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बड़ी खबर : एमपी में पदोन्नति पर आरक्षण को सरकार ने दी मंजूरी,अब छत्तीसगढ़ की बारी 11-12 अक्टूबर को हाईकोर्ट में होगी सुनवाई

रायपुर। एमपी सरकार ने राज्य में आरक्षण पर पदोन्नति को मंजूरी दे दी है वही छत्तीसगढ़ में पदोन्नति पर आरक्षण को लेकर 11-12 अक्टूबर को अंतिम सुनवाई है अब छत्तीसगढ़ में भी इस मामले पर निर्णय होने के आसार है पिन्गुआ कमेटी ने अपनी रिपोर्ट कोर्ट में पेश कर दी है।

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प्रमोशन में आरक्षण दिया जाएगा परंतु यदि आरक्षित वर्ग का अधिकारी और कर्मचारी नहीं मिला तो आरक्षण शून्य घोषित कर दिया जाएगा।
आरक्षित शासकीय सेवक के लिए किसी भी पद को अधिकतम 3 वर्ष तक खाली रखा जाएगा।
प्रतिवर्ष एक जनवरी की स्थिति में आरक्षित वर्ग के प्रतिनिधित्व की स्थिति का आकलन किया जाएगा। इसके आधार पर तय होगा कि अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग के अधिकारियों-कर्मचारियों को कितने प्रतिशत आरक्षण मिलेगा।
प्रतिवर्ष विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक होगी। इसमें रिक्तियों के आधार पर चयन सूची तैयार होगी।
पांच वर्ष के गोपनीय प्रतिवेदनों के समग्र मूल्यांकन के आधार पर अंक निर्धारित होंगे।
प्रथम श्रेणी के पद पर पदोन्नति के लिए न्यूनतम 15 अंक होने आवश्यक होंगे।
द्वितीय श्रेणी के पदों के लिए 14 अंक अनिवार्य होंगे।
तृतीय श्रेणी के लिए 12 अंक की अनिवार्यता रहेगी।

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