धोखेबाज पँचमूर्ति के साथ जा मिलना….. वर्ग 03 एवं प्रधान पाठको के साथ गद्दारी…..
प्रत्येक माह 20 हजार रुपये के नुकसान के लिए पँचमूर्ति जिम्मेदार…… – जाकेश साहू
रायपुर //-
संजय शर्मा, विरेन्द्र दुबे, केदार जैन और विकास राजपूत के साथ मनीष मिश्रा का मिलकर….. शिक्षक संघर्ष मोर्चा बनाने और आंदोलन के ऐलान करने को लेकर अपनी तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कर्मचारी नेता, सहायक शिक्षक फेडरेशन के संस्थापक एवं प्रधान पाठक मंच के प्रांताध्यक्ष जाकेश साहू ने कहा है कि 2017 में यही चार लोग अर्थात संजू (संजय) केदु (केदार), वीरू (विरेन्द्र) और विक्की (विकास)….. आंदोलन को बीच मझधार में छोड़कर आधीरात को भाग गए थे….. बाद में सरकार ने जो दिया वो अपने हिसाब से….. यदि ये लोग आंदोलन को बीच रास्ते मे छोड़कर आधीरात को नहीं भागते ….. तो वर्ग तीन के मांगो को लेकर आंदोलन के चलते सरकार से ठोस बातचीत होती तभी आंदोलन खत्म किया जाता….. अब इस बार क्या गारंटी कि ये लोग इस बार भी पिछली बार की तरह आंदोलन छोड़कर…. वर्ग तीन और प्राथमिक प्रधान पाठक को बीच मझधार में छोड़कर नहीं भागेंगे……
???????? 1998 में दो शिक्षक वर्ग तीन के पद पर नियुक्त हुए….. इन दो में एक व्यक्ति पदोन्नत होकर वर्ग 2 बन गया…. उसके बाद वह फिर दोबारा पदोन्नत होकर वर्ग 01 बन गया…. आज इनका वेतन लगभग 69 हजार रुपये बन रहा है…. अब वह दूसरा वर्ग तीन शिक्षक जो पदोन्नत नहीं हुआ और आज भी वर्ग 03 था और वह अभी पदोन्नत होकर प्राथमिक प्रधान पाठक बना है…. इस गुरुजी को अभी मात्र 48 हजार रुपये वेतन मिल रहा…… मतलब एक ही बैच के दो शिक्षको के वेतन में 21 हजार रुपये का भयंकर अंतर और वह भी प्रत्येक माह…. इसके लिए यही चार लोग जिम्मेदार है…..वीरू, संजू, केंदू और विक्की…
➡️ वर्ष 2013 में भी जब यही लोग आंदोलन की अगुवाई किए थे ….. तब भी हमारे साथ जबर्दस्त छल हुआ….. उस समय नियमित शिक्षको के समतुल्य वेतनमान निर्धारण हुआ…. 9300+4300…. 9300+4200….. और 5200+2400….. उस समय भी इन लोगो ने उक्त वेतनमान में सुधार नहीं करवाया…..
इसी 2013 में क्रमोन्नति वेतनमान को भूतलक्षी प्रभाव से खत्म कर दिया गया….. तब भी इन लोगो मे इनका विरोध नहीं किया क्योंकि ये चारो लोग वर्ग दो और वर्ग एक बनकर 9300+4300 तथा 9300+4200 पा लिए…
???????? आप सभी साथी जो पहले वर्ग तीन थे या अभी वर्ग तीन है…. आप लोग अपने ही बैच के वर्ग एक अथवा वर्ग दो के वेतन से अपने वेतन की तुलना कर लीजिए….. 10 से 12, 15 और 18, 20 व 21 हजार का अंतर आता है।
इसके लिए जिम्मेदार यही लोग है जो अभी 5 लोग मिलकर आंदोलन की घोषणा किए है…. ये लोग चाहते तो ऐसा नहीं होता….
हम 1,09,000 वर्ग तीन और प्राथमिक प्रधान पाठको के साथ एक बार फिर से धोखा न हो … इसके लिए क्या करें…?????
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???????? इसके लिए आवश्यक है कि हम सभी तब तक उक्त “छत्तीसगढ़ संयुक्त शिक्षक संघर्ष मोर्चा” के आंदोलन का हिस्सा न बने ….. जब तक कि निम्न वर्ग तीन और प्राथमिक प्रधान पाठक मंच के नेताओ को उक्त “मोर्चा” का हिस्सा न बना लिया जाए…. जाकेश साहू, भूपेंद्र बनाफर, शिव सारथी, राजेश पाल, शिवा मिश्रा, शंकर साहू, प्रदीप लहरे, कृष्ण कुमार नवरंग, लैलूंन कुमार भरतद्वाज, गिरीश केशकर आदि…
अन्यथा हम लोग बिना सोंचे समझे आंदोलन में सम्मिलित हुए तो एक बार फिर हम लोग छले जाएंगे …. और ये लोग अपना प्राचार्य पद में पदोन्नति व पेंशन आदि की मांग को पूरा करवाकर आंदोलन खत्म कर देंगे ……. और हम लोग एक बार फिर फिर भीड़ का हिस्सा बनकर …. आंदोलन करके सिर्फ इन्हीं लोगो की मांग पूरा करवाएंगे….
???????? यदि वर्ग तीन और प्रधान पाठक मंच का लगभग 5 से 7 प्रतिनिधि और रहेंगे तो हम लोग हमारी मांगो को प्राथमिकता देंगे….


