हाईकोर्ट और कलेक्टर के आदेश को धता बता कर फर्जी शिक्षा कर्मी को जिला पंचायत ने दिया अभयदान तत्कालीन सीईओ ने की न्यायालय की अवमानना
फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र जाँच रिपोर्ट👇👇👇
मा.हाईकोर्ट बिलासपुर प्रकरण1778/2017👇👇👇
गरियाबंद। सहायक शिक्षको की पदोन्नति प्रक्रिया के दौरान गरियाबंद जिले के मैनपुर जनपद क्षेत्र के 2005 बैंच के 51आपात्र शिक्षाकर्मियों को जहां हाईकोर्ट के आदेश 1778/2017 के विरुद्ध और न्यायालय कलेक्टर के पारित आदेश के तहत किसी भी प्रकार की कार्यवाही ना कर तत्कालीन जिला पंचायत सी ई ओ आर के खूटे ने फर्जीअनुभव प्रमाण पत्रधारक शिक्षको को बर्खास्त ना कर काम पर जारी रख कर अनैतिक लाभ दिया जो मा.हाईकोर्ट और न्यायालय कलेक्टर के पुनरीक्षण याचिका की घोर अवमानना है ज्ञात हो की कांग्रेस नेता बाबू लाल साहु की शिकायत पर जिला पंचायत की तीन सदस्यीय जाँच दल ने मैनपुर ब्लाक के शिक्षाकर्मी भर्ती फर्जी बाड़े की जाँच की जाँच मे तथ्य सामने आया की शासकीय संस्थाओ से फर्जी तौर पर अनुभव प्रमाण पत्र प्राप्त कर सैकड़ो लोगो ने योग्य लोगो के अधिकार का हनन कर नौकरी प्राप्त कर ली। जाँच रिपोर्ट सामने आने के बाद फर्जीअनुभव धारी शिक्षाकर्मियों ने नौकरी जाने के भय मे हाईकोर्ट बिलासपुर का दरवाजा खटखटाया और बिना समय दिये बर्खास्त करने के विरुद्ध अपील की हाईकोर्ट बिलासपुर न्यायाधीश न्यायमूर्ति प्रशांत मिश्रा ने अपील कर्ता सुनील कुमार अवस्थी के अपील क्रमांक 1778/2017 पर कलेक्टर गरियाबंद को किसी भी प्रतिकूल कार्यवाही करने से पूर्व नियमतः एक माह का समय अपीलार्थीयो को देने के आदेश दिये।
न्यायालय कलेक्टर गरियाबंद पुनरीक्षण याचिका👇👇
New Doc 2019-09-13 11.21.32-1.pdf-1
उक्त आदेश के पुनरीक्षण याचिका पर सुनवाई करते हुए पुनरीक्षण याचिका क्रमांक 18/अ -89/वर्ष 2015-16 आदेश दिनांक 19/8/2019 कलेक्टर गरियाबंद ने सुनील कुमार अवस्थी अन्य की पुनरीक्षण याचिका खारिज करते हुए जिला पंचायत गरियाबंद को विधिवत कार्यवाही करने दिया मतलब नियमतः एक महीना का समय देते हुए नोटिस देकर फर्जी अनुभव धारी शिक्षाकर्मियों को बर्खास्त करने के आदेश दिये परन्तु तत्कालीन सीईओ जिला पंचायत ने हाईकोर्ट और कलेक्टर न्यायालय के आदेश पर किसी प्रकार की कार्यवाही नही करते हुए फर्जी शिक्षाकर्मियों की नौकरी को यथावत रखा जिसके चलते फर्जी शिक्षाकर्मी बर्खास्त होने की जगह संविलियन होकर नियमित शिक्षक बन गये वही इनके सर्विस बुक मे न्यायालयीन प्रकरण का उल्लेख नही करते हुए मैनपुर जनपद सी ई ओ और बी ई ओ मैनपुर ने फर्जी शिक्षा कर्मियो को संविलियन कर फर्जी नौकरी को शासकीय करण कर दिये।
अब अगर लोगो को पता नही चलता तो ये पदोन्नति भी प्राप्त कर लेते फर्जी शिक्षाकर्मियो के संरक्षण मे जिला पंचायत जनपद पंचायत और बी ई ओ कार्यालय मैनपुर की प्रमुख भूमिका है जिन्होने न्यायालयीन तथ्यों को छुपा कर फर्जी शिक्षको को नौकरी पर बनाए रखा इन्होने माननीय हाईकोर्ट के आदेश की अवमानना खुलेआम की है इन अधिकारियो पर न्यायालय की अवमानना का प्रकरण बनता है और फर्जी शिक्षको को विगत पांच साल तक शासकीय धन से वेतन भत्ते का भुगतान हुआ जिसकी वसूली सम्बन्धित अधिकारियो से करवाने के लिए कुछ पीड़ित जन माननीय हाईकोर्ट के शरण मे जाने वाले है।
इतने गंभीर प्रकरण मे जिला कलेक्टर गरियाबंद अगर कड़ी कार्यवाही करेंगे तो उनको तत्कालीन जिला सी ई ओ ,जनपद सी ई ओ ,बी ई ओ मैनपुर पर कार्यवाही करनी पड़ेगी।


