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शिक्षकों के पोस्टिंग संशोधन में करोड़ों रुपए वसूले जाने की शिकायत पर बिलासपुर जेडी प्रसाद और क्लर्क सस्पेंड मुख्यमंत्री के कड़े रुख के कारण मंत्रालय से जारी किया गया कार्यवाही आदेश संशोधन आदेश निरस्त होगा तो शिक्षा विभाग के दलालों के बहुत बड़े रैकेट का खुलासा होगा मरवाही के कांग्रेस नेता ने किया था शिकायत

पेण्ड्रा/दिनांक 19 जुलाई 2023

शिक्षकों के पोस्टिंग संशोधन में करोड़ों रुपए वसूले जाने की शिकायत पर बिलासपुर जेडी प्रसाद और क्लर्क सस्पेंड

मुख्यमंत्री के कड़े रुख के कारण मंत्रालय से जारी किया गया कार्यवाही आदेश

संशोधन आदेश निरस्त होगा तो शिक्षा विभाग के दलालों के बहुत बड़े रैकेट का खुलासा होगा

मरवाही के कांग्रेस नेता ने किया था शिकायत

 

 

पेण्ड्रा / एलबी संवर्ग के सहायक शिक्षक से शिक्षक और शिक्षक से प्रधान पाठक पद पर पदोन्नति के बाद 778 पोस्टिंग आदेश में संशोधन कर करोड़ों रुपए वसूलने वाले शिक्षा विभाग बिलासपुर के प्रभारी संयुक्त संचालक एसके प्रसाद और लिपिक विकास तिवारी को शासन ने बुधवार को आदेश जारी कर सस्पेंड कर दिया है। शिकायतकर्ता ने 400 से अधिक शिक्षकों के पोस्टिंग स्थल को संशोधित कर शिक्षकों से अवैध रूप से 4 से 5 करोड़ रुपए वसूले जाने की शिकायत की थी लेकिन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश के बाद हुए जांच में खुलासा हुआ कि 400 नहीं बल्कि 778 पोस्टिंग आदेश संशोधित किए गए। इसलिए ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है और लगभग 10 करोड़ रुपए की अवैध वसूली की गई है। जिन स्कूलों में संशोधन किया गया है उनमें से अधिकतर स्कूलों के नाम काउंसिलिंग के दौरान सार्वजनिक नहीं किए गए थे इसलिए पूरी की पूरी काउंसिलिंग प्रक्रिया ही दूषित हो गई है इसलिए अब यह देखना होगा कि क्या शासन संशोधन आदेश को निरस्त करती है या नहीं। यदि शासन ने संशोधन आदेश निरस्त कर दिया तो लाखों रुपए देकर संशोधन कराने वाले अपने रूपये की वापस वसूली के लिए संयुक्त संचालक एसके प्रसाद और क्लर्क तथा इनके दलालों के पीछे पड़ जायेंगे जिससे शिक्षा विभाग के दलालों के बहुत बड़े रैकेट का खुलासा होगा।

इस संबंध में मरवाही के वरिष्ठ कांग्रेस नेता डॉ नरेन्द्र राय ने मुख्यमंत्री से शिकायत किया था कि 400 से अधिक ट्रांसफर में चार से पांच करोड़ का खेल किया गया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस मामले को गंभीरता से लिया और इसके बाद स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डॉ आलोक शुक्ला को जांच कराने का निर्देश दिया। प्रमुख सचिव ने बिलासपुर के कमिश्नर भीम सिंह को बिलासपुर के संयुक्त संचालक एसके प्रसाद के खिलाफ ट्रांसफर पोस्टिंग में गड़बड़ी के शिकायत की जांच करने को कहा है। इसके बाद जांच में खुलासा हुआ कि 778 संशोधन किए गए हैं।

दलालों के माध्यम से जेडी पर करोड़ों की वसूली का आरोप

आरोप है कि बिलासपुर के संयुक्त संचालक एसके प्रसाद ने सहायक शिक्षक से शिक्षक के प्रमोशन में बड़ा खेल किया। सुनियोजित तौर पर पहले प्रमोशन के बाद पोस्टिंग के लिए काउंसिलिंग में दूर के स्कूल में रिक्त पद दिखाए गए जिससे शिक्षकों ने मजबूरी वश दूर के स्कूल चुने। उसके बाद शिक्षकों के पोस्टिंग को संशोधित करते हुए शहर के आसपास के स्कूलों में पोस्टिंग दे दी। इसके लिए डेढ़ से दो लाख रूपये एक शिक्षक से वसूला गया।

पोस्टिंग में इस तरह से खेला गया करोड़ों का खेल ?

दरअसल शासन ने सहायक शिक्षक से शिक्षक पद पर पदोन्नति हेतु पारदर्शिता बरतने के लिए काउंसिलिंग प्रक्रिया अपनाई। लेकिन बिलासपुर संभाग के संयुक्त संचालक एसके प्रसाद ने काउंसिलिंग का तोड़ निकाल लिया। उन्होंने सीधी भर्ती वालों के लिए रिक्त पद रखने का बहाना बनाते हुए शहर के आसपास के सुविधाजनक स्कूलों के लगभग 50% रिक्त स्थानों के नाम छिपा लिए। इसके कारण काउंसिलिंग में मजबूरी वश शिक्षकों को दूरस्थ के स्कूलों को चुनना पड़ा।

दूरस्थ स्कूल चुनने के बाद शुरु हुआ दलालों का खेल

काउंसिलिंग में दूरस्थ स्कूल चुनने के बाद दलालों का खेल शुरू हुआ और दलालों के माध्यम से डेढ़ से दो लाख रुपए वसूलकर 778 शिक्षकों के पोस्टिंग स्थल को संशोधित कर उनकी पोस्टिंग सुविधाजनक स्कूलों में कर दिया गया। चूंकि यह पदोन्नति संभाग स्तरीय था इसलिए बिलासपुर संभाग के सभी जिले के शिक्षकों से मनचाहे स्कूल में पोस्टिंग के लिए दलालों के माध्यम से लाखों रुपए वसूलकर बड़े पैमाने पर संशोधन का खेल खेला गया।

संशोधन से पहले और बाद के रिक्त स्कूलों की सूची के मिलान से गड़बड़ी का खुलासा होगा

यदि काउंसिलिंग में सार्वजनिक किए गए रिक्त स्कूलों की सूची और संशोधन के बाद के पोस्टिंग किए गए स्कूलों की सूची का मिलान किया गया तो तत्काल घोटाला पकड़ में आ जायेगा।

जब संशोधन आदेश निरस्त होंगे तब दलालों के रैकेट का खुलासा होगा

अगर शासन प्रशासन दलालों के रैकेट तक पहुंचना चाहती है तो उसे संशोधन आदेश निरस्त कर देना चाहिए क्योंकि जब संशोधन आदेश निरस्त होंगे तब दलालों के रैकेट का खुलासा होगा। संशोधन निरस्त होने के बाद सभी शिक्षक अपने रूपये वापस लेने के लिए दलालों के पीछे पड़ जायेंगे जिससे दलालों के नाम सार्वजानिक होंगे और फिर इन पर कानूनी कार्यवाही भी कराई जा सकेगी।

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