटकर विभिन्न प्रदेशों के सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भी सहभागी रही। पंजाब के लोक संस्कृति के कार्यक्रम “जागो” में श्रीमती विभा पाटकर ने ‘पंजाबन’ की भूमिका निभाई। महाराष्ट्र के “कोली” नृत्य एवं आंध्र प्रदेश के कल्चर डांस में भी सम्मिलित हुई। 10 दिनों के दौरान सभी कार्यक्रमों में सक्रिय रहते हुए सीसीआरटी केंद्र दमोह में खैरागढ़ (छत्तीसगढ़) की शान व सम्मान को बढ़ाया। उल्लेखनीय है कि श्रीमती विभा पाटकर को माननीय कलेक्टर महोदय द्वारा जिले का उत्कृष्ट शिक्षक पुरस्कार, मुख्यमंत्री गौरव अलंकरण पुरस्कार ‘शिक्षा दूत’ एवं एफएलएन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए भी इन्हें सम्मानित किया जा चुका है। सीसीआरटी में उनकी इस उपलब्धि पर समस्त स्टाफ बढ़ईटोला ,प्राचार्य श्री चन्द्रभान साहू, संकुल समन्यवक श्री धृतेन्द्र सिंह , बीआरसी श्री सुजीत सिंह चौहान, विकास खंड शिक्षा अधिकारी सुश्री नीलम सिंह एवं जिला शिक्षा अधिकारी श्री के.वी. राव जी ने इन्हें बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए इनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।


