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    रायपुर। लंबे समय से ड्यूटी से बिना सूचना के गायब शिक्षकों के विरुध्द कार्यवाही करने जेडी रायपुर ने सभी डीईओ को पत्र भेज कर कार्यवाही करने के दिये आदेश दिये है।

    सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित शासकीय सेवकों के विरूद्ध अनुशासनिक कार्यवाही किये जाने संबंधी निर्देश संदर्भित परिपत्र द्वारा जारी किये
    गये है।

    उक्त निर्देशों के अनुसार मूलभूत नियम-18 एवं छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण)
    नियम, 1965 के नियम-7 के प्रावधानों के तहत् अनाधिकृत अनुपस्थिति के संबंध में तत्काल
    कार्यवाही की जानी चाहिए। यह भी स्पष्ट किया गया है कि ऐसे शासकीय सेवक, जो
    -अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित रहते हैं, को विभागीय जांच के दौरान निलंबन में रखना
    आवश्यक नहीं है, क्योंकि ऐसा करने से वे निलंबन भत्ते आदि की मांग करते हैं।
    2 / उक्त निर्देशों के अनुसार पुनः यह निर्देश प्रदान किए जाते हैं कि जो शासकीय सेवक
    एक माह या उससे अधिक के लिए अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित रहते हैं, उनकी ऐसी
    अनाधिकृत अनुपस्थिति की अवधि को नियम 27 पेंशन नियम, 1976 सहपठित मूलभूत नियम
    17- ए के अधीन सभी उद्देश्यों के लिए सेवा व्यवधान माना जावे। ऐसे सेवकों को किसी
    प्रकार का अवकाश स्वीकृत नहीं किये जावे। साथ ही ऐसे शासकीय सेवकों के विरूद्ध
    छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण नियंत्रण तथा अपील) नियम, 1966 के प्रावधानों के तहत
    “दीर्घशास्ति” के लिए विभागीय जांच संस्थित की जावे एवं विभागीय जांच का निराकरण
    अधिकतम 6 माह की समयावधि में कर लिया जावे। आरोप सिद्ध होने पर सेवा से हटाने
    अथवा सेवा से पदच्युत करने की शास्ति दी जावे।
    3 / अनाधिकृत अनुपस्थिति संबंधी उपरोक्त कार्यवाही 30 दिवस से कम अवधि के लिए
    अनाधिकृत रूप से अनुपस्थिति रहने वाले अन्य कर्मचारियों के मामलों में भी की जानी
    चाहिए।

     एक माह से अधिक अवधि तक अनाधिकृत रूप सअनुपस्थित रहने वाले शासकीय सेवकों को उनके अवकाश काल के दौरान के पते एवं अंतिम ज्ञात पते दोनों पर ही इस आशय का सूचना-पत्र भेजा जाना चाहिए कि वह 15 दिवस में कारण बताएं कि क्यों न उनकी उक्त अनाधिकृत अनुपस्थिति को सेवा में व्यवधान मानते हुए पेंशन, उपादान आदि सामस्त उद्देश्यों के लिए उनकी सेवा पुस्तिका में इन्द्राज किया जाए ? सेवा में व्यवधान को समस्त प्रयोजन, जिनमें पेंशन संबंधी लाभ भी सम्मिलित है, के लिए उनकी तब तक की शासकीय सेवा का हरण माना जाएगा।
    उपरोक्त जारी निर्देशों का कड़ाई से पालन किया जाये।जिलावार सूची सत्र के साथ संलग्न है। बिन्दु कमांक 4 के अनुसार कार्यवाही सुनिश्चित करें।

    संभागीय संयुक्त संचालक ने जिलेवार अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित शिक्षकों व लिपिकों की सूची जारी करते हुए डीईओ को कार्रवाई के लिए कहा है।
    सूची के अनुसार रायपुर व गरियाबंद जिले में 7-7, धमतरी में 13,महासमुंद में 18 तथा बलौदाबाजार जिले में सर्वाधिक 31 शिक्षक व कर्मचारी लंबे समय से अनुपस्थित हैं। अनुपस्थित, अवधि को नियमित करने का खेल- कई शिक्षक व कर्मचारी लंबे समय से अनुपस्थित रहते हैं।

    इसके बाद भी जिला और ब्लॉक स्तर पर अनुपस्थिति अवधि को नियमित करने खेल चलता है। ऐसे शिक्षकों व कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई के बजाय ड्यूटी पर मानते हुए वेतन का भुगतान कर दिया जाता है।

    इस मामले को लेकर पिछले दिनों लोक शिक्षण संचालक ने नाराजगी जताते हुए गंभीरता से लेते हुए कार्रवाई करने के निर्देश सभी संयुक्त संचालकों एवं जिला शिक्षा अधिकारियों को दिए थे।

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