जीपीएम जिला कलेक्ट्रेट भवन जिले के मध्य क्षेत्र में बनाने की मांग मरवाही और पेण्ड्रा के नागरिकों ने की
जन सुविधा व संतुलित विकास के लिए मध्य में कार्यालय होना जरूरी बताया
मिशनरी की जमीन में पेड़ काटने की अनुमति देकर निर्माण का प्रयास किया जा रहा
अधिकारियों की सुविधा के लिए सेनेटोरियम परिसर गुरुकुल में कार्यालय बनाने का आरोप
मरवाही के वर्तमान और पूर्व विधायक भी जिले के मध्य में कलेक्ट्रेट बनाने के पक्ष में
पेण्ड्रा / जिला गौरेला पेण्ड्रा मरवाही का संतुलित विकास करने के लिए सबसे बड़ी आबादी वाले मरवाही ब्लॉक और जिले के मध्य में पड़ने वाले पेण्ड्रा ब्लॉक के लोगों की भावनाओं को ध्यान में रखकर जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय भवन जिले के मध्य क्षेत्र में बनाने की मांग मरवाही और पेण्ड्रा के नागरिकों के द्वारा की जा रही है। मरवाही के वर्तमान और पूर्व विधायक भी जिले के मध्य में कलेक्ट्रेट बनाने के पक्ष में हैं। नागरिकों ने आरोप लगाया है कि जन सुविधा को दरकिनार करते हुए अधिकारियों की सुविधा को ध्यान में रखकर जिला कार्यालय भवन निर्माण गुरुकुल में कराने का प्रयास किया जा रहा है जिससे कि अधिकारियों को रुकने के लिए रेस्ट हाऊस और बंगला मिल सके और बहुत से अधिकारी अपनी सुविधा अनुसार मनमाने तरीके से रोज ट्रेन पकड़कर बिलासपुर से आना जाना कर सकें। बता दें कि जिस भूमि में कलेक्ट्रेट बनाने के पेड़ काटने की अनुमति देकर सैकड़ों साल पुराने पेड़ काट दिए गए, वह भूमि ईसाई मिशनरी की है और उस भूमि में किसी भी प्रकार के निर्माण कार्य और पेड़ काटने की अनुमति मिशनरी ने कभी नहीं मांगी है। उस भूमि में मालिकाना हक स्पष्ट किए बिना कोई भी निर्माण भविष्य में न्यायालीन विवादों से घिर सकता है, जिससे निर्माण कार्य में भी बाधा आ सकती है।
जीपीएम जिला कार्यालय भवन निर्माण के लिए गुरुकुल सेनेटोरियम परिसर के सैकड़ों साल पुराने हरे भरे वृक्षों की कटाई को लेकर नागरिकों में पहले से ही रोष है वहीं नागरिकों का कहना है कि मरीजों के स्वास्थ की दृष्टि से सेनेटोरियम जिला अस्पताल और आदिवासियों के आवासीय शैक्षणिक संस्थान गुरुकुल परिसर में कोलाहल वाले जिला कार्यालय भवन को बनाया जाना हर दृष्टिकोण से अनुचित है क्योंकि इन कार्यालयों में जहां एक ओर जिले भर के लोग आते जाते रहते हैं वहीं दूसरी ओर यहां आए दिन धरना प्रदर्शन होते रहते हैं।
नागरिकों की मांग है कि जिस तरह से जन सुविधा के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जिला निर्माण किया उसी तरह से जन सुविधा को ध्यान में रखकर मध्य क्षेत्र में जिला कार्यालय भवन निर्माण कराया जाना चाहिए।
तत्कालीन कलेक्टर ने ग्राम कोदवाही में 50 एकड़ भूमि चयनित किया था
10 फरवरी 2020 को अस्तित्व में आए जीपीएम जिले की पहली कलेक्टर शिखा राजपूत तिवारी ने जिला मुख्यालय बनाने के लिए मरवाही विकासखंड के ग्राम पंचायत कोदवाही में शासन की 50 एकड़ से ज्यादा जमीन का चयन किया गया था जिससे कि जिले के तीनों विकासखण्ड पेण्ड्रा, गौरेला, मरवाही वालों के लिए यह स्थान मध्य में पड़ता। मुख्यमंत्री ने पसान आरआई सर्किल को भी जीपीएम जिले में शामिल करने की घोषणा की थी। कोदवाही उनके लिए भी सुलभ रहता और बीच में मुख्यालय बनने से समुचित विकास होता। मध्य में स्थित होने के कारण आजादी से पहले पेण्ड्रा जमींदारी छत्तीसगढ़ के 7 गढ़ सतगढ़ जमींदारी का मुख्यालय रहा है और इसलिए जिला कार्यालय के लिए पेण्ड्रा को भी सबसे उपयुक्त स्थान माना जा रहा है।
स्वास्थ शिक्षा के लिए अनुबंधित मिशनरी की भूमि में कलेक्ट्रेट बनाने का प्रयास
सेनेटोरियम गुरुकुल परिसर में जहां कलेक्ट्रेट जिला कार्यालय भवन बनाने के लिए पेड़ काटे गए हैं वो जमीन ईसाई मिशनरी की है। आजादी से पहले ईसाई मिशनरी ने यह जमीन स्वास्थ की दृष्टि से सेनेटोरियम अस्पताल के लिए आरक्षित रखा था। उसके बाद सन 1981-82 में मध्य प्रदेश शासन के तत्कालीन मंत्री भंवर सिंह पोर्ते के आग्रह पर मिशनरी ने इसी परिसर में काफी बड़ी भूमि आदिवासियों के आवासीय और अच्छी शिक्षा के लिए गुरुकुल आवासीय परिसर को दान दे दिया था। शैक्षणिक उद्देश्य से दिए गए भूमि का बाकायदा अनुबंध में उल्लेख है। जिससे कि यहां गुरुकुल स्थापित हो सका। अब मिशनरी और गुरुकुल की भूमि में कलेक्ट्रेट जिला कार्यालय बनाने का प्रयास हो रहा है जिसका क्षेत्र के आदिवासी जनप्रतिनिधि के साथ साथ गुरुकुल के पूर्व और वर्तमान विद्यार्थी भी विरोध कर रहे हैं। स्थिति यह निर्मित हो गई है कि गुरुकुल स्कूल को कहीं और भेजने की तैयारी कर ली गई है।
जनप्रतिनिधि भी मध्य क्षेत्र में कलेक्ट्रेट बनाने के पक्षधर
जनपद अध्यक्ष मरवाही प्रताप मरावी ने बताया कि जिला बनाने का उद्देश्य समुचित विकास मगर विकास सिमट कर रह गया है मरवाही विकासखंड में लगभग एक लाख मतदाता निवास करते हैं उनका ध्यान रखना शासन का पहला कर्तव्य है जिला मुख्यालय ऐसी जगह बने जिससे तीनों विकास खंडों का समुचित विकास हो। वहीं जनपद पंचायत पेण्ड्रा की अध्यक्ष आशा मरावी ने कहा कि जिला कार्यालय ऐसी जगह बने कि जिससे तीनों विकास खंडों के आम नागरिकों को उसका लाभ मिल सके। गुरुकुल में जिला कार्यालय का निर्माण करना उचित नहीं है इससे विकास सिमट कर रह जाएगा।
वही मरवाही विधानसभा के विधायक डॉ केके ध्रुव ने कहा कि जिला मुख्यालय का सेटअप ऐसा होना चाहिए की तीनों विकासखंड के मध्य में बने ताकि सभी वर्गों को इसका लाभ मिल सके आवागमन में सुविधा हो एवं अंतिम छोर में बसे ग्रामीणों को उसका लाभ मिल सके।
वहीं जिला पंचायत अध्यक्ष अरुण चौहान ने कहा कि जिला मुख्यालय का निर्माण ऐसी जगह होना चाहिए कि तीनों विकास खंडों को इसका लाभ मिल सके। मरवाही जनपद सदस्य आयुष मिश्रा ने बताया कि एक ही जगह पर सभी जिला कार्यालयों का निर्माण अन्य ब्लॉक के लिए सौतेला व्यवहार है अतः शासन को इस ओर विशेष ध्यान देकर पूरे जिले के मध्य स्थल का चयन करना चाहिए।


