केंद्र और राज्य सरकार के बीच पिसता कर्मचारी,ops का उचित निर्धारण हो–कौशल अवस्थी
रायपुर–छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक फेडरेशन के कार्यकारी प्रांत अध्यक्ष कौशल अवस्थी ने कहा है की पुरानी पेंशन में जो संशोधन हुआ है और जो राजपत्र में प्रकाशित हुआ है,यह हम शिक्षक एलबी के लिए किसी भी प्रकार से उचित प्रतीत नहीं होता। इस संशोधन के हिसाब से ज्यादातर शिक्षक एलबी, जिनका दो हजार अट्ठारह या उसके बाद संविलियन हुआ है, वह पूर्ण पेंशन नहीं प्राप्त कर पाएंगे। कौशल अवस्थी ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार के नीतियों के बीच कर्मचारियों का शोषण होने जा रहा है जो कि गलत है।
यह बड़ी विडंबना है की हम शिक्षक एलबी समुदाय 1998 से लगातार संघर्ष करते आ रहे हैं। हमारी सेवा परिश्रम और मेहनत के बदले लगातार हमारे साथ छल ही होता आ रहा है। बड़ी मेहनत के बाद शिक्षाकर्मी बनाया गया, शिक्षाकर्मी बनने के बाद भूतलक्षी प्रभाव से क्रमोन्नति खत्म कर दिया गया। समय मान लागू किया गया, पुनरक्षित्त वेतनमान जब आया तो जिस वेतन से गणना किया जाना था,वहां से गणना न करके, गलत तरीके से गणना किया गया। इस प्रकार लगातार पूर्ववर्ती शासन– प्रशासन द्वारा शिक्षकों को छला गया।
*कांग्रेस सरकार के आने पर सभी शिक्षक एलबी को उम्मीद जगी थी कि यह सरकार कर्मचारियों के हित में काम करेगी। ओल्ड पेंशन लागू करके आदरणीय मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल जी ने सभी कर्मचारियों की उम्मीदों को जागृत कर दिया था,सबको हर्ष का एक मौका मिला था, लेकिन अब जो संशोधन राजपत्र में जारी किया गया है, इससे एक बार पुनः निराशा हाथ लगी है। सभी एलबी संगठनों को एक होकर, पुरानी पेंशन हेतु आवाज उठानी होगी। पुरानी पेंशन उचित तिथि एवं उचित संशोधन के साथ लागू किया जाना चाहिए। चुकीं हम शिक्षक एलबी पहले पंचायत विभाग में थे,फिर संविलियन के माध्यम से शिक्षा विभाग के सदस्य बने,एलबी संवर्ग के लिए, अलग से संशोधन होना चाहिए और पुरानी सेवा का हस्तांतरण कर प्रथम नियुक्ति से पुरानी पेंशन दी जानी चाहिए।
पूर्ण पेंशन की पात्रता हेतु जो 33 वर्ष का नियम है, उसे घटाकर 17 वर्ष या 20 वर्ष किया जाना चाहिए। कौशल अवस्थी ने माननीय मुख्यमंत्री जी से अपील किया है की, जो उम्मीदें कर्मचारियों के मन में जगी है,उसे पूरा करें और पुरानी पेंशन का लाभ सभी एलबी संवर्ग के शिक्षकों को हो ऐसा संशोधन करें। हमें माननीय श्री भूपेश बघेल जी से पूरी उम्मीद है और विश्वास भी है कि वह इस पर आवश्यक संशोधन कर पुनः नए सिरे से पुराने पेंशन की नीति लाएंगे।


