
रायपुर। (दख़ल छत्तीसगढ़ )-शिक्षको के पदोन्नति पर रोक की सुनवाई हाईकोर्ट के डिवीजन बैंच मे चल रही है इसी बीच सरगुजा सहित प्रदेश के कुछ संभाग मे प्राथमिक प्रधान पाठक के पदो पर पदोन्नति की कार्यवाही खबरे आ रही है वही प्रदेश का सहायक शिक्षक असमंजस मे है जब पदोन्नति पर न्यायालयीन रोक है तो पदोन्नति क्यो अगर प्राथमिक प्रधानपाठक के पद पर रोक नहीं तो 8-9 महीने तक पदोन्नति क्यो नहीं किये इन सवालों का जवाब तलाशने आज दख़ल छत्तीसगढ़ ने प्रयास किया ताकि प्रदेश का शिक्षक समाज पदोन्नति के मामले मे भ्रमित ना हो।
हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता और याचिकाकर्ताओ के अधिवक्ता श्री प्रतीक शर्मा ने इस संबंध मे स्पष्ट कर दिया की हाईकोर्ट मे पदोन्नति के one time relaxtion के तहत होने वाली समस्त पदो पर रोक लगी है जिन्हे पदोन्नति के पांच साल को तीन साल के तहत लाभ दिया जाएगा।
इस तरह जिस भी पद पर पदोन्नति के लिए 5साल को 3 साल शिथिल किया जाएगा उस पद पर पदोन्नति न्यायालय के फैसले तक बाधित रहेगा जिसमे सहायक शिक्षक को प्राथमिक प्रधानपाठक पद पर पदोन्नति भी शामिल है अगर इन पदो पर पदोन्नति की गई तो न्यायालय की अवमानना होगी।
अधिवक्ता प्रतीक शर्मा ने कहा की अगर रोक के बाद भी पदोन्नति की गई तो ऐसी सूचना मिलने पर अवमानना के दायरे मे आएगा और पदोन्नति कर्ताओं के विरुद्ध न्यायालय मे अवमानना याचिका दायर की जाएगी।


