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हजारों शिक्षकों को लगा झटका : ट्रांसफर से वरिष्ठता होगी प्रभावित,पंचायत विभाग से मिली वरिष्ठता सूची से हुई शिक्षा विभाग में वरिष्ठता निर्धारण

रायपुर। स्थानांतरण से  होगी वरिष्ठता प्रभावित इस संबंध में स्कूल शिक्षा मंत्री रवींद्र चौबे ने दिया उत्तर

 

प्रदेश में संचालित स्कूलों की संख्या एवं शिक्षकों की कमी
[स्कूल शिक्षा]
3. ( क्र. 31 ) श्री अजय चन्द्राकर: क्या पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे
कि :- (क) 20 जून, 2023 की स्थिति में प्रदेश में कितने प्राथमिक/पूर्व माध्यमिक/ हाईस्कूल/हायर सेकण्डरी स्कूल संचालित हैं? अलग-अलग बतायें? इन स्कूलों में कितने-कितने शिक्षक (अध्यापक) कार्यरत हैं?
शासन के किन मापदण्डों के आधार पर, इन स्कूलों में कितने शिक्षक होने चाहिये व कितने शिक्षकों की कमी है?

(ख) विभाग द्वारा स्कूलों में एकल शिक्षक के संबंध में क्या-क्या दिशा-निर्देश हैं? इन दिशा-निर्देशों के 21 जुलाई 2023]
आधार पर उक्त कितने स्कूलों में एकल शिक्षक व एक भी शिक्षक कार्यरत नहीं हैं और जहां एक भी शिक्षक कार्यरत् नहीं हैं, वहां की स्कूली शिक्षण व्यवस्था कैसे की जा रही है? (ग) जनवरी, 2019 से 31.01.2023 तक कितने नक्सल प्रभावित बंद स्कूलों को प्रारंभ किया गया? कितने स्कूल, भवन-विहीन थे? उनमें कितने शिक्षक कार्यरत् रहे तथा उनमें से कितने ऐसे स्कूल हैं जिनमें एक भी शिक्षक कार्यरत नही थे? जब एक भी शिक्षक कार्यरत् नहीं थे, उस स्थिति में वहां की स्कूली शिक्षण व्यवस्था कैसे की जा रही थी?
36 पंचायत एवं गामीण विकास मंत्री ( श्री रविन्द्र चौबे ) : (क) प्रश्नांकित स्थिति में 31474 शासकीय प्राथमिक
शालाएं, 13331 शासकीय पूर्व माध्यमिक शालाएं, 1960 हाईस्कूल एवं 2740 हायर सेकेण्डरी स्कूल संचालित
है। इन स्कूलों में 165477 शिक्षक (अध्यापक) कार्यरत हैं। शासन द्वारा स्वीकृत पद संरचना अनुसार 214306
पद होना चाहिए। वर्तमान में 48829 शिक्षक संवर्ग की कमी है। (ख) विभाग द्वारा सीधी भर्ती एवं पदोन्नति
प्रक्रिया में ऐसे स्कूलों में प्राथमिकता से पदस्थापना का निर्देश है। 5641 शालाएं एकल शिक्षकीय व 360
शालाओं में एक भी शिक्षक कार्यरत नहीं हैं।

जहां एक भी शिक्षक कार्यरत नहीं हैं वहां निकट की शालाओं से अध्यापन व्यवस्था की गई है। (ग) जनवरी, 2019 से 31.01.2023 तक 275 नक्सल प्रभावित बंद स्कूलों को
प्रारंभ किया गया। इनमें से 248 भवन विहीन थे, इनमें 218 शिक्षक कार्यरत थे तथा 80 शालाओं में एक भी शिक्षक कार्यरत नहीं था। इन शालाओं में स्कूली शिक्षण व्यवस्था शिक्षादूत के माध्यम से कराया जा रहा था।
स्कूल शिक्षा विभाग में शिक्षकों का वरिष्ठता निर्धारण
[स्कूल शिक्षा]
41. ( क्र. 514 ) श्रीमती यशोदा निलाम्बर वर्मा: क्या पंचायत एवं गामीण विकास मंत्री महोदय यह बताने
की कृपा करेंगे कि:- (क) संविलियन उपरांत सहायक शिक्षकों को वन टाइम रिलेक्सेशन के तहत दी गई
पदोन्नति हेतु वरिष्ठता का आधार क्या था? (ख) क्या संविलियन उपरांत पदोन्नति प्रक्रिया में जिस क्रम में
शिक्षकों का संविलियन हुआ है, उसी क्रम में पदोन्नति दी गई है? यदि नहीं तो किस नियम से?

(ग) एक ही शिक्षा संभाग अंतर्गत जिलों से स्थानांतरण होकर आए सहायक शिक्षकों का वरिष्ठता निर्धारण नियम क्या है?
पंचायत एवं गामीण विकास मंत्री ( श्री रविन्द्र चौबे ): (क) पंचायत विभाग द्वारा प्रदाय की गई वरिष्ठता सूची वरिष्ठता का आधार थी। (ख) वरिष्ठता सूची के अनुसार पदोन्नति प्रक्रिया की गई है। (ग) स्वैच्छिक अंतर जिला स्थानांतरण के प्रकरणों में स्थानांतरित सहायक शिक्षकों को कार्यभार ग्रहण करने के दिनांक को जिले की वरिष्ठता सूची के सबसे नीचे रखने का नियम है।

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