शिक्षक मोर्चा ने किया प्रदेश के 1,80,000 शिक्षको से विश्वासघात…
आंदोलन रद्द करने के लिए सरकार से कितने में हुई सेटिंग बताएं पांच पांडव – जाकेश साहू
रायपुर //-
31 जुलाई से पूर्व घोषित आंदोलन अचानक बिना किसी मांग पूरा हुए नाटकीय अंदाज में स्थगित होने पर प्रदेश के कर्मचारी एवं शिक्षक नेता जाकेश साहू ने शिक्षक मोर्चा के पांच प्रदेश संयोजको पर करारा प्रहार करते हुए इन नेताओं को विश्वासघाती और धोखेबाज बताया है।
जाकेश साहू ने इस पूरे मामले में अपनी कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रदेशभर के 1,80,000 आम शिक्षक एलबी संवर्ग साथियो से अपील की है कि प्रत्येक ब्लाको में सभी साथीगण अब उक्त संगठनों से इस्तीफा दे। तत्पश्चात सभी मिलकर राजधानी में एक बड़ी बैठक कर सभी मिलकर सबके सहमति से एक नया मंच बनाएंगे और 10 सदस्यीय प्रदेश टीम बनाकर फिर नए सिरे से आंदोलन की शुरुवात करेंगे।
प्रदेश के तेजतर्रार शिक्षक नेता जाकेश साहू ने बताया कि विगत पांच सालों में राज्य के शिक्षक समय समय पर विभिन्न समस्याओं से जूझते रहे लेकिन ये पांचो नेता आपस में कभी एक नहीं हुए बल्कि हमेशा एक दूसरे से लड़ते रहे। चाहे स्थानातरित शिक्षको का मुद्दा हो, अतिशेष शिक्षको का मुद्दा हो, वरिष्ठता प्रभावित शिक्षको का विषय हो, कवर्धा के अतिशेष शिक्षको का मामला हो, सहायक शिक्षको का स्थानांतरण हो या और कोई मुद्दा हो। विगत पांच सालों में शिक्षको के मुद्दे पर ये लोग कभी एक मंच में नहीं आ सके। बल्कि कवर्धा के स्थानांतरित शिक्षको, सहायक शिक्षको के स्थानांतरण सहित अनेक मुद्दों पर वे खुद साथियो को लेकर आंदोलन किए साथ ही सोशल मीडिया में प्रत्येक मुद्दे पर सक्रियता से मैदान में डटे रहे है।
अंततः चुनाव के नजदीक जब ये पांचो एक हुए तब 16 जुलाई को राजधानी में एकदिवसीय प्रदर्शन किए। साथ ही 31 जुलाई से अनिश्चितकालीन आंदोलन में जाने का सर्वसम्मति से ऐलान हुआ था।
31 जुलाई से लोग आंदोलन में जाने एकदम उत्सुक थे। चूंकि प्रदेश के शिक्षको की एक भी मांगे पूरी नहीं हुई है और आंदोलन को चालू होने से पहले ही ये लोग समाप्त कर दिए।
ऐसे में आज प्रदेश का हर एक शिक्षको में मन मे यह सवाल उठ रहा है कि बिना कोई मांग पूरा हुए आखिर आंदोलन क्यो रद्द कर दिया गया। आखिर आंदोलन समाप्त करने के लिए पर्दे के पीछे से सरकार के साथ इन पांचो पांडवो की क्या डीलिंग हुई और प्रदेश के शिक्षको के भविष्य से खुलेआम विश्वासघात करने की सरकार ने इन्हें क्या कीमत दी…???? प्रदेश का आम शिक्षक अब यह जानना चाहता है।